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Gangwar in Ambala: गैंगस्टर भुप्पी राणा ने ही करवाई थी रेकी, सनसनीखेज खुलासे के बाद बीआर गैंग पर शक की सुई

अंबाला के कालका चौक पर अंधाधुंध फायरिंग हुई थी। भुप्पी राणा गैंग के पंजा और राहुल की मौत हो गई थी। पुलिस ने भुप्पी राणा के खास राकेश को पकड़ा। उससे कई सनसनीखेज खुलासे किए। पुलिस कुरुक्षेत्र जेल से गैंगस्टर भूपेंद्र राणा को प्रोडक्शन वारंट पर लाई है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Fri, 02 Apr 2021 03:49 PM (IST)Updated: Fri, 02 Apr 2021 03:49 PM (IST)
Gangwar in Ambala: गैंगस्टर भुप्पी राणा ने ही करवाई थी रेकी, सनसनीखेज खुलासे के बाद बीआर गैंग पर शक की सुई
अंबाला पुलिस ने गैंगस्टर भुप्पी राणा का चार दिनका रिमांड लिया है।

अंबाला, जेएनएन। अंबाला शहर के कालका चौक पर गैंगवार के तार भुप्पी राणा गैंग से जुड़ रहे हैं। यहां अंधाधुंध गोलियां चलाकर प्रदीप उर्फ पंजा और राहुल की मौत के मामले में पुलिस कुरुक्षेत्र जेल में बंद गैंगस्टर भूपेंद्र राणा को प्रोडक्शन वारंट पर अंबाला लेकर आई। राणा को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसका चार दिन का रिमांड मंजूर हुआ है। रिमांड के दौरान आरोपित से इस हत्याकांड में पूछताछ की जाएगी। भुप्पी राणा ने ही कुरुक्षेत्र जेल से मनीष की रेकी के लिए राकेश कुमार निवासी इंद्रा कालोनी पंचकूला को भेजा था। लेकिन गफलत के चलते कालका चौक पर प्रदीप और राहुल को मौत के घाट उतार दिया था।

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उल्लेखनीय है कि कालका चौक पर 25 मार्च को वरना गाड़ी से चंडीगढ़ जा रहे प्रदीप व राहुल की हत्या कर दी गई थी। यह दोनों भूपेंद्र (भुप्पी) राणा के नजदीकी बताए जा रहे थे। पुलिस के शक की सूई लारेंस बिश्नोई गैंग पर घूम गई थी। इस मामले में बंबीहा गैंग ने पोस्ट कर बाउंसर अमित शर्मा उर्फ मीत की हत्या का बदला लेने की बात कही थी और कुछ देर बाद पोस्ट को हटा दिया था। इस मामले में पुलिस ने राकेश को गिरफ्तार किया था। राकेश से हुई पूछताछ में खुलासा हुआ था कि भुप्पी राणा ने ही उससे मनीष की रेकी करवाई थी। मनीष कोर्ट में पेशी पर आया था, जबकि राकेश ने उसे रोकने का प्रयास भी किया था। इसकी जानकारी बंबीहा गिरोह को दी थी, जिसने गफलत में प्रदीप और राहुल की हत्या कर दी थी। अब पुलिस ने भुप्पी राण को चार दिन के रिमांड पर लिया है, जिससे इस मामले में पूछताछ की जाएगी।

दो गुटों के बीच मारपीट बदली गैंगवार में

बरवाला कॉलेज में दो गुटों के बीच शुरू हुई छोटी सी मारपीट अब गैंगवार में बदलकर कई राज्यों में पहुंच गई है। यह गैंगवार एमआर ग्रुप के मोनू राणा और बीआर ग्रुप लीडर भुप्पी राणा के बीच लड़ाई नाक का सवाल बना रहा। अभी यह मामला शांत हुआ था कि अंबाला शहर के कालका चौंक पर गोलियां चला दी गई। अब भुप्पी को गोलीकांड में रैकी करने के मामले में रिमांड पर लिया गया है। इससे पहले भी गैंगवार में कई सदस्य अपनी जान गवां चुके हैं।

इस तरह शुरू हुई खूनी गैंगवार

वर्ष 2014 में बरवाला में एमआर और बीआर दोनों गुटों में एक बार फिर से खूनी संघर्ष हुआ। बरवाला से गाड़ियों में एक-दूसरे का पीछा करते हुए घटना बराड़ा तक पहुंच गई थी। यहां पुलिस पर भी गोलियां चली। 30 अक्टूबर 2015 को पुलिस ने मोस्ट वांटेड शमशेर सिंह उर्फ मोनू राणा निवासी थंबड़ समेत 7 हार्डकोर अपराधियों को पंचकूला पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके अलावा एमआर ग्रुप के नीरज उर्फ रैंबो निवासी रोहटी कुरुक्षेत्र, अमित मलिक उर्फ सागर निवासी गांव मखमलपुर जिला शामली उत्तर प्रदेश, पंकज निवासी गांव मखमलपुर शामली उत्तर प्रदेश, अजय सिंह निवासी गांव तेवर, खरड़, मोहाली, बलजिंद्र सिंह निवासी गांव तेवर, खरड़ मोहाली, सौरव निवासी डीएसओ माजरा को भी गिरफ्तार किया था।

जेल में मारपीट का बदला कोर्ट में लिया

पंचकूला कोर्ट के आदेशों पर मोनू राणा और बीआर गुट के सदस्यों को अंबाला सेंट्रल जेल में बंद किया गया। यहां मोनू राणा व उसके साथियों ने बीआर ग्रुप के कई सदस्यों पर जेल में ही जानलेवा हमला किया। इसके बाद जब पुलिस मोनू राणा व उसके एक अन्य साथी को यमुनानगर में दर्ज एक केस में उसे कोर्ट लेकर गई तो जनवरी 2017 में बीआर गुट ने उसका बदला कोर्ट में ही लिया। खुद भूप्पी राणा और उसके साथियों ने कोर्ट परिसर में पेशी के दौरान मोनू राणा व उसके साथियों पर गोलियां चलाई। मोनू की टांग पर तो एक एसआइ को भी गोली लगी थी। वारदात को अंजाम देने के बाद भूप्पी फरार हो गया था और उसका साथी शहजादपुर निवासी साहिल और बरवाला निवासी गौरव पकड़ा गया था। गौरव उर्फ रोड़ा नवंबर 2016 में ही भूप्पी गैंग से जुड़ा था और उसने बरवाला के भरे बाजार में सरेआम बतौड़ गांव के एक कॉलेज विद्यार्थी को गोली मारी थी।

बरवाला में युवक को गोलियां से भूना

बरवाला के भूपेश कुछ दिन पहले ही जेल से जमानत पर बाहर आया था। 17 अप्रैल, 2018 को दोनों गुटों की गैंगवार में बरवाला के भूपेश राणा पर फायरिंग कर हत्या कर दी थी। इसी महीने मोनू राणा जेल से जमानत पर रिहा होकर बाहर आया। उसने बराड़ा स्थित महाराणा प्रताप चौक के नजदीक अपने साथियों समते भुप्पी रणा गैंग से जुड़े विवेक को किराए पर ली गई गाड़ी में किडनैप किया। विवेक का शव डेराबस्सी के पास झाड़ियों में मिला।

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