बार-बार सुर्खियों में रहता है अंबाला का बाल बंदी गृह, लाठीचार्ज से लेकर सुसाइड कर चुके बाल बंदी
अंबाला का बाल बंदी गृह चर्चा में रहता है। अब यहां पर एक बाल बंदी ने आत्महत्या कर ली। इससे पहले बाल बंदियों पर लाठीचार्ज का मामला चर्चा में रहा था। वहीं बाल बंदियों ने कर्मचारियेां से भी मारपीट की थी।
अंबाला शहर, जागरण संवाददाता। अंबाला का बाल सुधार गृह एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार मामला मारपीट का नहीं है न ही यहां से कोई बाल बंदी फरार हुआ। इस बार मामला आत्महत्या का है। दरअसल शुक्रवार दोपहर बाद फतेहाबाद के 14 वर्षीय बाल बंदी ने बाल सुधार गृह में पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। वह 1 दिन पहले ही बाल सुधार गृह में लाया गया था। हालांकि अब इस पूरे मामले की तफ्तीश मजिस्ट्रेट करेंगे। शनिवार को मृत बाल बंदी का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया जाएगा।बता दें कि अंबाला के बाल सुधार गृह में फतेहाबाद से 1 दिन पहले आए बाल बंदी ने शुक्रवार दोपहर करीब सवा 3 बजे आत्महत्या की थी। 14 वर्षीय इस किशोर पर चोरी के आरोप लगाए गए थे। बताया जा रहा है कि इसी कारण किशोर मानसिक रूप से दबाव में था।
जानिए कब- कब और कैसे अंबाला का बाल सुधार गृह सुरक्षा में रहा
अंबाला का बाल सुधार बुरी सबसे पहले वर्ष 2018 में सुर्खियों में आया था जब यहां से जघन्य अपराधों में शामिल नो बाल बंदी दीवार फांद कर फरार हो गए थे। इनमें दुष्कर्म, हत्या व लूट जैसे मामलों में संलिप्त बाल बंदी शामिल थे। हालांकि लंबे प्रयास के बाद पुलिस ने इन सभी को काबू कर लिया था। अभी यह मामला शांत हुआ था कि वर्ष 2019 में एक बार फिर अंबाला के बाल सुधार गृह ने सुर्खियां बटोरी। 13 अप्रैल को बाल सुधार गृह में रह रहे बाल बंदियों पर जमकर लाठियां बरसाई गई। इस घटना में करीब 12 बाल बंदियों को चोटे आई थी जबकि कुछ बाल बंदियों को फ्रैक्चर भी हो गए थे। इसके साथ महीने बाद ही एक बार फिर बाल सुधार गृह विवादों में आया और बाल बंदियों ने कैरम बोर्ड को तोड़कर कर्मचारियों की जमकर पिटाई की। पिटाई के बाद वार्डर अशोक कुमार ने शहर थाना पुलिस को लिखित शिकायत भी दी थी। इस मामले में शहर थाना पुलिस ने तीन नाबालिगों के खिलाफ केस भी दर्ज किया था।
वर्ष 2020 में दो नाबालिगों ने अधिकारी की उनके कार्यालय में ही की थी पिटाई
वर्ष 2020 में भी दो नाबालिगों ने अधिकारी कि उनके कार्यालय में जाकर ही धुनाई कर दी थी। इन नाबालिगों के बैरक बदलने को लेकर मारपीट की थी। इतना ही नहीं वर्ष 2021 में यहां रह रहे 31 बाल बंदी कोरोना संक्रमित पाए गए थे। ऐसे में वर्ष 2022 की शुरुआत में ही फिर से अंबाला बाल सुधार गृह सुर्खियों में आने से लगातार 4 साल से चल रहे सारे मामले ताजा हो गई।