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अजब गजब चोरी, यमुनानगर में स्‍कार्पियो में चोरी कर ले गए भैंस

यमुनानगर में चोरी का अजब गजब मामला सामने आया है। पशु चोरी बढ़ रही है। यमुनानगर में चोर भैंस चोरी कर ले गए हैं। चोर भैंस को स्‍कार्पियो से ले गए। पशु चोर महंगी गाडि़यों से आकर पशु चोरी की वारदात को अंजाम देते हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 23 Nov 2021 01:35 PM (IST)Updated: Tue, 23 Nov 2021 01:35 PM (IST)
अजब गजब चोरी, यमुनानगर में स्‍कार्पियो में चोरी कर ले गए भैंस
यमुनानगर में पशु चोरी की वारदात हुई।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। सर्दियां शुरू होते ही पशु चोरी की वारदात भी बढ़ गई हैं। चोरों ने पशुपालकों की रातों की नींद उड़ा दी है। अब तक कई वारदात हो चुकी हैं जिनमें पशु चोरी होने से लोगों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। पशु चोरी की बढ़ती वारदातों को देखते हुए लोग पशु बाड़ों में सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी कैमरे लगवाने लगे हैं। कैमरे लगाने से चोर तो पशु चोरी करते हुए फुटेज में कैद हो रहे हैं लेकिन चोरी की वारदातों पर अंकुश नहीं लग पा रहा। पशु चोरी में महंगी गाड़ियों का इस्तेमाल हो रहा है।

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कैमरों में चोरी की वारदात कैद

बिलासपुर खंड के गांव पीरूवाला में तीन चाेर भैंसों को चोरी करते हुए दिखे हैं। फुटेज में दिख रहा है कि रात एक बजे चोर पशु बाड़े में घुसते हैं। सबसे पहले एक चोर आता है जिसके हाथ में लोहे की राड़ है। वह इससे दरवाजे पर लगा ताला तोड़ते हैं। जबकि उसके दो साथी बाहर खड़े होकर पहरा देते हैं। चोर ताला तोड़ने में कामयाब हो जाता है। वह सबसे पहले एक भैंस को ले जाते हैं। इसके बाद दूसरी भैंस को साथ ले जाते हैं। दो भैंसों को चोरी करने में चोरों को 10 मिनट का ही समय लगता है। दो भैंसों के चोरी होने से पशुपालक को डेढ़ लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।

स्कार्पियो में ले गए भैंस

चोरी करने के लिए भी चोरों ने नए-नाए तरीके खोज लिए हैं। पीरूवाला में जिन दो भैंसों को चोरी किया गया उन्हें स्कार्पियो गाड़ी में ले जया गया। फुटेज में स्कोर्पियो गली से जाती हुई दिखती है। दरअसल महंगी गाड़ियों में पशुओं की चोरी करना आसान है। क्योंकि यह आसानी से पुलिस की पकड़ में नहीं आती। पुलिस भी इनकी इतनी जल्दी तलाशी नहीं लेती। पशु तस्कर गाड़ी की सभी सीटों को निकाल लेते हैं। जिससे अंदर काफी जगह बन जाती है। गाड़ी की डिग्गी से भैंसों को अंदर डाल देते हैं और फिर आसानी से बार्डर पार करते हुए उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में चले जाते हैं।

हथियार लेकर आते हैं चोर

ग्रामीणों का कहना है कि पशु चोरी करने वाले गिरोह का स्थानीय लोगों से संपर्क रहता है। वह दिन में रैकी करते हैं और रात को पशुओं को चोरी करके ले जाते हैं। इसके बदले में मुखबरी करने वालों को उनका हिस्सा दे दिया जाता है। जो चोर पशुओं को चुराते हैं वह अपने साथ हथियार भी रखते हैं। ताकि किसी के आने की सूरत में हथियार से हमला कर खुद को बचाया जा सके। आने वाले दिनों में तो पशु चोरी ओर बढ़ जाएगी क्योंकि सर्दी के दिन है और अब कोहरा पड़ने लगेगा। सर्दी में लोग इतनी जल्दी नहीं उठते और चोर अपनी वारदात को अंजाम देने में कामयाब हो जाते हैं।


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