Move to Jagran APP

Air Pollution: हरियाणा में प्रदूषण बेकाबू, पांच जिलों में गंभीर तो 11 में बहुत खराब स्थिति बरकरार

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आला अधिकारियों का कहना है कि पटाखें व आतिशबाजी से सल्फर डाइ आक्साइड कार्बन डाइऑक्साइड कार्बन मोनोऑक्साइड व अन्य जहरीली गैस निकलती है। जो कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती है। हरियाणा के पांच जिलों में फिलहाल प्रदूषण की गंभीर स्थिति बनी हुई है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Mon, 08 Nov 2021 02:19 PM (IST)Updated: Mon, 08 Nov 2021 02:19 PM (IST)
Air Pollution: हरियाणा में प्रदूषण बेकाबू, पांच जिलों में गंभीर तो 11 में बहुत खराब स्थिति बरकरार
हरियाणा में प्रदूषण से बिगड़े हालात, पांच राज्यों में स्थिति गंभीर।

जगाधरी(यमुनानगर), [शैलजा त्यागी]। दीपावली के तीन दिन बाद भी प्रदेश में प्रदूषण के हालात में ज्यादा सुधार नहीं हुआ है। प्रदेश के पांच जिलों में फिलहाल प्रदूषण की गंभीर स्थिति बनी हुई है, वहीं 11 में हालात बहुत ज्यादा खराब है। जबकि तीन जिलों में खराब है। बढ़े हुए प्रदूषण की वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कतें हो रही है। अस्पतालों में सांस व एलर्जी संबंधी मरीजों की संख्या में दिन प्रतिदिन इजाफा हो रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि बरसात के बाद ही प्रदूषण से राहत की उम्मीद की जा सकती है।

loksabha election banner

पटाखों से निकली गैस ने बढ़ाई दिक्कतें

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आला अधिकारियों का कहना है कि पटाखें व आतिशबाजी से सल्फर डाइ आक्साइड, कार्बनडाइ ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड व अन्य जहरीली गैसिज निकलती है। जो कि पर्यावरण मेें इस कद्र घूल जाती है, जिन्हें नीचे आने में सात से आठ दिन का समय लग जाता है। इससे पहले अगर बारिश हो जाए, तो लोगों को राहत मिल सकती है। अधिकारियों का कहना है कि पराली जलाने से पर्यावरण को नुकसान तो पहुंचता है, लेकिन प्रदेश में जो हालात बने हुए हैं, इसका सबसे बड़ा कारण दीपावली की रात चले पटाखे व आतिशबाजी ही है।

प्रदेश में 182 जगहों पर जली पराली

अंबाला में पांच, फतेहाबाद में 65, हिसार में चार जींद में 34, कैथल में 25, करनाल में 12, कुरुक्षेत्र में चार, रोहतक में दो, पानीपत में सात , पलवल में तीन, सिरसा में 14, सोनीपत में छह, यमुनानगर में एक जगह पर पराली जलाई गई।

यमुनानगर में बढ़ा प्रदूषण का स्तर

दीपावली की रात यमुनानगर में प्रदूषण का स्तर 210 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया था। जो कि सात नवंबर को बढक़र 221 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक पहुंच गया है। आने वाले दिनों यह स्तर बढऩे की ज्यादा उम्मीद है।

दीपावली की रात चले पटाखों से हुआ नुकसान

हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सीनियर साइंटिस्ट राजेश गाढ़िया ने बताया कि खेतों में पराली जलाने की घटनाओं से पर्यावरण को इतना नुकसान नहीं होता, जितना दीपावली की रात चले पटाखों से हुआ है। पटाखों से निकली गैस को नीचे आने में सात से आठ दिन का समय लग जाता है। बरसात होने पर हालात सुधरने की उम्मीद की जा सकती है।

प्रदेश में प्रदूषण की स्थिति

जिले का नाम प्रदूषण की स्थिति माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर में

जींद 463

बल्लभगढ़ 433

हिसार 428

गुरुग्राम 420

पानीपत 405

भिवानी 389

मानेसर 389

बहादुरगढ़ 383

रोहतक 377

चरखीदादरी 376

फरीदाबाद 372

कैथल 367

कुरुक्षेत्र 355

सोनीपत 349

अंबाला 341


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.