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Air Pollution: अंबाला की आबोहवा घुला जहर, सांस लेना हुआ दुर्भर, लगातार बढ़ रहा है AQI

अंबाला में टूटी फूटी सड़कों पर धूल ने लोगों की मुसीबत को बढ़ा दिया है। वहीं दीवाली पर आतिशबाजी का धुंआ भी खतरनाक साबित हो रहा है। इसके अलावा मौसम में आये बदलाव से सुबह शाम धुंध भी ओस और पराग कणों के रूप में मिल गई है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Mon, 08 Nov 2021 12:10 PM (IST)Updated: Mon, 08 Nov 2021 12:10 PM (IST)
Air Pollution: अंबाला की आबोहवा घुला जहर, सांस लेना हुआ दुर्भर, लगातार बढ़ रहा है AQI
अंबाला में प्रदूषण से बचनेे का प्रयास करती युवती।

अंबाला शहर, जागरण संवाददाता। दीपावली का पर्व निकल चुका है, लेकिन आतिशबाजी का असर बाद में देखने को मिल रहा है। आबोहवा में इतनी अधिक बिगड़ गई है कि लोगों को सांस तक लेना दुर्भर हो गया है। पिछले चार दिनों से रोजाना वायु की गुणवत्ता का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। जिससे लोग गले में तकलीफ के चलते अस्पतालों की ओर दौड़ लगा रहे हैं। इसी कारण क्लीनिकों में बीमार होने के मामले भी बढ़ गए हैं।

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टूटी हुई सड़कों पर धूल बन रही खतरा

छावनी क्षेत्र में टूटी फूटी सड़कों पर धूल ने लोगों की मुसीबत को बढ़ा दिया है। वहीं दीवाली पर आतिशबाजी का धुंआ भी खतरनाक साबित हो रहा है। इसके अलावा मौसम में आये बदलाव से सुबह शाम धुंध भी ओस और पराग कणों के रूप में मिल गई है। जिससे सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। मौसम के बदलने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं। जिनमें गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ हो गई है।

वायुमंडल में एसपीएम का बढ़ा स्तर

मौसम में बदलाव से पैदा हुई स्मोग और पटाखों के धुंए और धूल मिट्टी का मिश्रण जो सस्पेंडेड पर्टीकुलेट मैटर (एसपीएम) निलंबित कणिक द्रव्य कहलाते हैैं, इनका स्तर काफी हद तक बढ़ गया है। रविवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 266 मापा गया। इसे स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत ही अस्वास्थ्यकर की श्रेणी में रखा गया है।

ऐसे करें बचाव

इस मौसम में सांस की बीमारियों से बचने के लिए घरों से बाहर मास्क पहनने, खिड़कियों को बंद रखने, एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करने और आउटडोर एक्सरसाइज जैसे साइकलिंग और रनिंग आदि न करने की सलाह दी जाती है। इससे खराब हवा में सीधे-सीधे संपर्क में आने से बचा जा सकता है, जिससे बीमारियों का खतरा कम होगा।

मास्क का प्रयोग बचाने में करेगा सहयोग

नाक और मुंह पर सही से मास्क लगाने की आदत कोविड के खतरे को तो कम करती ही है। इसी तरह यह धूल और धुएं से भी बचाने में कारगर है। ऐसे में इसे व्यवहार में लाने की जरूरत है। हालांकि एक्साइज, साइकलिंग और रनिंग करते वक्त मास्क का प्रयोग न करना ज्यादा बेहतर होगा।

जिला में वायु की गुणवत्ता

नवंबर - एक्यूआइ

4 - 184

5 - 208

6 - 224

7 - 266


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