MSP को लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, कमेटी के लिए SKM की तरफ से नहीं आया कोई नाम
करनाल में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एमएसपी को लेकर बयान जारी किया। कृषि मंत्री ने कहा कि एमएसपी पर कमेटी के लिए संयुक्त किसान मोर्चा से नाम का इंतजार है। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार किसानों की स्थिति सुधारने की दिशा में काम कर रही है।
करनाल, जागरण संवाददाता। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के निर्धारण के लिए कमेटी गठन की प्रक्रिया में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से अभी नाम नहीं मिला। यह गतिरोध इसीलिए है। देश में फसलों की बंपर पैदावार हो रही है, जिसे खरीदर कर सरकार लगातार किसानों को मुनाफा दे रही है।
दस साल तक रही यूपीए सरकार के समय स्वामीनाथन कमेटी ने एमएसपी बढ़ाने की संस्तुति दी थी लेकिन कांग्रेस ने इसे दबाकर रखा। अब सरकार ने खरीफ की 14 फसलों में एमएसपी वृद्धि करके किसानों को बड़ी सौगात दी है। कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए एक लाख करोड़ रुपये का इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड बनाया है। केंद्र सरकार के प्रयास से किसान अब जैविक खेती और कृषि विविधिकरण में लगातार सक्रिय योगदान दे रहे हैं। इससे आने वाले समय में किसान की आय दोगुनी करने का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा। कृषि मंत्री ने यह नजरिया राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान समारोह में पत्रकारों से बातचीत में साझा किया।
किसानों की स्थिति सुधारने की दिशा में हो रहा कार्य
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि पिछले आठ साल में मोदी सरकार किसानों की स्थिति में उत्तरोत्तर सुधार के लिए सतत प्रयत्न कर रही है। कई नई योजनाएं शुरू की गई हैं। अब एमएसपी का निर्धारण किसान की फसली लागत का 50 प्रतिशत मुनाफा जोड़कर होता है। जहां तक एमएसपी को लेकर कमेटी के गठन का प्रश्न है तो संयुक्त किसान मोर्चा से इसके लिए अभी नाम नहीं मिला है।
किसानों से निरंतर होती है चर्चा
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसानों से निरंतर चर्चा करते हैं। पूरे देश में इसका प्रभाव दिख रहा है। पिछले दिनों अपने कश्मीर दौरे में उन्होंने पाया कि वहां के किसान भी अब फसल विविधिकरण अपना रहे हैं। वहां के किसानों के लिए केसर पार्क स्थापित किया गया है। किसानों के साथ सरकार के इस तालमेल के बेहतर परिणाम मिल रहे हैं। लोग कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता दे रहे हैं।
जबकि पहले स्थिति इससे ठीक उलट थी। वहीं सतलुज-यमुना लिंक नहर से जुड़े प्रश्न पर कृषि मंत्री ने प्रतिक्रिया देने से स्पष्ट इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दृष्टि से इस प्रश्न को अधिक तूल देने का कोई औचित्य नहीं है। इसी तरह नुपूर शर्मा की ओर से दिए गए बयान के संदर्भ में पूछे गए प्रश्न पर भी उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की।
दस साल में स्थापित करें नए आयाम
करनाल: कृषि मंत्री ने डेयरी व पशुपालन प्रोत्साहन में राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान के प्रयासों को सराहते हुए कहा कि सौ साल के गौरवशाली सफर में संंस्थान ने महत्वपूर्ण उपलब्धियां अर्जित की हैं। अब वैश्विक परिस्थितयों और चुनौतियों से तालमेल बिठाते हुए अगले दस वर्ष में नए आयाम स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित करने की जरूरत है।