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किसानों को पराली जलानी पड़ी महंगी, कृषि विभाग ने वसूला जुर्माना

हरियाणा के अंबाला में पराली जलाने पर किसानों से कृषि विभाग ने जुर्माना वसूला है। कृषि विभाग ने अंबाला में पराली जलाने वाले 13 किसानों पर मुकदमा भी दर्ज किया। इसके अलावा 47 किसानों का चालान भी किया गया।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 11 Dec 2020 05:27 PM (IST)Updated: Fri, 11 Dec 2020 05:27 PM (IST)
किसानों को पराली जलानी पड़ी महंगी, कृषि विभाग ने वसूला जुर्माना
पराली जलाने पर किसानों पर जुर्माना लगाया गया।

पानीपत/अंबाला, जेएनएन। पराली को आग के हवाले करना किसानों को महंगा पड़ गया है। जिसमें कृषि विभाग ने किसानों को जुर्माना लगा दिया है। विभाग ने अभी तक किसानों के पास से 1 लाख 31 हजार रुपये जुर्माना वसूल भी लिया है। हालांकि इस साल किसानों ने पराली के अवशेषों को पिछले साल के मुकाबले काफी कम जलाया है।

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कृषि विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो पराली के अवशेष जलाने पर पुलिस ने 13 किसानों पर मुकदमें दर्ज किए थे। इसके अलावा विभाग की ओर से 47 किसानों के चालान भी किए गए थे। जबकि पिछले सालों में काफी हद तक किसानों ने पराली को आग लगायी थी। पिछले सालों पर गौर करें तो हर साल पराली जलाने के मामलों में कमी आ रही है।

विभाग ने किया था जागरूक

पराली के अवशेष न जलाने को लेकर कृषि विभाग ने फसल कटाई से पहले ही किसानों को जागरूक करना शुरू कर दिया था। जिसमें विभाग की ओर से सेमिनार लगाने के साथ-साथ विभाग में आने वाले किसानों को समझाया भी गया था कि पराली जलाने पर फसल के मित्र किट भी जल कर नष्ट हो जाते हैं। इससे फसल को नुकसान होता है।

उपजाऊ शक्ति होती है कमजोर

जलबेहड़ा के किसान सुखविंद्र सिंह ने बताया कि किसान जानबूझकर पराली नहीं जलाना चाहते। पराली जलाने पर जमीन की उपजाऊ शक्ति कमजोर होती है। लेकिन किसानों के आगे भी बड़ी समस्या है। यदि पराली के अवशेष को खेत से बाहर निकालते हैं उन पर काफी अधिक खर्च पड़ता है। सरकार की ओर से कीमती मशीनों पर सब्सिडी ही दी जा रही है। यदि किसान पर्यावरण को बचाना चाहती है तो वह साथ देने काे तैयार हैं, लेकिन सरकार खेत से पराली काे उठवाने का भार किसानों के सिर पर न डाले।


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