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करनाल मेें आंदोलनकारियों के खिलाफ पहुंचे ग्रामीण, पुलिस बल तैनात, खत्‍म कराया किसानों का धरना

लोगों के आक्रोश को देखते हुए बसताड़ा व प्योंत टोल से धरना समाप्त करवाया। स्‍थानीय लोग धरने के खिलाफ उतर आए थे। इसकी सूचना मिली तो भारी संख्‍या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा था। जिला प्रशासन के अनुरोध के बाद किसान हटे। भारी पुलिस बल तैनात किया गया।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 28 Jan 2021 08:27 AM (IST)Updated: Thu, 28 Jan 2021 08:27 AM (IST)
करनाल मेें आंदोलनकारियों के खिलाफ पहुंचे ग्रामीण, पुलिस बल तैनात, खत्‍म कराया किसानों का धरना
धरने को खत्‍म करने के बाद सामान उठाते आंदोलनकारी।

पानीपत/करनाल, जेएनएन। दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर हुए घटनाक्रम से उत्पन्न हुए आक्रोश को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने बसताड़ा टोल व प्योंत टोल से किसानों के धरने को हटवा दिया है। लंगर व्यवस्था भी बंद करवा दी गई है। किसी तरह की अप्रिय घटना ना हो, इसको लेकर बसताड़ा टोल पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। साथ ही वाटर केनन व दंगा नियंत्रण वाहनों को अलर्ट मोड़ पर रखा गया है। जिला प्रशासन के मुताबिक दिल्ली में हुए उपद्रव को देखते हुए आसपास के लोगों में आक्रोश था। आक्रोश अधिक न बढ़े, इसको देखते हुए किसानों से टोल से हटने का अनुरोध किया गया है। साथ ही लंगर व्यवस्था को भी बंद करने की अपील की है। जिसके बाद किसान बसताड़ा टोल से हट गए है।

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कृषि कानूनों के विरोध में बसताड़ा टोल प्लाजा पर बीते 32 दिन से क्रमिक भूख हड़ताल जारी थी। 24 जनवरी को किसानों के दिल्ली कूच के बाद महिलाओं ने बसताड़ा टोल प्लाजा पर भूख हड़ताल की जिम्मेदारी संभाली हुई थी। 26 जनवरी को भी महिलाएं धरनास्थल पर एकत्रित हुई थी और गणतंत्र दिवस भी मनाया था, लेकिन दिल्ली के लाल किला पर हुए तिरंगे के अपमान के बाद लोगों में आक्रोश उत्पन्न हो गया था। मंगलवार की रात को ही टोल के आसपास बसे ग्रामीण क्षेत्र के युवकों ने बसताड़ा टोल प्लाजा पर पहुंचकर धरना और लंगर हटवाने की मांग की थी।

Farmers protest

दिल्ली प्रकरण के बाद पुलिस पूरी तरह से अलर्ट हो गई थी। लोगों के आक्रोश को देखते हुए बुधवार की सुबह बसताड़ा टोल प्लाजा पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। किसी तरह आक्रोश न बढ़े, इसको लेकर डीसी निशांत कुमार यादव व एसपी गंगाराम पुनिया भारी पुलिस बल के साथ बसताड़ा टोल पर पहुंचे और उन्होंने आंदोलनकारी किसानों को धरना हटाने व लंगर व्यवस्था बंद करवाने का अनुरोध किया और प्रशासन के सहयोग की अपील की। आंदोलनरत किसानों ने बसताड़ा टोल से स्वयं ही धरना हटा लिया और लंगर व्यवस्था बंद कर दी है। लंगर सेवादारों ने बसताड़ा टोल प्लाजा पर अपना समान समेटकर ट्रैक्टर-ट्रालियों में भर लिया और साफ सफाई करवाकर चले गए।

पुलिस ने किया आंदोलकारियों को शांत

बसताड़ा टोल प्लाजा पर धरना व लंगर व्यवस्था बंद होने की सूचना के बाद दिल्ली से वापिस लौट रहे किसानों के ट्रैक्टरों के ब्रेक टोल पर लगने शुरू हो गए। आंदोलनकारियों और पुलिस अधिकारियों के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत चलती रही तथा लंगर सेवादारों द्वारा दोबारा लंगर शुरू करवाने पर अड़ गए। दरअसल आंदोलनकारियों को सूचना मिली थी कि बसताड़ा टोल प्लाजा पर जबरदस्ती धरना व लंगर व्यवस्था बंद करवाई जा रही है। बसताड़ा टोल प्लाजा पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने आंदोलनकारियों की गलतफहमी को दूर किया और मौके की हकीकत से वाकिफ करवाया। जिसके बाद आंदोलनकारी शांत हुए। इसी दौरान बसताड़ा टोल प्लाजा वाहनों की लंबी कतारें लग गई। पुलिस ने रास्ता बहाल करवाया।

किसानों ने स्वेच्छा से हटाया धरना व लंगर व्यवस्था- डीसी

जिला उपायुक्त निशांत यादव ने बताया कि दिल्ली में हुए उपद्रव को देखते हुए जीटी रोड़ के आस-पास लोगों में आक्रोश था, यह आक्रोश अधिक ना बढ़े, इसके लिए स्वयं उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक ने स्थिति को सम्भालते हुए टोल पर बैठे किसानों से बातचीत की और बताया कि स्थिति खराब होने की आशंका है, इसलिए किसानों ने उनके अनुरोध को स्वीकार करके बसताड़ा व प्योंत टोल से उठने का फैसला लिया। वहीं दोनों टोलों पर लंगर की व्यवस्था की गई थी। लंगर चलाने वाले सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं के लोगों से अनुरोध किया कि वह सुरक्षा की दृष्टि को देखते हुए लंगर की व्यवस्था ना करें। उन्होंने भी प्रशासन की अपील को स्वीकार कर लिया। अब बसताड़ा टोल पर कोई भी धरना नहीं है और ना ही कोई लंगर चलाया जा रहा है।

किसानों के खाली करते ही प्यौंत टोल पर टैक्स वसूली शुरू

बीते करीब एक माह से किसान राष्ट्रीय राजमार्गो पर बने टोल प्लाजा पर तीन कृषि कानूनों के विरोध में धरना देकर बैठे थे। उन्होंने लगभग टोल फ्री करवा रखा था। असंध एसडीएम साहिल गुप्ता ने किसानों को टोल खाली करने के आदेश दिए हैं। इस दौरान नायब तहसीलदार रमेश कुमार, एसएचओ दीपक कुमार मौजूद थे। किसानों ने जिन्हें कुछ ही देर में टोल खाली करने के लिए आश्वस्त किया था। कुछ देर बाद करीब पौने पांच बजे किसानों ने टोल खाली कर अपना सामान समेटना शुरू कर दिया। किसानों के टोल खाली करने के कुछ देर बाद करीब पांच बजे प्यौंत टोल पर टैक्स वसूली शुरू कर दी गई।

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