सरकार के विरोध में आढ़तियों ने उठाई आवाज, हड़ताल शुरू, धान की खरीद बंद
अनदेखी के चलते सरकार के खिलाफ चेतावनी देने के बाद हड़ताल शुरू कर दी है। इससे मंडी में धान की खरीद बंद हो गई है। हरियाणा मंडी एसोसिएशन ने पांच दिन का अल्टीमेटम दिया था।
पानीपत/कैथल, जेएनएन। आढ़तियों ने तीन अध्यादेशों के खिलाफ शुक्रवार सुबह से ही हड़ताल पर चले गए। आढ़तियों ने शनिवार को पूरे प्रदेश में हड़ताल का आह्वान किया था। जिसमें उन्हाेंने सरकार को पांच दिन का अल्टीमेटम दिया था। सरकार की ओर से उन्हें बातचीत के लिए बुलाए जाने के बाद शुक्रवार से हड़ताल कर दी है। सु़बह से ही धान की खरीद का कार्य भी पूरी तरह से बंद हो चुका है। सभी आढ़ती सुबह 10 बजे नई अनाज मंडी के लक्ष्मी नारायण मंदिर में एकत्रित हुए, जिसके बाद उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए नई अनाज मंडी का दौरा किया। दोपहर तक वह लघु सचिवालय में पहुंच डीसी सुजान सिंह को ज्ञापन देने के लिए पहुंचेगे।
शनिवार को की थी राज्य स्तरीय बैठक
बता दें कि हरियाणा मंडी एसोसिएशन के बैनर तले पिछले सप्ताह शनिवार को प्रदेश भर से पहुंचे मंडी प्रधान और एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने शहर के एक निजी होटल में बैठक की थी। जिसमें सरकार को उनकी मांगों को मानने को लेकर पांच दिन का अल्टीमेटम दिया था। इसके बाद पांच दिन वीरवार को पूरे हो चुके हैं। जिसके बाद उन्होंने शुक्रवार से एक दिन की हड़ताल शुरू की।
मांगें नहीं मानी तो सड़क पर उतरेंगे
मंडी आढ़ती एसोसिएशन के जिला प्रधान अश्वनी शोरेवाला ने बताया कि सरकार लगातार नए-नए फरमान जारी करके आढ़तियों को बरगलाने का कार्य कर रही है। जिससे आढ़तियों में गहरा रोष है। इसी रोष के चलते हड़ताल शुरू की है। सुबह से मंडी में धान का खरीद कार्य पूरी तरह से बंद है। यदि सरकार जल्द ही उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं करती है तो वह इस आंदोलन को तेज करने में बिल्कुल भी समय नहीं लगाएंगे। आढ़ती मांगों के समर्थन में सड़कों पर उतरने के लिए भी मजबूर हाेंगे।
आढ़तियों की बैठक हुई
चीका में अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन व राइस मिल ट्रेडर्स की एक बैठक मार्केट कमेटी कार्यालय के प्रांगण में हुई। बैठक में सरकार द्वारा लाए गए तीन अध्यादेश व आढ़तियों की पुरानी पेमेंट का भुगतान को लेकर विचार-विमर्श किया गया। अनाज मंडी एसोसिएशन के पूर्व प्रधान जयपाल गर्ग, सुरेश प्रजापति, राजकुमार जाखौली, सतपाल जैन, राइस मिल एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष हंसराज ने कहा कि सरकार द्वारा लाए गए तीनों अध्यादेश किसान व व्यापारी विरोधी है। इन अध्यादेशों के माध्यम से सरकार मंडी बोर्ड को समाप्त करना चाहती है।
कारोबर बंद हो जाएगा ऐसे तो
आढ़तियों ने कहा कि प्रदेश में लाखों आढ़ती मंडियों में कमीशन एजेंट के रूप में काम कर अपना गुजारा कर रहे हैं, यदि मंडी बोर्ड समाप्त हो गया तो आढ़तियों का कारोबार भी बंद हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मंडियों में लाखों मजदूर, मुनीम व दूसरे कर्मचारी काम करते हैं। मंडी समाप्त होने से ये सभी लोग भी बेरोजगार हो जाएंगे। जयपाल गर्ग व राजकुमार जाखौली ने कहा कि सरकार ने गेहूं सीजन में लस्टर लोस व ब्रोकन के नाम पर आढ़तियों का करोड़ों रुपया रोक रखा रखा है। ये पैसा ना मिलने से आढ़तियों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। आढ़तियों ने कहा कि जब तक सरकार तीनों अध्यादेशों को वापस नहीं लेती, रोका गया पैसा वापस नहीं करती व राइस मिल के लिए पुरानी पॉलिसी बहाल नहीं की जाती, तब तक आढ़ती अनाज मंडियों में ना तो धान की खरीद करेंगे और ना ही तुलाई व लदान का काम किया जाएगा। राइस मिल धान की पिराई नहीं करेंगे। मंडियों में पूर्ण रूप से हड़ताल रखी जाएगी।