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30 सितंबर के बाद बायोमास और पीएनजी प्रयोग करने वाले उद्योग ही चलेंगे

30 सितंबर के बाद उद्योगों को बायोमास और पीएनजी का प्रयोग करने वाले ही चला पाएंगे। अन्यथा उद्योगों का बंद कर दिया जाएगा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की आरओ (क्षेत्रीय अधिकारी) स्तर की बैठक में यह फैसला लिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2022 09:28 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2022 09:28 PM (IST)
30 सितंबर के बाद बायोमास और पीएनजी प्रयोग करने वाले उद्योग ही चलेंगे
30 सितंबर के बाद बायोमास और पीएनजी प्रयोग करने वाले उद्योग ही चलेंगे

जागरण संवाददाता, पानीपत : 30 सितंबर के बाद उद्योगों को बायोमास और पीएनजी का प्रयोग करने वाले ही चला पाएंगे। अन्यथा उद्योगों का बंद कर दिया जाएगा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की आरओ (क्षेत्रीय अधिकारी) स्तर की बैठक में यह फैसला लिया गया है। बोर्ड के चेयरमैन पी राघवेंद्र ने सभी अधिकारियों को संबंधित उद्योगों को नोटिस जारी करने के लिए निर्देश दिया है।

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आरओ मीटिग में पानीपत में कामन बायलर का मामला भी उठा। क्षेत्रीय अधिकारी कमलजीत सिंह ने बताया कि कामन बायलर के लिए एचएसआइआइडीसी ने जमीन देनी है। अभी जमीन नहीं मिली है। थर्मल में भी कुछ प्रतिशत बायोमास का प्रयोग

बैठक में थर्मल में भी कुछ प्रतिशत हिस्सा बायोमास का ईंधन के रूप में प्रयोग करने के निर्देश दिए गए। थर्मल में कोयला जलने से भी वायु प्रदूषण होता है। पानीपत में तीन यूनिटों में बिजली का उत्पादन चल रहा है। थर्मल की राखी से भी वायु प्रदूषण फैल रहा। थर्मल के आसपास के कई गांव में राखी के प्रदूषण फैलने के मामले एनजीटी में विचाराधीन है। पानीपत में 48 यूनिटों में पीएनजी आपूर्ति

पानीपत में 200 यूनिट मिक व पोलर कंबल, थ्री डी चादर के लगे हुए हैं। जबकि 800 डाइंग उद्योग लगे हुए हैं। अब तक 48 यूनिट ही पीएनजी की आपूर्ति ले पाए हैं। तीन यूनिटों में एलपीजी को ईंधन के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। 40 उद्योगों में पीएनजी की आपूर्ति जल्द देने का दावा अदानी आइओसीएल कंपनी के अधिकारी कर रहे हैं। ढ़ाई साल से कनेक्शन को तरस रहे

छाजपुर कुराड़ सहित ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया में उद्यमियों ने पीएनजी के सिक्योरिटी भरी हुई है, लेकिन कनेक्शन नहीं मिल पा रहा। पीएनजी की पाइप लाइन तक इन क्षेत्रों में नहीं बिछाई गई है। इसीलिए उद्योगों ने बायोमास पर जाना शुरू तो किया, लेकिन कम आपूर्ति के कारण वह महंगा होता जा रहा है। बापौली जोन एसोसिएशन के प्रधान नवीन बंसल ने बताया कि उन्होंने ढाई साल पहले सिक्योरिटी भरी और उद्योग को पीएनजी गैस पर ले लिया। मशीनरी में बदलाव पर लाखों रुपये खर्च किए लेकिन पीएनजी का कनेक्शन नहीं मिला।


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