जेल से चलने लगे गैंग, पानीपत में गैंगवार की यही कहानी
पानीपत में शराब ठेकेदार अजीत ने मंथली देने से मना किया तो उस पर गोलियां चला दीं। हालत गंभीर है। इस हमले में ठेकेदार के बाउंसर ने जवाब में गोली चलाई जिसमें एक बदमाश ढेर हो गया। ये बदमाश लंबू गैंग से संबंध रखता है।
पानीपत, जेएनएन - पानीपत में गुंडाराज। यही कह सकते हैं। क्योंकि जो बदमाश जेल में बंद है, वही फोन से गैंग भी चला रहा है। पानीपत में शराब ठेकेदार खलीला पहलादपुर गांव के अजीत उर्फ जीता और उसके ड्राइवर सागर पर गोलियां बरसाने वाला सिवाह के प्रसन्न उर्फ लंबू गैंग का गोयला खेड़ा का मनीष उर्फ मुखिया था। ठेकेदार के भाई सुरेंद्र का कहना है कि हमलावरों ने जेल में बंद लंबू से फोन पर बात की थी। उनके पास उनकी आडियो और वीडियो रिकार्डिंग है। अब सवाल उठने लगा है क्या हरियाणा में जेल से गैंग चलने लगे हैं। गोलियां बरसाने लगे हैं।
जिसने गोली बरसाई, वो लूट के मामले में पकड़ा गया था
अजीत के निजी गनमैन जुआ के अमन उर्फ बाक्सर की बंदकू की गोली से मनीषा मौके पर ढेर हो गया। मनीष के पिता शिवचरण डाक्टर हैं। 22 जुलाई 2020 को ही मनीष सीआइए-वन की गाड़ी को लूटने के प्रयास में चार साथियों सहित गिरफ्तार हुआ था। सदर थाने में मामला दर्ज है। वहीं अजीत के भाई सुरेंद्र के बयान पर भोंडसी जेल में बंद प्रसन्न उर्फ लंबू, उसके गुर्गे बुआना लाखू के राकेश उर्फ राकू और अन्य पांच आरोपितों के खिलाफ सेक्टर 13-17 थाने में मामला दर्ज किया गया है।
ठेके पर चली थी ताबड़तोड़ गोलियां
गैंगस्टर प्रसन्न उर्फ लंबू ने शराब ठेकेदार अजीत से दो लाख रुपये की मंथली मांगी थी। ठेकेदार ने मंथली देने मना कर दिया था। इसी से खफा लंबू ने अपने गुर्गों के जरिये ठेकेदार पर तीन बार फायरिंग करई थी। ठेकेदार के छोटे भाई सुरेंद्र ने पुलिस को शिकायत दी कि उसने व भाई ने लाइसेंसी हथियार बनवा रखे हैं। भाई ने सोनीपत के जुआ के सागर का चालक और अमन को निजी गनमैन रखा है।
शराब लेने आया मजदूर घायल
पुलिस प्रशासन ने भी भाई अजीत की सुरक्षा में सिपाही दिलबाग को गनमैन लगा रखा है। शनिवार रात 8:30 बजे नूरवाला की तरफ से प्रस्नन और राकू गैंग का चार-पांच बदमाश नूरवाला की तरफ से आए और गोलियां चला दी। गोली भाई अजीत के बाएं कंधे में लगी। भाई ने भी लाइसेंसी रिवाल्वर से गोलियां चलाई।आरोपितों की गोली से सागर व शराब लेने आया मजदूर धर्मेंद्र भी घायल हो गया। बचाव में अमन की बंदकू से आरोपितों में एक युवक मौके पर ढेर हो गया। मृतक की पहचान गोयला खेड़ा गांव के मनीष उर्फ मुखिया के रूप में हुई है।
डरता नहीं था ठेकेदार
लंबू और उसके गैंग के बदमाशों का गुस्सा इसलिए बढ़ गया, क्योंकि ठेकेदार अजीत इनसे डरता नहीं था। अपना खौफ कायम करने के लिए भी ठेकेदार गोलियां बरसाईं गई हैं ताकि उनके गैंग से लोग डरें। वे जो मंथली मांगें, उन्हें आसानी से मिल जाए। अजीत ने साफ मना कर दिया था। यहां तक की अपना बाउंसर भी रखा हुआ था। खुद के पास लाइसेंसी हथियार था। पहले भी उस पर दो बार हमले हुए। दोनों बार बच गया था।