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तंत्र के गण: आरटीआइ को बनाया हथियार, खामियों से उठाते हैं पर्दा Panipat News

पानीपत के एडवोकेट मोहन ने आरटीआइ को हथियार बनाया है। वे सरकारी तंत्र में होने वाली गड़बडिय़ों को आरटीआइ के द्वारा सामने लाते हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 25 Jan 2020 10:18 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jan 2020 10:18 AM (IST)
तंत्र के गण: आरटीआइ को बनाया हथियार, खामियों से उठाते हैं पर्दा Panipat News
तंत्र के गण: आरटीआइ को बनाया हथियार, खामियों से उठाते हैं पर्दा Panipat News

पानीपत, जेएनएन। वर्क लोड अधिक, मैन पॉवर और संसाधनों की कमी बताना विभिन्न विभागों के अधिकारियों की जुबां पर रहता है। यह सही हो सकता है लेकिन कड़वा सत्य यह भी है कि अधिकारी-कर्मचारी कुछ गलत होते समय आंखें बंद रखते हैं। सूचना का अधिकार से ऐसे लापरवाह अधिकारियों की पोल खोलता हूं। आरटीआइ एक्टिविस्ट एडवोकेट मोहन सिंह ने तंत्र के गण पर बात हुई तो एक सांस में पूरी बात कह दी। 

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आवासीय प्लॉटों में कॉमर्शियल गतिविधि 

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हशविप्रा) के सेक्टर 13-17 में आवासीय प्लॉटों में कॉमर्शियल गतिविधियां संचालित हैं। सेक्टर वासियों की शिकायत के विभागीय अधिकारी किसी प्रकार के अतिक्रमण और कॉमर्शियल गतिविधियों से इंकार करते रहे हैं। एडवोकेट ने इस बाबत आरटीआइ से जानकारी मांगी। जबाव मिला कि 11 प्लॉट चिन्हित किए गए हैं। अब नोटिस देने सहित अन्य कार्रवाई करना हशविप्रा के अधिकारियों की विवशता बनी हुई है। 

दूषित पेयजल का मुद्दा उठाया 

दूषित पेयजल के कारण पीलिया, पेट में संक्रमण जैसी बीमारियों घर-घर पैर पसारने से चिंतित होकर उन्होंने एक आरटीआइ के जरिए जानकारी मांगी। जन स्वास्थ्य विभाग ने उत्तर में बताया कि 11 स्थानों का पानी भारतीय मानक ब्यूरो की शर्तों पर खरा नहीं है। नतीजा, लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हुए। विभाग ने भी पेयजल क्वालिटी सुधार के प्रयास किए। 

अवैध कब्जे के विरुद्ध आवाज उठाई

सेक्टर-29 में एक उद्यमी ने करीब 2600 वर्ग गज भूमि हशविप्रा की कब्जायी हुई है। इस मामले से विभाग के अधिकारी आंखें मूंदे रहे। एडवोकेट मोहन सिंह को लगा कि सब कुछ अधिकारियों और बड़े नेताओं की शह से हो रहा है। उन्होंने, पहले आरटीआइ के जरिए जानकारी जुटाई। फिलहाल इस केस में कार्यवाही चल रही है। 


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