हिंदी को दिल से अपनाएं, तभी राजभाषा के शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त होंगे : सिकदर
नराकास अध्यक्ष सिकदर ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण हमें वेबिनार के माध्यम से इस बैठक का आयोजन करना पड़ा है। इस कठिन परिस्थितियों के बावजूद भी आप सभी सदस्य राजभाषा हिंदी को बढ़ावा देने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, पानीपत : हिंदी को दिल से अपनाएं तभी राजभाषा के शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त होंगे और हिंदी को हम उसकी उचित स्थान दिला पाएंगे। यह बातें नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, पानीपत की बैठक में अध्यक्षता करते हुए रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कांप्लेक्स के कार्यकारी निदेशक गोपाल चंद्र सिकदर ने कही।
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) ने बुधवार को पानीपत रिफाइनरी के सभागार कक्ष में वेबिनार के माध्यम से 43वीं बैठक का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत राजभाषा गीत से हुई।
नराकास अध्यक्ष सिकदर ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण हमें वेबिनार के माध्यम से इस बैठक का आयोजन करना पड़ा है। इस कठिन परिस्थितियों के बावजूद भी आप सभी सदस्य राजभाषा हिंदी को बढ़ावा देने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। यही कारण है कि इस बार नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, पानीपत को हिंदी के सर्वोच्च पुरस्कार 'राजभाषा कीर्ति पुरस्कार' से सम्मानित किया गया है। आज हमारी राजभाषा इतनी सक्षम हो गई है कि अगर हम ठान लें तो अपने सभी कार्य शत-प्रतिशत हिंदी में ही कर सकते है।
कार्यक्रम में नरेंद्र सिंह मेहरा ने कहा कि नराकास शुरू से ही हिंदी कार्यान्वयन के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर रही है। उन्होंने छमाही प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा की तथा राजभाषा विभाग के अधतन आदेशों तथा निर्देशों को दोहराया। साथ ही हिंदी कार्यान्वयन बढ़ाने हेतु नराकास के सदस्यों का मार्गदर्शन किया।
इस अवसर पर नराकास सदस्य कार्यालयों प्रमुखों द्वारा प्रस्तुत सुझावों पर विचार-विमर्श भी किया गया तथा उनकी समस्याओं का निदान भी किया गया। बैठक में गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग के प्रतिनिधि नरेंद्र सिंह मेहरा, सहायक निदेशक (कार्यान्वयन) तथा नराकास, पानीपत के 42 सदस्यों के कार्यालय प्रमुखों ने वेबिनार के माध्यम से हिस्सा लिया। इस अवसर पर संजीव कुमार सुर चौधरी, कार्यकारी निदेशक (उत्तरी क्षेत्र पाइपलाइंस) तथा महुआ बसु, मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन) उपस्थित रहे।