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अजब-गजब हमदर्दी, डेढ़ साल तक टायलेट में बंधक रही महिला का हुआ श्रृंगार, इलाज नहीं करवाया

पानीपत में प्रशासन की अजब-गजब कार्यप्रणाली सामने आई। करीब डेढ़ साल तक टायलेट में बंधक रही महिला को किसी ने अस्‍पताल तक पहुंचाया। उसके श्रृंगार में जरूर प्रशासन जुटा रहा। चचेरे भाई सुनील के घर मायका किवाना पीडि़ता पहुंची। आरोपित पति नरेश को कोर्ट से जमानत मिली।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2020 09:31 AM (IST)Updated: Thu, 15 Oct 2020 09:31 AM (IST)
अजब-गजब हमदर्दी, डेढ़ साल तक टायलेट में बंधक रही महिला का हुआ श्रृंगार, इलाज नहीं करवाया
टायलेट में बंधक रही महिला को उसके चचेरे भाई के घर छोड़ा गया।

पानीपत, जेएनएन। पानीपत के रिशपुर गांव में पति द्वारा करीब डेढ़ साल टायलेट में बंधक बनाकर रखी गई महिला रामरती को पुलिस ने उसके चचेरे भाई, किवाना वासी विकास को सुपुर्द कर दिया। महिला आयोग, हरियाणा की कार्यवाहक चेयरपर्सन प्रीति भारद्वाज बुधवार शाम को पीडि़ता की सुध लेने पहुंचीं। महिला थाना की प्रभारी किरण नैन ने महिला का श्रृंगार किया। चेयरपर्सन ने भी चूडिय़ां पहनाई। हैरत, किसी ने उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाना उचित नहीं समझा।

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बंधनमुक्त कराई रामरती को सनौली थाना पुलिस मंगलवार को मेडिकल के लिए सिविल अस्पताल लेकर पहुंची थी। उसे भर्ती कराने के बजाय मेडिकल करा कर साथ ले गई। पुलिस ने बुधवार को उसे चचेरे भाई विकास के सुपुर्द कर दिया। आरोपित पति नरेश को कोर्ट में पेश किया गया, उसे जमानत भी मिल गई।

बुधवार देर शाम राज्य महिला आयोग की कार्यकारी अध्यक्ष प्रीति भारद्वाज, महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता, सीडब्लयूसी चेयरपर्सन पदमा रानी, महिला थाना इंचार्ज किरण नैन व सनौली थाना प्रभारी सुरेंद्र ङ्क्षसह के साथ पीडि़ता से मिलने पहुंचीं। उसके तीनों बच्चों को समझाया कि अन्याय करने वाले के विरुद्ध आवाज उठानी चाहिए, बेशक अन्याय करने वाला अपना हो।

चेयरपर्सन ने ग्रामीणों से भी बात की। चचेरे भाई सुनील ने बताया कि छोटा बच्चा होने के बाद रामरती की मानसिक हालात बिगड़ी थी। पीजीआइ में इलाज भी कराया था। उधर, तीनों बच्चों ने कहा कि पापा ने मां के साथ कभी मारपीट नहीं की है।

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ऐसा तो कोई जानवर भी नहीं करता

सुनील ने कहा कि उसकी बहन के साथ नरेश ने क्रूर बर्ताव किया है। ऐसा तो कोई जानवर भी नहीं करता। उसे दिक्कत थी तो एक बार सूचना दे देता, हम पहले ही उसे घर ले आते। अब पूरी ङ्क्षजदगी इसकी सेवा करेंगे। उधर, रामरती भी कई वर्षों बाद मायके पहुंचकर खुश नजर आई।

अब दवा लेनी है

बंधनमुक्त होने के बाद रामरती खुश नजर आई। मायके में महिलाएं उसका हालचाल जानने पहुंची तो उसके चेहरे पर चमक दिखी। सेहत के बारे में पूछा तो मुस्कुराते हुए कहा कि मैं ठीक हूं। नहाने के बाद रोटी खा ली है। अब दवा लेनी है। हालांकि पति द्वारा टायलेट में बंद करने के सवाल पर मौन हो गई।

जांच एजेंसियों को सात दिन का समय

चेयरपर्सन प्रीति भारद्वाज ने दैनिक जागरण को बताया कि पुलिस, सीडब्ल्यूसी और महिला संरक्षण अधिकारी को सात दिन का समय दिया है। सीडब्ल्यूसी बच्चों की काउंसङ्क्षलग रिपोर्ट देगी। बाकी दोनों से इस केस की जांच रिपोर्ट ली जाएगी। रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं होने पर स्टेट से कमेटी गठित की जाएगी।

मेडिकल रिपोर्ट तलब करूंगी 

संबंधित एजेंसियों ने रामरती को अस्पताल में भर्ती क्यों नहीं कराया? इस सवाल पर चेयरपर्सन ने कहा कि पुलिस और महिला संरक्षण अधिकारी को इस विषय में आदेश दिए गए हैं। इलाज के साथ उसकी  डाइट का भी ख्याल रखना है। दो दिन बाद मेडिकल रिपोर्ट भी तलब करूंगी।


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