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Haryana की नामी चावल निर्यातक की फर्म सील, यूनियन बैंक से लिया था लोन

यूनियन बैंक ने लोन के रूप में लिए 50 करोड़ लेने के बाद रकम न चुका पाने पर कार्रवाई की। कैथल की चावल निर्यातक लेखराज एंड सन्स फर्म को सील कर दिया।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 12 Mar 2020 05:06 PM (IST)Updated: Thu, 12 Mar 2020 05:18 PM (IST)
Haryana की नामी चावल निर्यातक की फर्म सील, यूनियन बैंक से लिया था लोन
Haryana की नामी चावल निर्यातक की फर्म सील, यूनियन बैंक से लिया था लोन

पानीपत/कैथल, जेएनएन। बैंक पर मंडरा रहे संकट को देखते हुए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने बड़ी कार्रवाई की है। हरियाणा की फेमस चावल निर्यातक लेखराज एंड सन्स फर्म सील कर दिया है। चावल निर्यातक ने बैंक से 50 करोड़ का लोन लिया था। इसके बाद से एक भी किश्त नहीं चुकाई थी। इससे बैंक ने कड़ी कार्रवाई की। 

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प्रदेश के नामी चावल निर्यातक लेखराज एंड सन्स फर्म पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने बड़ी कार्रवाई की है। इस फर्म ने वर्ष 2012 में 50 करोड़ का लोन लिया था। अब फर्म की तरफ ब्याज सहित बैंक का 51 करोड़ 29 लाख 30 हजार रुपये बकाया था। इस राशि का भुगतान न करने पर बृहस्पतिवार को बैंक अधिकारियों ने प्रशासन की मौजूदगी में फर्म के गोदाम और मशीनों को सील कर दिया है। स्टॉक और मशीनरी को लेकर फर्म ने बैंक से लोन लिया था। सुबह 10 बजे शुरू हुई कार्रवाई दोपहर तीन बजे तक जारी रही।

एक भी किश्त नहीं जमा कराई

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया कैथल शाखा के मैनेजर कमल अग्रवाल ने बताया कि फर्म ने बैंक से लोन लिया था, लेकिन एक भी किश्त जमा नहीं करवाई। भुगतान राशि को लेकर कई बार नोटिस भी भेजे गए। इसके बावजूद फर्म मालिकों ने बैंक का एक रुपया भी वापस नहीं लौटाया। 

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बैंक ने कोर्ट की शरण ली

बैंक ने बकाया राशि को लेकर कोर्ट की शरण ली। गुरुवार को कोर्ट के आदेशों पर जिला प्रशासन की मौजूदगी में कब्जा की कार्रवाई की। इस कार्रवाई में करनाल से क्षेत्रीय सहायक मैनेजर जसबीर शर्मा, मुख्य प्रबंधक जितेश कुमार, मुख्य प्रबंधक सुनील कुमार, चीफ मैनेजर दीपक कुमार, रिजनल ऑफिसर आशुतोष शर्मा और नैंसी अग्रवाल मौजूद रही। बैंक को सील करने के लिए डीसी के आदेशों पर जिला प्रशासन की तरफ से तहसीलदार सुदेश मैहरा, कानूनगो धर्मवीर और पटवारी रामशरण सहित सिविल लाइन थाना पुलिस के कर्मचारी मौजूद रहे। 

जमीन सील करने को लेकर मालिकों और अधिकारियों में खींचतान

जिस जमीन पर लोन लिया हुआ है वह कुल जगह 92 कनाल 15 मरले के करीब बताई जा रही है,  जबकि कुल जगह 105 कनाल 10 मरले के करीब है। जमीन पर लिए गए लोन को लेकर मालिकों और बैंक अधिकारियों में कुछ समय को लेकर खींचतान हुई, लेकिन बाद में बैंक की तरफ से मंगवाए गए कागजातों को तहसीलदार ने देखने के बाद फिर से बैंक अधिकारियों ने कब्जा लेने की कार्रवाई शुरू की। 

लगाए ये आरोप

वहीं इस कार्रवाई का मालिकों ने विरोध किया। कहा कि बैंक की तरफ से कोई नोटिस जारी नहीं किया गया और बिना बताएं यह कार्रवाई की जा रही है। इस फर्म की तरफ अनाज मंडी आढ़तियों का करीब 40 करोड़ रुपये बकाया है। 

राइस मिल में डीएफएससी एजेंसी का भी रखा हुआ है गेहूं

जिस राइस मिल को बैंक ने सील किया है, इसमें खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा एक लाख 89 हजार गेहूं के बैग लगाए हुए हैं। एजेंसी द्वारा स्टॉक को लेकर ली गई जगह का किराया फर्म को दिया जा रहा है, लेकिन अब इस फर्म को सील कर दिया है तो अब एजेंसी की तरफ से दी जाने वाली किराया राशि बैंक लेगा। जैसे ही बैंक की इस कार्रवाई का अधिकारियों को पता चला तो डीएफएससी वरिंद्र सिंह मौके पर पहुंचे।

उन्होंने बैंक अधिकारियों से दो से तीन माह का समय मांगा और कहा कि यहां से स्टॉक जल्दी ही उठा लिया जाएगा। बैंक अधिकारियों ने एजेंसी को समय देते हुए कहा कि जब तक स्टॉक यहां रहेगा तब तक जो किराया बनता है वे बैंक लेगा और एजेंसी की तरफ से स्टॉक की सुरक्षा को लेकर कर्मचारी लगाने होंगे। बैंक की तरफ से भी यहां प्रॉपर्टी की सुरक्षा को लेकर कर्मचारी लगाया जाएगा। 


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