आप प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद फरसा लेकर पहुंचे थाने, हुई बहस, जानिए पूरा मामला Panipat News
ईवीएम की वीडियो फेसबुक पर डालने पर आप प्रत्याशी का कथित प्रतिनिधि गिरफ्तार कर लिया गया। इसकी जानकारी आप प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद फरसा लेकर थाना शहर पहुंच गए।
पानीपत, जेएनएन। आर्य कॉलेज के स्पोट्र्स कांप्लेक्स में बुधवार को इसराना विधानसभा क्षेत्र के कंट्रोल रूम में रखी ईवीएम की वीडियो बनाकर फेसबुक पर अपलोड करने के मामले में पुलिस ने आरोपित अनिल को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित अनिल पांडेय मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आंबेडकर नगर का रहने वाला है और फिलहाल विर्क नगर में रहता है। उसने खुद को आम आदमी प्रत्याशी का प्रतिनिधि बताया। शहर पुलिस ने आरोपित अनिल को अदालत में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। वहीं फेसबुक से ईवीएम का वीडियो डिलीट करवा दिया गया। सूचना के बाद आप प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद लकड़ी का फरसा (प्रतीकात्मक) लेकर कार्यकताओं के साथ थाना शहर पहुंचे और अनिल पांडेय की गिरफ्तारी को असंवैधानिक बताया। इस दौरान उनकी थाना प्रभारी मदनलाल से बहस भी हुई।
जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राजबीर सिंह ने पुलिस को शिकायत दी कि वह इसराना विधानसभा का रिटर्निंग अधिकारी है। आर्य कॉलेज से स्पोट्र्स कांप्लेक्स में ईवीएम का ट्रायल लेकर चेकिंग की जा रही थी। इसी दौरान विर्क नगर के अनिल पांडेय ने कंट्रोल रूम में घुसकर ईवीएम की वीडियो क्लिप बनाई और फेसबुक पर अपलोड कर दी। इस पर अनिल को पकड़ लिया गया। उसने बताया कि वह आम आदमी पार्टी के इसराना प्रत्याशी आजाद भालसी का एजेंट है, जबकि रिकॉर्ड के अनुसार आजाद का एजेंट अमित कांत है।
आरओ ने सही जानकारी दी तो अनिल से वीडियो Facebook पर डाला
आप के प्रदेश अध्यक्ष नवीन जयहिंद ने थाना प्रभारी मदनलाल से कहा कि आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी आजाद भालसी दिव्यांग हैं। अनिल पांडेय उनके प्रतिनिधि के तौर पर ईवीएम की जांच के लिए गए थे। आरओ ने ईवीएम के बारे में पूछने पर सही जवाब नहीं दिया तो अनिल ने वीडियो फेसबुक पर डाल दी तो क्या गुनाह किया? अगर आरओ ठीक हैं तो वीडियो क्यों डिलीट कराई। सोशल मीडिया पर ईवीएम की काफी वीडियो है। इंस्पेक्टर मदनलाल ने कहा कि 250 लोग ईवीएम की चेकिंग व सील करने में लगे थे। उनमें से कोई भी किसी पार्टी के प्रत्याशी का प्रतिनिधि नहीं था। अनिल पांडेय गैर कानूनी तरीके से स्ट्रांग रूम में घुसा तो कार्रवाई की गई।
मामला निपटाने के लिए 10 घंटे का समय दिया था
इंस्पेक्टर मदनलाल ने बताया कि आम आदमी के कई कार्यकर्ता थाने आए थे। उन्हें 10 घंटे तक समय दिया था कि वे जिला निर्वाचन अधिकारी से मिल लें और मामला निपटा लें, लेकिन उन्होंने गौर नहीं किया। इसके बाद ही केस दर्ज किया गया।