Move to Jagran APP

हरियाणा के इस गांव में 22 सालों से हो रही शहीदों की पूजा, देखें मनमोहक तस्वीरें

हरियाणा का एक ऐसा गांव जहां होती है शहीदों की पूजा। यमुनानगर के गुमथला राव में एक ऐसा मंदिर है जहां शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए खास मौके का इंतजार नहीं होता। यहां हर दिन इंकलाब जिंदाबाद... के नारे लगते हैं।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 11:27 AM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 11:27 AM (IST)
हरियाणा के इस गांव में 22 सालों से हो रही शहीदों की पूजा, देखें मनमोहक तस्वीरें
हरियाणा का एक ऐसा गांव जहां होती है शहीदों की पूजा।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता।  हरियाणा व उप्र के बीचोबीच बह रही यमुना नदी के किनारे व जिले के अंतिम छोर पर गुमथला राव में एक ऐसा मंदिर है जहां शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए खास मौके का इंतजार नहीं होता। यहां हर दिन इंकलाब जिंदाबाद... के नारे लगते हैं। वर्ष-2000 में शहीद भगत सिंह की प्रतिमा स्थापित कर छोटे से इंकलाब मंदिर की नींव रखी। आज यहां भारत माता, दुर्गा भाभी, शहीद राजगुरू, शहीद सुखदेव सिंह सहित सैकड़ों वीर क्रांतिकारियों व  वीरांगनाओं की प्रतिमाएं और हाथ से बने पोर्टेट भी स्थापित हैं। 

loksabha election banner

मनाते हैं हर शहीद का जन्मदिवस व शहीदी दिवस

इंकलाब मंदिर के संरक्षक एडवोकेट वरयाम सिंह के मुताबिक इस तरह का इंकलाब मंदिर पूरे देश में नहीं है। देश की आजादी में प्राणों की आहुति दे  चुके हर शहीद का जन्मदिवस व शहीदी दिवस यहां पर मनाया जाता है। आयोजित कार्यक्रमों में इंकलाब मंदिर की टीम के अलावा क्षेत्र के गण्यमान्य व्यक्ति पहुंचते हैं। स्कूलों के बच्चे भी कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।

उन्होंने बताया कि शुरुआत दौर में मंदिर गुमथला राव के सरकारी स्कूल में स्थापित था। शहीद भगत सिंह सहित चुनिंदा शहीदों की प्रतिमाएं ही यहां पर स्थापित थी। समय के साथ-साथ यहां स्थापित अमर शहीदों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। अब सैकड़ों शहीदों की प्रतिमाएं व पोर्टेट मंदिर में हैं। इंकलाब मंदिर की सहयोगी  संस्था  हरियाणा  एंटी क्रप्शन सोसाइटी विशेष रूप से योगदान कर रही है। 

मंदिर प्रांगण की शोभा बढ़ा रहा तिरंगा

मंदिर  प्रांगण में सुशोभित राष्ट्र सम्मान तिरंगा इंकलाब मंदिर की शोभा को और भी बढ़ा रहा है। अलग-अलग तरह के सैकडों पौधों के तने हरे सफेद व केसरिया रंग से रंग हुए हैं। यह मंदिर गुमथला-करनाल मार्ग पर स्थित है। यहां से गुजरने वाला हर कोई वाहन रोक कर एक बार मंदिर की ओर जरूर जैसे ही देखता है तो मानों नजरें रुक सी जाती है। दिन में ऐसे लोगों की संख्या कम नहीं होती जो वाहन साइड में खड़ा करके यहां शहीदों को नतमस्तक होते हैं। इंकलाब मंदिर के बारे में जानकारी हासिल करते हैं। न केवल हरियाणा बल्कि अन्य राज्यों के लोग भी इंकलाब मंदिर को देखने के लिए पहुंचते हैं। 

इन शहीदों की प्रतिमाएं स्थापित

मंदिर के प्रांगण में शहीद भगत सिंह, शहीद राजगुरु, शहीद सुखदेव,  शहीद उधम सिंह, लाला लाजपत राय, शहीद करतार सिंह शराभा, शहीद मंगल पांडे, शहीद चंद्र शेखर आजाद, नेता जी सुभाष चंद्र बोस, दुर्गा भाभी, भारत माता सहित सैकड़ों अमर शहीदों की प्रतिमाएं व हाथ से तैयार किए पोर्टेट यहां पर स्थापित हैं। देश में अपनी तरह के इकलौते इंकलाब मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक बढ़ती जा रही है। वर्ष-2014 में हरियाणा सरकार ने एक एकड़ भूमि भी मंदिर के लिए आवंटित की है। 

शहीदों के परिजन भी कर चुके नमन

शहीद उधम सिंह के परिवार से खुशी नंद,  ज्ञान सिंह, हरपाल सिंह व शहीद मंगल पांडे के वंशज देवी दयाल पांडे  व शीतल पांडे भी यहां आयाजित कार्यक्रमों में  शिरकत कर चुके हैं। इनके अलावा खेल मंत्री सरदार संदीप सिंह, आरएसएस के राष्ट्रीय प्रचारक इंद्रेश कुमार, पूर्व राज्य मंत्री कर्णदेव कांबोज, फिल्म प्रमाणन बोर्ड के सदस्य रहे इकरार मोहम्मद, पूर्व संसदीय  सचिव श्याम सिंह राणा, यमुनानगर के जिला उपायुक्त रहे रोहताश सिंह खर्ब, सिविल सर्जन डा. विजय दहिया सहित अन्य कई प्रशासनिक अधिकारी भी यहां पहुंचकर शहीदों को नमन कर चुके हैं। 

शहीदों को समर्पित ये कार्य किए

मंदिर के संरक्षक एडवोकेट वरयाम सिंह बताते हैं कि इंकलाब मंदिर टीम के प्रयासों से 23 मार्च को हरियाणा शहीदी  दिवस पर अवकाश घोषित करवाया गया, सभी पुलिस थानों में शहीद भगत सिंह की प्रतिमा अनिवार्य करवाई, शहीद भगत सिंह के नाम से सिक्के जारी करवाए, सभी सरकारी कार्यालयों में शहीद भगत सिंह, शहीद राजगुरु व शहीद सुखदेव सिंह के चित्र अनिवार्य किए जाने की भी घोषणा हो चुकी है। शहीदों को समर्पित कार्यों में इंकलाब मंदिर ट्रस्ट के प्रधान अनेज कांबोज, कुलवंत सिंह, गुरुमुख सिंह, शेर सिंह मलिक, एडवोकेट सर्वजीत सिंह रतन सिंह, संजीव कुमार, शुभम, सोनु, अवतार सिंह व अन्य का पूरा सहयोग रहता है।

पानीपत की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.