नवरात्र के सात दिनों में सिविल अस्पताल में जन्मीं 93 बेटियां
जागरण संवाददाता पानीपत नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना का विधान
जागरण संवाददाता, पानीपत : नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना का विधान है। इसी कड़ी में आज अधिकांश घरों में कंजक (कन्या) पूजन का विधान है। यह इस बात का भी परिचायक है कि हिदू धर्म में नारी का सम्मान प्राचीन काल से ही सर्वोपरि है। लिगानुपात की ²ष्टि से पानीपत में अच्छे संकेत मिल रहे हैं। सिविल अस्पताल में सात दिनों में 93 बेटियों ने जन्म लिया है।
सिविल अस्पताल स्थित प्रसूति वार्ड की स्टाफ नर्स सुमन ने बताया कि पहले नवरात्र 17 से 23 अक्टूबर के दौरान कुल 181 प्रसव संपन्न कराए गए हैं। इस अंतराल में 93 बेटियों, 88 बेटों ने जन्म लिया है। यानि बेटों की तुलना में करीब 14 फीसद अधिक बेटियां जन्मी हैं। नवरात्र के सात दिनों में अधिक बेटियों का जन्म लेना लिगानुपात की ²ष्टि से जिले के लिए अच्छा संकेत है। पीएनडीटी (प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक) के जिला नोडल अधिकारी डा. सुधीर बतरा ने बताया कि सितंबर में प्रदेश का औसत लिगानुपात 915 है। जिला 948 फीमेल प्रति 1000 मेल के साथ प्रदेश में टाप पर है।
प्रदेश सरकार ने इस वर्ष के अंत तक 950 का आंकड़ा पार करने का लक्ष्य दिया है। वर्ष के अंत तक इस लक्ष्य को पार कर जाएंगे। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी-2015 में पानीपत से ही बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का शुभारंभ किया था। उस समय पानीपत का लिगानुपात 892 था। पानीपत के लिगानुपात ने यूं खाए हिचकोले :
वर्ष 2015-892
वर्ष 2016-912
वर्ष 2017-945
वर्ष 2018-900
वर्ष 2019-930
वर्ष 2020-948 (सितंबर में)।