नई वार्डबंदी पर 90 दावे और आपत्ति, परिसीमन पर सवाल
पानीपत में नई वार्डबंदी के खिलाफ 12 दिन में 90 दावे व आपत्ति दर्ज की गई हैं।
जागरण संवाददाता, पानीपत : नई वार्डबंदी के खिलाफ 12 दिन में 90 दावे व आपत्ति दर्ज की गई हैं। इनमें से अधिकतर ब्लाक व कॉलोनियों को गलत तरीके से दो वार्डों में बांटने की हैं। निगम इनकी 25 व 26 अप्रैल को इनकी सुनवाई करेगा।
नगर निगम की नई वार्डबंदी पर सोमवार को शाम पांच बजे तक दावे व आपत्ति ली गई। नोडल अधिकारी ईओ अरुण भार्गव की देखरेख में दावे व आपत्तियों को वार्ड अनुसार अलग-अलग किया। विदित है कि डीसी सुमेधा कटारिया ने 16 मार्च को नई वार्डबंदी का प्रारूप निदेशालय में भेजा था। इसके सामने आते ही शहर में हंगामा मच गया था। खुद भाजपा के नेता व पार्षद ही विरोध में उतर आए थे। शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक ने 11 अप्रैल को इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया था। निगम ने इसके बाद दावे व आपत्ति मांगे थे।
डीसी ने अधिकारियों की ली बैठक
डीसी सुमेधा कटारिया ने सोमवार दोपहर बाद अपने कार्यालय में नई वार्डबंदी से संबंधित अधिकारियों की बैठक ली। निगम कमिश्नर शिवप्रसाद शर्मा ने दावे व आपत्तियों की पूरी रिपोर्ट रखी। डीसी ने कहा कि वार्डबंदी की सुनवाई में नियुक्त अधिकारी दोनों दिन सुनवाई करेंगे। वे अपने स्तर पर दावे व आपत्तियों को निपटाने का प्रयास करेंगे। इससे पहले निगम संबंधित लोगों को व्यक्तिगत तौर पर जाकर दावे व आपत्तियों की सुनवाई के लिए संदेश भेजेगा।
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ब्लॉक और वार्ड-6 से 7 में बदलने की मांग
मेयर सुरेश वर्मा, वार्डवासी राजेश कुमार, देवेंद्र व कृष्ण ने आयुक्त को अपने दावे व आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि नई वार्डबंदी में कई ब्लाक ठीक से नहीं बनाए गए हैं। वार्ड-7 की कई कॉलोनियों का कुछ हिस्सा वार्ड-6 में चला गया है। वे वार्ड-7 का ही हिस्सा बना रहना चाहता है। उनकी कॉलोनियों के ब्लाक को वापस वार्ड-7 में शामिल किया जाएं।
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वार्ड-6 से 4 में ब्लॉक शामिल करने की मांग की
नवल किशोर, नेत्रपाल, महाबीर व बीरसेन ने बताया कि नई वार्डबंदी में वार्ड-4 में दिखाया क्षेत्र व जनसंख्या बहुत कम है। वार्ड-6 के ब्लाक वापस वार्ड-4 में शामिल किए जाएं। यह ब्लाक वार्ड-6 के साथ लगते हैं। ऐसा करने से दोनों वार्डों की जनसंख्या बराबर हो जाएंगी।
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वर्जन
निगम की नई वार्डबंदी में 90 दावे व आपत्ति दर्ज की गई हैं। अधिकारी 25 व 26 अप्रैल को सुनवाई कर मौके पर निपटान का प्रयास करेंगे। ज्यादा गंभीर आपत्तियों को निदेशालय भेजा जाएगा।
-शिवप्रसाद शर्मा, कमिश्नर, नगर निगम।