6.05 क्यूसेक पानी से हिल गया था पानीपत-हरिद्वार का यमुना पुल, अब खतरे से नीचे आई यमुना
हथिनी कुंड बैराज से 6.05 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद यमुना में आए उफान से पानीपत-हरिद्वार रोड पर बना यमुना पुल तक हिल गया था। प्रशासन ने खुद माना कि एक बार तो हरिद्वार रोड को बंद करने तक की नौबत आ गई थी।
जागरण संवादाता, पानीपत : हथिनी कुंड बैराज से 6.05 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद यमुना में आए उफान से पानीपत-हरिद्वार रोड पर बना यमुना पुल तक हिल गया था। प्रशासन ने खुद माना कि एक बार तो हरिद्वार रोड को बंद करने तक की नौबत आ गई थी। प्रशासनिक और विभागों के अधिकारियों की सूझ-बूझ के चलते बड़ा हादसा टल गया। यहां पर करीब 12 घंटे तक लगातार बचाव कार्य किया गया। बता दें कि यमुना में मंगलवार को पानी कम हो गया।
वर्जन
यमुना में खतरे का निशान 230.85 मीटर है। अब यमुना खतरे के निशान से नीचे 230.40 मीटर पर बह रही है। हथिनी कुंड बैराज से मंगलवार दोपहर को 16367 क्यूसेक पानी चल रहा है। अब यमुना में पानी धीरे-धीरे कम हो जाएगा।
लोकेंद्र, जेई, केंद्रीय जल बोर्ड। वर्जन
यमुना में एक साथ तेज पानी छोड़े जाने से जिले में कहीं भी कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। यमुना के निकट के तामशाबाद से राकसेड़ा तक के अनेक संवेदनशील गांवों में क्षतिग्रस्त तटबंधों को मजबूत कर दिया है। उन्होंने सभी अधिकारियों और ग्रामीणों को इसका श्रेय दिया।
सुमेधा कटारिया, डीसी।
हांसी-बुटाना नहर टूटने से तीन गांवों में घुस गया था पानी
डीसी सुमेधा कटारिया ने बताया कि हांसी-बुटाना नहर के टूट जाने से जिला के तीन गांवों में पानी घुस गया था, लेकिन अधिकारियों व ग्रामीणों की सूझबूझ के कारण नारा माइनर में कट लगाया गया। जिससे अधिकतर पानी नारा माइनर के माध्यम से गन्ना बाहुल क्षेत्र में चला गया। गन्ने की फसल को पानी में नुक्सान नहीं होता।