कैथल में 20 हजार प्रॉपर्टी की नहीं हुई पहचान, कहीं कर्मचारी नहीं पहुंचे तो कहीं मालिक का जानकारी देने से इनकार
शहर में प्रॉपर्टी का सर्वे पूरा। अब दोबारा की जा रही है वेरिफिकेशन। नगर परिषद की ओर से याशी कंसल्टेंसी एजेंसी को सौंपा गया है सर्वे का काम। एजेंसी के दो और नगर परिषद के दो कर्मचारी कर रहे काम। इस डाटा को जल्द ही ऑनलाइन किया जाएगा।
पानीपत/कैथल, जेएनएन। नगर परिषद की ओर से याशी कंसल्टेंसी एजेंसी के सहयोग से शहर में प्रॉपर्टी का सर्वे करवाया जा चुका है। एजेंसी के अनुसार शहर में 80 हजार प्रॉपर्टी हैं। इनमें से 20 हजार प्रॉपर्टी ऐसी हैं, जिन पर एजेंसी के कर्मचारी नहीं पहुंच पाए या प्रॉपर्टी मालिक ने जानकारी देने से मना कर दिया।
कुछ दिन पहले ही शहरी स्थानीय निकाय विभाग की ओर से निर्देश दिए गए थे जितनी प्रॉपर्टी का सर्वे हो चुका है उसकी दोबारा से वेरिफिकशन की जाए। इसके लिए एजेंसी के दो और नगर परिषद के दो कर्मचारी काम कर रहे हैं। कार्यालय में बैठ कर पुराने रिकॉर्ड के साथ प्रॉपर्टी की वेरिफिकेशन की जा रही है।
दो दिन में एक हजार प्रॉपर्टी की वेरिफिकेशन
दो दिनों में करीब एक हजार प्रॉपर्टी की वेरिफिकेशन की जा चुकी है। अगर डाटा का मिलान नहीं हो रहा हैै तो टीम मौके पर जाकर प्रॉपर्टी देख रही है। जिनकी वेरिफिकेशन हो चुकी है उनका डाटा शहरी स्थानीय निकाय को भेजा जा रहा है। इस डाटा को जल्द ही ऑनलाइन किया जाएगा। रिकॉर्ड आनलाइन होने से प्रॉपर्टी टैक्स से नप को पहले से ज्यादा आमदनी होगी। शहर के लोग ऑनलाइन भी अपना टैक्स भर सकेंगे। इसके लिए एक अलग से सॉफ्टवेयर बनाया जाएगा।
निर्धारित किए गए हैं टैक्स के रेट
भवन मालिकों को साल में एक बार नगर परिषद को प्रॉपर्टी टैक्स देना होता है। खाली और बने हुए भवनों के लिए अलग-अलग रेट तय हैं। खाली प्लाट या मकान का 300 वर्ग गज तक के प्लाट के लिए 50 पैसे प्रति गज, 301 से 500 गज तक के प्लाट के लिए दो रुपये प्रति गज, 501 से 1000 तक के प्लाट के लिए तीन रुपये प्रति गज, 1001 से दो एकड़ तक तीन रुपये 50 पैसे प्रति गज देने होते हैं। कॉमर्शियल में 50 वर्ग गज तक 12 रुपये प्रति गज, 51 से 100 तक 18 रुपये प्रति गज, 101 से 500 तक 24 रुपये प्रति गज, 501 से 1000 तक 30 रुपये प्रति गज टैक्स देना होता है।
हर प्रॉपर्टी का रिकॉर्ड होगा आनलाइन
नगर परिषद सचिव मोहन लाल ने बताया कि शहर में बने भवनों का सर्वे एजेंसी ने पूरा कर लिया है। अब एजेंसी और नप कर्मचारियों की टीम दोबारा से प्रॉपर्टी की वेरिफिकेशन कर रही है। जल्द ही शहर की हर प्रॉपर्टी का रिकार्ड आनलाइन हो जाएगा।