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520 बसों में खामियां, कार्रवाई के डर से निजी स्कूलों ने खरीदी 20 नई बसें

आरटीए टीम की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर जिले में 207 स्कूलों की 860 बसें सड़कों पर दौड़ रही है। इनमें से लगभग 60 फीसद यानि 520 बसों में खामियां पाई गई हैं। सर्वे के दौरान स्कूलों को नोटिस थमाने के बाद अब विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। मंगलवार और बुधवार को हुए स्कूल बसों के चालान के बाद निजी स्कूल प्रबंधकों ने पुरानी बसें खड़ी कर नई बसें खरीदनी शुरू कर दी हैं। वहीं अधिकारियों का दावा है कि फिलहाल ऑन-रोड चेकिग अभियान जारी रहेगा

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Apr 2019 06:40 AM (IST)Updated: Fri, 12 Apr 2019 06:40 AM (IST)
520 बसों में खामियां, कार्रवाई के डर से निजी स्कूलों ने खरीदी 20 नई बसें
520 बसों में खामियां, कार्रवाई के डर से निजी स्कूलों ने खरीदी 20 नई बसें

जागरण संवाददाता, पानीपत : आरटीए टीम की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर जिले में 207 स्कूलों की 860 बसें सड़कों पर दौड़ रही है। इनमें से लगभग 60 फीसद यानि 520 बसों में खामियां पाई गई हैं। सर्वे के दौरान स्कूलों को नोटिस थमाने के बाद अब विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। मंगलवार और बुधवार को हुए स्कूल बसों के चालान के बाद निजी स्कूल प्रबंधकों ने पुरानी बसें खड़ी कर नई बसें खरीदनी शुरू कर दी हैं। वहीं, अधिकारियों का दावा है कि फिलहाल ऑन-रोड चेकिग अभियान जारी रहेगा

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विभागीय आंकड़ों के मुताबिक पानीपत शहर में 62 ऐसे स्कूल है, जिनकी 348 बसें सड़कों पर है। सर्वे में समालखा ब्लॉक के 34 स्कूलों की 238 बसें, इसराना ब्लॉक के 49 स्कूलों की 95 बसें पाई गई। वहीं मतलौडा ब्लॉक के 48 स्कूलों की 129 और बापौली ब्लॉक के 15 स्कूलों की 50 बसें ऑन ड्यूटी पाई गई। चौंकाने वाली बात यह है कि पानीपत शहर के केवल 62 स्कूलों के पास 348 स्कूल बसें है, जबकि 72 स्कूल ऐसे है जिनमें अभी ट्रांसपोर्टेशन के लिए बस सेवा उपलब्ध नहीं कराई गई है। 20 से अधिक बसों की तैयार हो रही चेसिस

ट्रक यूनियन के मैकेनिकों और बॉडी मेकरों के मुताबिक आरटीए कार्रवाई के कारण उनके कामकाज में लगभग दोगुनी तेजी आई है। हाल ही में पानीपत ट्रक यूनियन में अलग-अलग स्कूलों की 20 से अधिक बसों को चेसिस तैयार करने के लिए भेजा गया है। स्कूल प्रबंधक फर्श, बॉडी और एसेसरीज पर दे रहे अधिक ध्यान

मैकेनिकों के मुताबिक निजी स्कूलों की अधिकतर गाड़ियों को फर्श, बंपर और बॉडी की कमियां दूर करने के लिए यूनियन में लाया जा रहा है। स्कूल स्टॉफ सीसीटीवी कैमरे, एलईडी स्क्रीन, जीपीएस जैसी एक्सट्रा एसेसरीज लगवाने पर भी अधिक जोर दे रहे हैं। डीईओ रिपोर्ट से 199 बसें अधिक मिलीं

शुरुआती चरण में डीईओ के रिपोर्ट मांगने पर निजी स्कूल प्रबंधकों ने महज 661 स्कूल बसें होने का दावा किया था। जबकि, सर्वे के बाद 199 स्कूल बसें अधिक मिली तो स्कूल संचालकों ने नई बसें ऑन रिकॉर्ड नहीं होने का बहाना बनाया। पासिग में 15 स्कूल बसें हुई फेल

बृहस्पतिवार को जिमखाना क्लब में 103 गाड़ियां पासिग के लिए आई थी। जिनमें 25 से अधिक निजी स्कूल की बसें भी शामिल थी। आरटीए अधिकारियों ने जांच के बाद हाइ सिक्योरिटी नंबर प्लेट, एलइडी स्क्रीन, फायर सिलेंडर जैसी खामियां मिलने पर 15 बसों को फेल कर दिया।


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