एनएचएम की 32 एएनएम बर्खास्त, आर-पार के मूड में कर्मचारी, कोर्ट के आदेश बेअसर
हड़तालरत बहु उद्देश्यीय कर्मचारियों का समर्थन करने पर गिरी गाज। ------
फोटो 25, 25ए
सबहेड
हड़तालरत बहु उद्देश्यीय कर्मचारियों का समर्थन करने पर गिरी गाज
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नंबर गेम
27 अगस्त से हड़ताल कर रहे हैं एमपीएचडब्ल्यू और अन्य
173 कर्मचारियों की सूची दी थी डिप्टी सिविल सर्जन ने
33 कर्मचारी शुक्रवार को कोर्ट में किए गए थे पेश
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हाईलाइटर
सर्व कर्मचारी संघ के बैनर तले कर्मचारियों ने निकाला विरोध जुलूस
-सोमवार को विधानसभा का घेराव करेंगे कर्मचारी
-हड़ताल कर रहे कर्मचारियों पर सरकार सख्त
- कार्यवाहक सिविल सर्जन ने आदेश की प्रतिलिपि को कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर चिपकाया
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जागरण संवाददाता, पानीपत : हड़ताल में बहु उद्देश्यीय स्वास्थ्य कर्मचारियों का समर्थन करने वाली 32 एएनएम को सरकार ने बर्खास्त कर दिया है। ये सभी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की कर्मचारी हैं। एनएचएम हरियाणा की मिशन डायरेक्टर अमनीत पी. कुमार ने सभी के नाम का बर्खास्त पत्र जारी किया है। 13 दिनों से हड़ताल कर रहे एमपीएचडब्ल्यू पर भी अब सगाज गिरनी तय मानी जा रही है।
उधर, कर्मचारियों ने सीजेएम हर्षाली चौधरी के शुक्रवार को दिए आदेश को नजरअंदाज करते हुए शनिवार को भी हड़ताल जारी रखी। सर्व कर्मचारी संघ के बैनर तले सौ से ज्यादा कर्मचारियों ने जीटी रोड पर जुलूस निकाला।
गौरतलब है कि कर्मचारी 27 अगस्त से सात सूत्रीय मांगों के लिए हड़ताल पर हैं। मलेरिया विभाग, टीकाकरण सहित अन्य सेवाएं ठप हैं। सरकार ने 31 अगस्त को एस्मा लागू किया था। कार्यवाहक सिविल सर्जन डॉ. नवीन सुनेजा ने 4 अगस्त को एस्मा का हवाला देकर नोटिस भिजवाया था, जिसे कर्मचारियों ने फाड़ दिया था। डॉ. सुनेजा ने 7 अगस्त को सिटी थाने में 100 को नामजद करते हुए 73 अन्य कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत दी थी। शुक्रवार की एसडीएम विवेक चौधरी, डीएसपी राजेश कुमार और सिटी थाना प्रभारी दीपक कुमार के नेतृत्व में भारी पुलिस बल ने सिविल अस्पताल में धरना दे रहे 33 कर्मचारियों को एस्मा एक्ट के सेक्शन सात में गिरफ्तार कर सीजेएम हर्षाली चौधरी की कोर्ट में पेश किया था। स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा एस्मा का सही ढंग से फॉलोअप नहीं करने के कारण कोर्ट ने कर्मचारियों को रिहा करते हुए केस को भी खारिज कर दिया था। हालांकि, सीजेएम ने कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि कोर्ट के ऑर्डर को ही एस्मा का नोटिस समझा जाए और कोई भी कर्मचारी अब हड़ताल नहीं करेगा। कोर्ट के आदेश के बावजूद शनिवार को एमपीएचडब्ल्यू और किसी भी एएनएम ने ड्यूटी ज्वाइन नहीं की।
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सड़कों पर उतर किया विरोध
सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) के बैनर पर एकत्र विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने शनिवार को सीटू कार्यालय से सिविल अस्पताल तक पैदल जुलूस निकाला। सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर नारेबाजी कर, शुक्रवार को हुई गिरफ्तारी पर विरोध प्रकट किया।
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जुलूस में ये रहे शामिल
एसकेएस के जिला प्रधान कश्मीर ¨सह, सचित तेजपाल, सीटू जिला कार्यकारी प्रधान सुनील दत्त, आशा वर्कर यूनियन की पूर्व राज्य प्रधान सुमन शर्मा, जिला प्रधान ¨पकी, एमपीएचडब्ल्यू एसोसिएशन के जिला सचिव सुरेश जैन, सुरेंद्र मलिक आदि।
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ये एएनएम बर्खास्त
सुदेश पाथरी, मुकेश अटावला, सुदेश उरलाना, रीना नारा, उषा कवि, विशाल देवी अदियाना, जगमती भंडारी, किरनबाला लोहारी, रीना भादड़, अनिता सुताना, रीना मतलौडा, अनिता खैर कलां, सुनीता खुखराना, मीना नौहरा, नीलम शेरा, मंजू खंदरा, मुकेश बुड़शाम, नीलम डिडवाड़ी, सरला कालखा, सुमन डाहर, ¨पकी नौल्था, अंजू ब्राह्मण माजरा, ¨पकी पलड़ी, राजो देवी सनौली खुर्द , अजय खोजकीपुर, खामोश बाई जलालपुर, सुमन बराना, सीमा अजीजुल्लापुर, प्रोमिला शहरमालपुर, संतोष देवी बिहौली, रीना महावटी, पूजा आरबीएसके पानीपत।
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ये सेवाएं हो गई ठप
कर्मचारियों की हड़ताल के कारण बच्चों का नियमित टीकाकरण, टीबी के मरीजों की मॉनिट¨रग, गर्भवती महिलाओं की मॉनिट¨रग, घर-घर मच्छर का लार्वा चे¨कग, बुखार के मरीजों की ब्लड स्लाइड बनाना, मलेरिया-डेंगू के प्रति लोगों को जागरुक करना और पेयजल में क्लोरीन की मात्रा जांचना जैसी कई व्यवस्थाएं ठप हैं।
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गिरफ्तारी हुई तो जेल
यदि कर्मचारियों की दोबारा गिरफ्तारी होती है तो इस बार कोर्ट से भी राहत नहीं मिल पाएगी, क्योंकि कोर्ट पहले ही कर्मचारियों को चेतावनी दे चुकी है।
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वर्जन :
कोर्ट ने अपना काम किया, हम अपना काम कर रहे हैं। शांतिपूर्वक हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तक मांगों के संबंध में सरकार नोटिफिकेशन जारी नहीं कर देती। गिरफ्तारी के विरोध में 10 सितंबर को विभिन्न विभागों के कर्मचारी विस घेराव करेंगे। संघर्ष आरपार का होगा, बेशक नौकरी चली जाए।
-सतबीर ¨सह, जिला प्रधान, बहु उद्देश्यीय स्वास्थ्य कर्मचारी एसोसिएशन।
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वर्जन :
हड़ताल कर रहे कर्मचारियों की नामजद शिकायत करने के उच्चाधिकारियों के आदेश थे। कोई अधिकारी नहीं चाहता कि किसी कर्मचारी की नौकरी जाए। एस्मा लगा है कर्मचारियों को ड्यूटी पर लौट आना चाहिए। हड़ताल कर रहे एमपीएचडब्ल्यू के संबंध में अभी सरकार का कोई आदेश नहीं मिला है।
-डॉ. नवीन सुनेजा, कार्यवाहक सिविल सर्जन।
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वर्जन :
स्वास्थ्य विभाग ने 173 कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज है। इनमें सौ नामजद और बाकी अन्य शामिल हैं। 33 को कोर्ट में पेश कर चुके हैं। बाकी की शिनाख्त और गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
-दीपक कुमार, सिटी थाना प्रभारी।