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फर्जीवाड़ा करते पकड़े गए 25 एथलीट, ओपन नेशनल चैंपियनशिप में अब नो एंट्री Panipat News

भारतीय एथलेटिक्स महासंघ ने 25 एथलीटों पर पाबंदी लगाई है। रांची में होने वाली ओपन नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में ये सभी नहीं खेल पाएंगे।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 08:59 AM (IST)Updated: Wed, 02 Oct 2019 01:24 PM (IST)
फर्जीवाड़ा करते पकड़े गए 25 एथलीट, ओपन नेशनल चैंपियनशिप में अब नो एंट्री Panipat News
फर्जीवाड़ा करते पकड़े गए 25 एथलीट, ओपन नेशनल चैंपियनशिप में अब नो एंट्री Panipat News

पानीपत, [विजय गाहल्याण]। नौकरी पाने व तरक्की के लिए अपने प्रदेश की बजाय दूसरे राज्यों की ओर से नेशनल एथलेटिक्स प्रतियोगिता में खेलने वाले एथलीटों पर भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआइ) ने नकेल कसनी शुरू कर दी है। इस कड़ी में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब सहित कई प्रदेशों के 25 एथलीट रांची में 10 से 13 अक्टूबर तक होने वाली ओपन नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में नहीं खेल पाएंगे। इन खिलाडिय़ों ने अपने प्रदेश की जगह मणिपुर से खेलने के लिए एंट्री भेजी थी। महासंघ ने संबंधित प्रदेशों की एसोसिएशन को इस बारे में अवगत करा दिया है। 

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हरियाणा एसोसिएशन ने अपने चार एथलीटों से मणिपुर की ओर से खेलने के वजह पूछी तो वे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। 

इन पर लगी पाबंदी 

एएफआइ की ओर से प्रतिबंधित एथलीटों की सूची में पांच महिला खिलाड़ी भी शामिल हैं। सूची में अजीत, अनूप, अमित, अंजू, अर्पिता, अरविंद, डिंपल, गोकुल, हरीश,  इंदू, जसबीर, कपिल, कुलदीप, मलकीत, पाला, प्रवीण, पूर्ण, पुष्पेंद्र, रचना, राजेंद्र, राखी, रोबिन, सावन, संदीप, शुभम, श्रीकांत, सुनील, सन्नी, थॉमस, विक्रम, विपिन, विवेक, योगेश, विवेक और विक्रम के नाम हैं।

ऐसे आए पकड़ में

भारतीय एथलेटिक्स महासंघ ने नेशनल प्रतियोगिता में हेराफेरी रोकने के लिए ऑनलाइन, नाम, पता, प्रदेश के नाम व इवेंट की एंट्री की थी। हर खिलाड़ी को कोड भी दिया गया था। इसी से पता चला गया कि कौन सा खिलाड़ी पहले किस प्रदेश से खेला है और अब उसने कहां से एंट्री भेजी है। ऐसे में फर्जीवाड़ा करने वाले पकड़े गए। बताया गया है कि कई एथलीट रुपये देकर भी दूसरे प्रदेशों से खेल लेते थे।  

कई एथलीट राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में हार जाते थे या फिर वे यहां से खेलते ही नहीं थे। ऐसे एथलीट मणिपुर व अन्य प्रदेशों की ओर से नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में खेल लेते थे। कई बार वे पदक भी जीत जाते थे। इन्हीं पदकों के जरिये उन्हें सरकारी नौकरी और इनामी राशि भी मिल जाती थी। ऐसे खिलाडिय़ों पर रोक लगने से योग्य एथलीटों को प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा।

राजकुमार मिटान, सचिव, हरियाणा एथलेटिक्स संघ।


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