23 साल बाद अब रिहाई मिलने की जगी उम्मीद
23 सालों से कानूनी पचड़े में उलझ रहे बुजुर्ग जगमाल सिंह (61 वर्षीय) की अब रिहाई की आस जग गई है। अंबाला सेंट्रल जेल के कारखाने में मेहनत-मजदूरी कर वह अपना पालन-पोषन कर रहे हैं। सन 2020 में रिहाई होनी थी, मगर जेल में अच्छे आचरण और 66 फीसदी तक सजा पूरी होने के कारण जगमाल सिंह का नाम उन कैदियों की सूची में शामिल कर लिया गया है जिन्हें महात्मा गाधी की 150वीं जयंती पर विशेष माफी दी जाएगी। अंबाला जेल में ही तीन साल की सजा काट रहे तोती राम का नाम भी माफी की सूची में शामिल किया गया है।
जागरण न्यूज नेटवर्क, पानीपत :
23 सालों से कानूनी पचड़े में उलझ रहे बुजुर्ग जगमाल सिंह (61 वर्षीय) की अब रिहाई की आस जग गई है। अंबाला सेंट्रल जेल के कारखाने में मेहनत-मजदूरी कर वह अपना पालन-पोषन कर रहे हैं। सन 2020 में रिहाई होनी थी, मगर जेल में अच्छे आचरण और 66 फीसदी तक सजा पूरी होने के कारण जगमाल सिंह का नाम उन कैदियों की सूची में शामिल कर लिया गया है जिन्हें महात्मा गाधी की 150वीं जयंती पर विशेष माफी दी जाएगी। अंबाला जेल में ही तीन साल की सजा काट रहे तोती राम का नाम भी माफी की सूची में शामिल किया गया है।
बता दें मोदी सरकार ने कैदियों को एक खास सौगात देने का फैसला लिया है। कैदियों की रिहाई एक साथ, एक दिन नहीं बल्कि दो साल तक चलने वाले तीन चरणों में होगी। रिहाई का पहला चरण 2 अक्टूबर 2018 गाधी जयंती को, दूसरा-छह अप्रैल 19 डाडी यात्रा दिवस और तीसरा फिर 2 अक्टूबर 20 गाधी जयंती के दिन होगा। इसके लिए प्रदेश के गृह सचिव एसएस प्रसाद की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने कुल 55 नामों की सूची तैयार कर राज्यपाल को भेज दी है।
सरकार ने प्रदेश की सभी जेलों में केंद्र सरकार की गाइडलाइन भेज दी थी जिसके तहत कैदियों को विशेष माफी दी जानी है। इसके तहत अंबाला जेल में सजा काट कर रहे कैदियों का रिकॉर्ड खंगाला तो महज दो कैदी ऐसे मिले, जिनकी 66 फीसदी से अधिक सजा पूरी हो चुकी है। इसमें जगमाल सिंह निवासी शहजादपुर और तोतीराम निवासी पंचकूला शामिल थे। जगमाल सिंह के खिलाफ सन 1995 में अपराधिक मुकदमा दर्ज किया गया था जिसमें उनको दोषी करार देते कोर्ट ने पाच साल की सजा और एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद से वह कानूनी पचड़े में उलझ गए और सन 2015 में पाच साल की सजा सुनाई गई। यह सजा 2020 में पूरी होगी लेकिन इनकी बाकी सजा माफी का प्रस्ताव भेजा गया है। इसी प्रकार तोती राम के खिलाफ भी सन 2006 में मुकदमा दर्ज किया गया जिसे नवंबर 2016 में तीन साल की सजा सुनाई गई। भले ही सजा महज तीन साल की रही लेकिन कानूनी शिकंजा तब से ही पड़ गया। प्रदेश के गृह सचिव एसएस प्रसाद का कहना है कि 55 कैदियों की सूची भेजी जा चुकी है जिस पर राज्यपाल को फैसला लेना है।
2 अक्टूबर से पहले ही रिहा हो जाएगी महिला कैदी
अंबाला जेल में भले ही 65 के करीब महिला बंदी हैं लेकिन इनमें से एक भी महिला ऐसी नहीं जिसका नाम सजा माफी की सूची में शामिल किया गया हो। दरअसल, केंद्र सरकार की जिस गाइडलाइन पर कैदियों को रिहा किया जा रहा है उसके अनुसार अंबाला जेल में बंद एक ही महिला का नाम सामने आया था। जब इसका रिकॉर्ड चेक किया तो पता चला कि यह कैदी महिला को 2 अक्टूबर से पहले ही रिहा हो रही है।