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दानियों के जज्‍बे को सलाम, 23 लोगों ने प्लाज्मा दान कर 46 मरीजों को दी नई जिंदगी

कोरोना काल में कोई न कोई किसी न किसी तरह से एक दूसरे की मदद करते नजर आ रहे हैं। कुछ ऐसे ही दा‍नियाें ने कई कोरोना संक्रमित मरीजों को नई जिंदगी दी। इन दानियों ने प्‍लाज्‍मा दान करके उनकी जिंदगी बचाई।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 07 May 2021 05:41 PM (IST)Updated: Fri, 07 May 2021 05:41 PM (IST)
दानियों के जज्‍बे को सलाम, 23 लोगों ने प्लाज्मा दान कर 46 मरीजों को दी नई जिंदगी
23 लोगों ने प्लाज्मा दान कर 46 मरीजों को दी नई जिंदगी।

करनाल, जेएनएन। कोरोना महामारी के बीच समाज में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इंसानियत की मिसाल पेश कर रहे हैं। एक और जहां कोरोना का साया मरीजों की जिंदगी पर मंडरा रहा है वहीं करनाल की सामाजिक संस्था सेवा भारती ने गंभीर मरीजों की मदद को हाथ आगे बढ़ाया है।

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विभिन्न सामाजिक कार्यों से जुडी सेवा भारती संस्था ने कोरोना मरीजों की जान बचाने के लिए कोरोना को मात दे चुके लोगों से संपर्क कर उन्हें प्लाज्मा देने के लिए तैयार किया है। संस्था ने ऐसे करीब 650 लोगों से संपर्क किया है, जिनमें काफी लोगों ने कोरोना मरीजों की जान बचाने के लिए प्लाज्मा देने पर सहमति दी है।

संस्था के अध्यक्ष सतीश कुमार चावला ने बताया की सेवा भारती ने कोरोना के गंभीर मरीजों की जान बचाने के लिए प्लाज्मा डोनेशन की शुरुआत की है, जिससे काफी संख्या में प्लाज्मा डोनर जुड़ रहे हैं। उन्होंने बताया संस्था की प्रेरणा से अब तक 23 लोगों ने अपना प्लाज्मा डोनेट कर 46 लोगों की जान बचाई है। प्रतिदिन यह संख्या बढ़ती जा रही है।

एक व्यक्ति के प्लाज्मा से दो लोगों की जान बचाई जा सकती है। पिछले वर्ष भी कोरोना महामारी के दौरान संस्था ने कोरोना मरीजों की हरसम्भव मदद करने का प्रयास किया है। सतीश चावला ने बताया कि सबसे ज्यादा प्लाजमा डोनर की मांग दिल्ली और एनसीआर से आ रही है। जिसे भी डोनर की जरूरत होती है उन्हें प्लाज्मा देकर मरीज की जान को बचाया जाता है।

संस्था के राजन अरोड़ा और विनीत खेड़ा ने बताया की वर्तमान में सबसे ज्यादा जरूरत प्लाज्मा डोनर्स की है लेकिन इसके दानकर्ताओं की संख्या अभी उतनी नहीं है, जितनी जरूरत है। कल्पना चावला मेडिकल कालेज के प्लाजमा बैंक के इंचार्ज डॉक्टर सचिन गर्ग ने बताया कि जिन लोगों को कोविड से ठीक हुए 28 दिन हो जाते है। उन लोगों के कुछ एंटी बॉडी टेस्ट करने के बाद उनका प्लाज्मा लिया जाता है ताकि मरीज के अंदर जाकर वे अच्छे तरीके से काम कर सकें और मरीज को फायदा मिल सके।


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