आग लगने से 22 एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल व पांच एकड़ में पड़े अवशेष राख
संवाद सूत्र इसराना (पानीपत) मांडी से पलडी रोड स्थित खेतों में आग लगने पर गेहूं की 22 एकड़
संवाद सूत्र, इसराना (पानीपत): मांडी से पलडी रोड स्थित खेतों में आग लगने पर गेहूं की 22 एकड़ में खड़ी फसल व आठ एकड़ में पड़ी फांस (अवशेष) जलकर राख हो गए। घटना वीरवार दोपहर के समय की है। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका। खेतों में धुआं उठता देख किसान और आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। बीडीपीओ जितेंद्र शर्मा व थाना प्रभारी नरेंद्र कुमार भी मौके पर पहुंचे।
खेत में पककर तैयार गेहूं की फसल में अज्ञात कारणों से आग लगी तो चलने वाली तेज हवा ने भी आग में घी डालने का काम किया। देखते ही देखते आग कई एकड़ में फैल गई। लोगों ने सूचना किसान राजबीर सिंह वासी मांडी को दी। वह मौके पर पहुंचा और आस पास के लोगों की मदद से आग को बुझाने में जुट गया। वहीं आस-पास के किसान व गांव के लोग भी ट्रैक्टर लेकर पहुंचे और जुताई व अन्य जरिये से काफी मशक्कत की। आगजनी की बड़ी घटना होने से रोकने में पलडी निवासी एक युवा ने सूझबूझ दिखा ट्रैक्टर से आगे चलकर जुताई की तो अन्य किसान आग को बुझाने में कामयाब हो पाए। करीब आधे घंटे बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी पानीपत से मौके पर पहुंच पाई, लेकिन तब तक आग बुझ चुकी थी। किसान ने बताया कि हवा तेज होने के कारण आग ज्यादा फैलती रही। अगर हवा न होती और फायर ब्रिगेड़ को आने में देर न लगती तो इतना नुकसान न हो पाता।
फूट-फूटकर रोया किसान
मांडी निवासी किसान राजबीर ने बताया कि उसने कर्ज लेकर 22 एकड़ जमीन पट्टे पर ली थी। गेहूं की फसल पककर तैयार थी। दो-तीन दिन बाद ही कटाई करानी थी। लेकिन कटाई होने से पहले ही सारी फसल जलकर राख के ढेर में तबदील हो गई। आगजनी से उसे लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। खेत में जली फसल को देख किसान फूट फूटकर रोने लगा। उसने प्रशासन से कारणों का पता लगा मुआवजा दिलाने की गुहार लगाई, ताकि उसे हुए नुकसान की भरपाई हो सके।
किसानों ने जताया रोष
भाकियू के जिला प्रधान कुलदीप बलाना ने बताया कि गेहूं के कटाई के सीजन में होने वाली आगजनी की घटनाओं को देखते हुए उन्होंने पिछले माह ही जिला प्रशासन से जिले के हर खंड में फायर ब्रिगेड की गाड़ी खड़ी करने की मांग की थी। इसको लेकर डीसी से मिले थे। लेकिन प्रशासन ने उनकी मांग को अनदेखा कर दिया। इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ेगा। आज अगर इसराना में फायर ब्रिगेड की गाड़ी खड़ी होती तो इतना नुकसान न होता। पानीपत से गाड़ी को आने में आधे घंटा का समय लगा। बलाना ने बताया कि पिछले साल हर खंड में गाड़ी खड़ी की गई थी। इस कारण आगजनी की बहुत कम घटनाएं हुई थी। वहीं किसानों ने प्रशासन के प्रति रोष जताया।