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माफ करना गांधीजी! आपके किले पर भ्रष्टाचार का सहयोग आंदोलन चल रहा है

जागरण संवाददाता पानीपत जिस किले पर महात्मा गांधी बुनकरों को मनाने आए थे उसी किले की ह

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Aug 2020 09:15 AM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 09:15 AM (IST)
माफ करना गांधीजी! आपके किले पर भ्रष्टाचार का सहयोग आंदोलन चल रहा है
माफ करना गांधीजी! आपके किले पर भ्रष्टाचार का सहयोग आंदोलन चल रहा है

जागरण संवाददाता, पानीपत : जिस किले पर महात्मा गांधी बुनकरों को मनाने आए थे, उसी किले की हालत देखने वाला कोई नहीं है। ऐसा नहीं है कि खर्चा नहीं किया। किला पार्क के विकास पर 1.42 करोड़ रुपये खर्च किए गए। निगम के अधिकारियों ने सुपरविजन कर ठेकेदार को बिल पेमेंट किया। उस पार्क का अब रखरखाव नहीं हो रहा है। घास उग आई है। फव्वारा सिस्टम बंद पड़ा है। ट्यूबवेल कनेक्शन के तार खुले में हैं। आग लगने का खतरा है। टेंडर में शर्त के मुताबिक ठेकेदार को एक साल तक इस पार्क की देखभाल करनी थी। रखरखाव न होने से पार्क पूरी तरह से बदहाल हो गया है। भाजपा नेता और पूर्व पार्षद ने यहां भ्रष्टाचार का आरोप भी जड़ दिया है।

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पानीपत का ऐतिहासिक किला मशहूर है। किला पार्क को विकसित करने के लिए छह बार पत्थर लगाया गया था। कांग्रेस पार्टी के जनार्दन द्विवेदी सहित कई बड़े नेताओं का शिलान्यास पत्थर लगा है। शहर की पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी ने 24 जनवरी 2017 को 1.17 करोड़ की लागत से विकास कार्य का शिलान्यास किया। तत्कालीन निगम आयुक्त वीणा हुड्डा की मौजूदगी में विधायक के पति सुरेंद्र रेवड़ी ने मंच से घोषणा की थी कि इस किले का विकास नहीं हुआ तो शहर छोड़ कर चला जाऊंगा।

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प्रदेश में पहली बार चुनाव जीतने के बाद सीएम मनोहर लाल ने 22 जून 2015 को इसके सुंदरीकरण की घोषणा की थी। फंड के अभाव में दो साल की देरी हो गई। किला पार्क का विकास कराने के लिए फंड आवंटित किया गया। चारदीवारी खड़ी कर दी गई। पानी का प्रबंध नहीं किया गया। ट्यूबवेल लगाया गया लेकिन वो बंद है। शौचालय पर ताला लटका है। ओपन छतरी के निर्माण पर लाखों रुपये खर्च किए गए। उसकी कोई उपयोगिता नहीं है। सूखे घास की ढेर लगी है।

बजट में 25 लाख बढ़ा दी राशि

पार्क के मुख्य द्वार पर लगाए गए शिलान्यास पत्थर पर 1.17 करोड़ लिखा है। नगर निगम ने गुरुग्राम की कंसलटेंट फर्म जी इंग एडवाइजरी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड से योजना की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार कराई थी। 1.32 करोड़ का एस्टिमेट बनवा कर 29 अगस्त 2016 को तकनीकी मंजूरी के लिए नगर निगम गुड़गांव के चीफ इंजीनियर के पास भेजी गई थी। पार्क की खूबसूरती के लिए ही सीएम ने बजट पास करने के दौरान राशि बढ़ा कर 1.42 करोड़ कर दी।

1.42 करोड़ इस पर खर्च

-किला और गांधी पार्क की चारदीवारी पर।

-दो फव्वारे लगाए गए

-ओपन जिम लगाया गया

-सैर के लिए टाइलों का फुटपाथ

-आकर्षक एंट्री गेट

-चाहरदीवारी पर ग्रिल

-बैठने के लिए ओपन छतरी

-एक ट्यूबवेल

महात्मा गांधी आए थे इस पार्क

देश के विभाजन के बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी 10 नवंबर 1947 और दो दिसंबर 1947 को दो बार किला पार्क में आए थे। इसी पार्क में सहमति बनी की पाकिस्तान से आने वाले बुनकरों को पानीपत में ठहराया जाएगा। इसी वजह से आज पानीपत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री आगे बढ़ सकी है। इसी किले की सुध नहीं ली जा रही।

पार्षद ने लगाया था भ्रष्टाचार का आरोप

वार्ड नंबर नौ की पार्षद मीनाक्षी नारंग व उनके पति पूर्व पार्षद अशोक नारंग ने पार्क के सुंदरीकरण कार्य में गड़बड़ी का आरोप लगा कर निगम आयुक्त से जांच कराने की मांग उठाई थी। पूर्व निगम आयुक्त ओमप्रकाश ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए टेंडर से संबंधित रिकार्ड की जांच की। अशोक नारंग ने दैनिक जागरण को बताया कि किला पर टेंडर के शर्तों के अनुरूप काम नहीं कराया गया है। अफसरों ने मेरी शिकायत को अनसुनी कर दी।

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किला पार्क के रखरखाव को लेकर दो दिन पहले ठेकेदार को बुलाया था। एक साल तक उसे रखरखाव करने की हिदायत दी गई है। बारिश में उगी घासों को कटवाने का काम शुरू कर दिया गया है। पार्क को पूरी तरह से मेंटेन किया जाएगा।

प्रदीप कल्याण, एक्सईएन, नगर निगम

पानीपत।


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