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योगेंद्र के निशाने पर केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह

स्वराज अभियान के राष्ट्रीय संयोजक योगेंद्र यादव ने केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह पर विधानसभा से लाने लेकर कार खरीदने के मामले में निशना साधा है। मालूम हो कि विधानसभा सचिवालय ने कर्ज न चुकाने वालों की सूची में बीरेंद्र सिंह सहित 17 अन्य पूर्व विधायकों के नाम डाले हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 18 Jul 2015 10:15 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jul 2015 12:25 PM (IST)
योगेंद्र के निशाने पर केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह

चंडीगढ़ : स्वराज अभियान के राष्ट्रीय संयोजक योगेंद्र यादव ने केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह पर विधानसभा से लाने लेकर कार खरीदने के मामले में निशना साधा है। मालूम हो कि हरियाणा विधानसभा सचिवालय ने कर्ज न चुकाने वालों की सूची में चौधरी बीरेंद्र सिंह सहित 17 अन्य पूर्व विधायकों के नाम डाले हैं।

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योगेंद्र यादव ने यहां शनिवार को कहा कि बीरेंद्र सिंह ने विधानसभा से कार खरीदने के लिए लोन लिया था। उन्होंने उस लोन को चुकाए बिना कार कैसे बेच दी, ये वह जानना चाहते हैं। हो सकता है उन्होंने कार खरीदी ही न हो। चूंकि 2014 में राज्य सभा के नामांकन पत्र के साथ चुनाव आयोग को दिए गए शपथ पत्र में कार का कोई जिक्र नहीं है।

यादव ने कहा कि बीरेंद्र ने अलग-अलग जगह दो करोड़ 46 लाख रुपये जमा कर रखे हैं। उनकी कुल देनदारी 1 करोड़ लाख रुपये की है जिसमें से 64 लाख रुपये परिवार से लिया गया कर्ज है। 16 लाख सिर्फ बैंक से लिए गए हैं। 24 लाख विधानसभा से लिया गया लोन बाकी है जो सिर्फ चार फीसद ब्याज पर है।

उन्होंने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए कि बीरेंद्र के साथ जिन भी पूर्व विधायकों ने विधानसभा से कर्ज लिया है, कहीं वे उसे दूसरी जगह बैंकों में जमा कर अधिक ब्याज तो नहीं पा रहे। क्या उन्होंने जिस मकसद के लिए लोन लिया, उसे पूरा भी किया या नहीं?

यादव ने कहा कि नेता देश को लूट रहे हैं और किसानों के लिए कोई योजना नहीं है। बीते 40 साल में किसानों की फसलों के दाम दस से बीस प्रतिशत तक बढ़े हैं, लेकिन पूर्व विधायकों की पेंशन में 160 गुणा की बढ़ोतरी हुई है। यही नहीं छह-सात बार विधायक रहे पूर्व विधायकों की पेंशन बीते 38 साल में 440 गुणा से ज्यादा बढ़ी है।

उन्होंने कहा कि 1977 में पूर्व विधायक की पेंशन अधिकतम 500 रुपये होती थी, मगर 2015 में एक पूर्व विधायक को 2 लाख 22 हजार रुपये मासिक पेंशन मिल रही है। जो एक बार विधायक रह लिया उसे न्यूनतम 48 हजार 450 रुपये पेंशन मिल रही है। ये 1977 की न्यूनतम पेंशन के मुकाबले 161 गुणा ज्यादा है।

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केजरीवाल भूल गए वे वक्त
योगेंद्र यादव ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उन्हें पार्टी छोड़ी नहीं, बल्कि निकाला गया है। आज अरविंद किस मुंह से वापस आने की बात कर रहे हैं। लगता है उन्हें वह वक्त भूल गया, जब उन्हें बेइज्जत कर खदेड़ा गया था। उनकी व्यक्तिगत जिद की वजह से वे पार्टी से निकाले गए।

उन्होंने कहा, हमारा रास्ता आज भी वही है, जो पहले था। जो लोग स्वराज का रास्ता भटक गए हैं, उन्हें वापस लौटने की जरूरत है। वे आना चाहें तो स्वराज के रास्ते पर आ सकते हैं। 'आप' की सेहत पर थर्मामीटर लगाना उनका काम नहीं है। किसानों के आंदोलन में अन्ना ने आशीर्वाद दिया तो वे जरूर मंच साझा करेंगे।

पंजाब में फूट दिल्ली दरबार की देन
योगेंद्र ने कहा कि आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई में फूट दिल्ली की देन है। दिल्ली से पंजाब को कंट्रोल नहीं किया जा सकता। सांसद धर्मबीर गांधी, दलजीत सिंह और अन्य नेताओं का कद अपनी इमेज की वजह से है। उनकी इमेज दिल्ली दरबार ने नहीं बनाई।


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