ताऊ की वेबसाइट: मनोहर-हुड्डा का ये रिश्ता क्या कहलाता है, पढ़ें हरियाणा की और भी रोचक खबरें
मनोहर लाल हरियाणा विधानसभा में सदन के नेता हैं तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा नेता प्रतिपक्ष। इसके बावजूद दोनों ने नेताओं में गजब की केमिस्ट्री है। दोनों नेता कभी भी एक-दूसरे पर व्यक्तिगत आक्षेप करते नजर नहीं आते हैं।
चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मुख्यमंत्री मनोहर लाल दोनों ही 65 पार हैं। हुड्डा 74 बरस के हैं तो मनोहर लाल 67 साल के। दोनों एक-दूसरे का इतना सम्मान करते हैं कि राजनीति में मर्यादा को कभी नहीं भूलते। हुड्डा जब भी सरकार पर कोई सवाल उठाते हैं तो वह मुख्यमंत्री का व्यक्तिगत नाम लेकर कोई प्रहार नहीं करते। हुड्डा सिर्फ इतना कहते हैं कि सरकार ऐसी है, सरकार वैसी है। इसी तरह, मनोहर लाल हुड्डा का नाम लिए बगैर कहते हैं कि मेरे विपक्ष के मित्रों ने यह कर दिया और वह कर दिया। मनोहर लाल को यह कहते हुए कभी नहीं सुना गया होगा कि हुड्डा के पास कोई मुद्दा नहीं है। वह कहते हैं कि विपक्षी मित्रों के पास कोई मुद्दा नहीं है। दोनों की इस जबरदस्त अंडरस्टैंडिंग पर बाकी विपक्ष इसी उधेडबुन में लगा रहता है कि ये रिश्ता क्या कहलाता है।
ये बिल्लू भइया का स्टाइल है
आपने देखा होगा कि राजनेताओं को जब किसी की आर्थिक मदद करनी होती है तो वह अपनी जेब में स्वयं पैसे नहीं रखते। अपने अगल-बगल के लोगों से जरूरतमंद को मदद दिलवाते हैं। इसके विपरीत हरियाणा की राजनीति में बिल्लू भाई के नाम से मशहूर अभय सिंह चौटाला आजकल एक चेक बुक अपने साथ लेकर चल रहे हैं। वह अपने ऐलनाबाद हलके के साथ-साथ प्रदेश के विभिन्न इलाकों में जाते हैं और लोगों की समस्याएं सुनने के बाद जब उन्हें लगता है कि सामने वाले व्यक्ति को आर्थिक मदद की जरूरत है तो वह अपनी जेब से चेकबुक निकालते हैं, उसमें मदद की जाने वाली राशि भरते हैं और साइन कर मौके पर ही जरूरतमंद को थमा देते हैं। यानी तुरंत दान, महा कल्याण। सरकार करती रहेगी मदद, जब करनी होगी, लेकिन पीड़ित को तत्काल तो राहत मिले। बिल्लू भइया का ये स्टाइल लोगों को खूब पसंद आ रहा है।
दो मित्रों की वार्ता
ताऊ सचिवालय की कैंटीन में चाय पी रहा था। उसी लाइन में एक सीट छोड़कर एक युवा भाजपा नेता बैठे थे, तभी उनके समवयस्क एक कांग्रेसी नेता पहुंच गया। भाजपा नेता ने कहा-देख भाई। मैंने अपनी वे सारी फेसबुक पोस्ट डिलीट कर दी हैं, जो मैंने दीपेंद्र हुड्डा के विरोध में की थी। अब क्या है कि अनुच्छेद 370 हटाने का कांग्रेस के जिन युवा नेताओं ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, आरपीएन सिंह, दीपेंद्र हुड्डा और मिलिंद देवड़ा ने समर्थन किया था, उनमें से तीन ने भाजपा ज्वाइन कर ली। दीपेंद्र भी न जाने कब भाजपा में एंट्री ले लें। अब अपनी पार्टी के नेता के खिलाफ लिखना तो ठीक नहीं होगा। भाजपाई मित्र की बात सुनकर कांग्रेसी नेता हंसे, बोले-भाई मैं सोच रहा था कटरीना कैफ कुंवारी है। उससे शादी करूंगा। निराशा मिली। इसलिए आप जो चाहो सोच सकते हो, आपके मोदी जी ने अभी थिंकिंग टैक्स नहीं लगाया है।
आजा मेरी गाड़ी में बैठ जा
हरियाणा की भाजपा सरकार में साझीदार उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के समर्थक उन्हें कहते हैं कि भैया, आपमें ताऊ देवीलाल वाले सारे गुण हैं। ऐसा देखने को भी मिलता है। ताऊ देवीलाल के परिवार से पुराना याराना होने की दुहाई देता हुए कोई बुजुर्ग उनके सामने कागज बढ़ा देता है। फिर एक सांस में तीन-चार काम गिनवा देता है। पोते की नौकरी लगनी है, गांव की फिरनी ठीक होनी है, बुजुर्ग हो चुके छोटे भाई की पेंशन भी बनवानी है और साथ ही पड़ोसी को थाने भी भिजवाना है। दुष्यंत, बुजुर्ग की तरफ देखते हैं, थोड़ा सकुचाते हैं और फिर मुस्कुराते हैं। उन्हें कहते हैं, दादा, जब चलेंगे तो आप मेरी गाड़ी में बैठना। फिर मिलकर बात भी करेंगे और तुम्हारे काम भी निकालेंगे। इतनी बात पर बुजुर्ग गदगद। काम तो होता रहेगा, लेकिन भैया की गाड़ी में बैठना कब-कब नसीब होता है। ताऊ भी ऐसा ही किया करते थे।