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हरियाण ताऊ देवीलाल की सियासी विरासत पर जंग होगी तेज, अभय चौटाला ने खेला बड़ा दांव

हरियाणा की राजनीति में पूर्व उपप्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल और उनके परिवार का अहम स्‍थान रहा है। ताऊ देवीलाल की सियासी विरासत को लेकर परिवार में काफी समय से खींचतान चल रही है। अब इसमें अभय चौटाला ने किसानों के मुद्दे पर विधानसभा से इस्‍तीफा देकर बड़ा दांव खेला है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 06:20 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 08:26 AM (IST)
हरियाण ताऊ देवीलाल की सियासी विरासत पर जंग होगी तेज, अभय चौटाला ने खेला बड़ा दांव
पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल, पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला, हरियाणा के डिप्‍अी सीएम दुष्‍यंत चौटाला और अभय चौटाला। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल की राजनीतिक विरासत का झंडा थामने को लेकर चौटाला परिवार में चल रही जंग के बीच अभय चौटाला बड़ा दांव खेल गए। इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के छोटे बेटे और ताऊ देवीलाल के पोते अभय चौटाला ने किसानों के हक में हरियाणा विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर अपने दादा की राजनीतिक विरासत पर निगाह गड़ाए बैठे परिवार के बाकी सदस्यों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। इससे चौटाला परिवार में ताऊ देवीलाल की सियासी विरासत के लिए जंग तेज होने की संभावना है।

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अभय के एक कदम ने हाथों में थमा दिया ताऊ देवीलाल की विरासत का झंडा

अभय चौटाला हरियाणा विधानसभा में इनेलो के एकमात्र विधायक हैं। इनेलो नेताओं का कहना है कि जिस तरह से पिछले एक साल से वह अकेले ही किसान व जनहित के मुद्दों पर सरकार की नाक में दम कर रहे, उससे कार्यकर्ताओं में उनकी पैठ बढ़ी है। ताऊ देवीलाल के परिवार से हरियाणा विधानसभा में इस बार पांच सदस्य चुनाव जीतकर पहुंचे हैं। इनमें भय चौटाला इनेलो से, दुष्यंत चौटाला जजपा, उनकी माता नैना चौटाला जजपा, चाचा रणजीत सिंह चौटाला रानियां से निर्दलीय और अमित सिहाग डबवाली से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते।

 इनेलो के एकमात्र विधायक होने के बावजूद पिछले दो साल से पब्लिक के बीच रहे अभय सिंह

ताऊ देवीलाल हरियाणा की राजनीति की धूरी रहे हैं। उनके चार बेटे ओमप्रकाश चौटाला, प्रताप सिंह चौटाला, रणजीत सिंह चौटाला और जगदीश चौटाला हैं। प्रताप सिंह चौटाला और जगदीश चौटाला का निधन हो चुक है। ओमप्रकाश चौटाला हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रहे हैं और अब इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।

रणजीत चौटाला कांग्रेस छोड़कर रानियां विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव जीते और भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार में बिजली व जेल मंत्री बने। ओमप्रकाश चौटाला के दो बेटे अजय चौटाला और अभय चौटाला हैं। पारिवारिक और राजनीतिक मतभेदों के चलते इनेलो दो फाड़ हो गई तो अभय सिंह ने इनेलो और अजय सिंह व उनके बेटे दुष्यंत चौटाला ने जजपा बना ली।

ताऊ देवीलाल की राजनीतिक विरासत पर छिड़े द्वंद्व के बीच गच्चा खा गए परिवार के दूसरे सदस्य

पिछले दो सालों में कई मौके ऐसे आए, जब पूरे परिवार की एकजुटता के गंभीर प्रयास हुए, लेकिन इसमें किसी को सफलता नहीं मिल पाई। जजपा 10 विधायक जिताकर सत्ता में भाजपा के साथ साझीदार हो गई, लेकिन इनेलो के एकमात्र विधायक अभय चौटाला जीते। इसके बावजूद अभय सिंह ने हिम्मत नहीं हारी।

अभय ने कोरोना काल से लेकर अब तक न केवल एसवाईएल नहर निर्माण के लिए संजीदगी से प्रयास किए, बल्कि किसानों के हक में आवाज बुलंद करते हुए विधानसभा की सदस्यता तक से इस्तीफा दे दिया। हालांकि यह सशर्त है। ऐसे मौके भी बार-बार आए, जब जजपा के विधायकों ने किसानों के समर्थन में हुंकार भरी, लेकिन सत्ता से चिपकी जजपा कोई बड़ा फैसला लेने का साहस नहीं जुटा पाई।

जजपा के विधायकों के बागी तेवरों को देखते हुए ही उन्हें दुष्यंत चौटाला ने हाल ही में लंच दिया है। इनेलो नेताओं का कहना है कि अभय चौटाला ने अपनी पार्टी के एकमात्र विधायक होने के बावजूद विधानसभा की सदस्यता की परवाह नहीं की और किसानों के हित में इस्तीफा देकर गेंद ताऊ देवीलाल की राजनीतिक विरासत का झंडा बुलंद करने वाले चौटाला परिवार के सदस्यों के पाले में डाल दी।

राजनीतिक गलियारों में अभय के कदम को न केवल हौसले वाला फैसला माना जा रहा है, बल्कि उन्हें सोशल मीडिया पर ताऊ देवीलाल की राजनीति का असली वारिस कहकर प्रचारित किया जाने लगा है। वेसे ताऊ देवीलाल के परिवार का हर सदस्य किसी न किसी रूप में खुद को उनका वारिस बताने से नहीं चूक रहा है। रणजीत सिंह चौटाला हो या फिर अजय सिंह और दुष्यंत चौटाला, खुद को ताऊ देवीलाल की राजनीति का बड़ा वारिस मानते हैं।

जानिए... ताऊ देवीलाल के खानदान की राजनीतिक वंशावली

देवीलाल के चार बेटे - ओमप्रकाश चौटाला, स्व. प्रताप चौटाला, रणजीत सिंह चौटाला और स्व. जगदीश चौटाला

ओमप्रकाश चौटाला के दो बेटे -  डा. अजय  सिंह चौटाला और अभय सिंह चौटाला

डा. अजय चौटाला के दो बेटे - दुष्यंत सिंह चौटाला और दिग्विजय सिंह चौटाला (दोनों राजनीति में सक्रिय)

अभय चौटाला के दो बेटे  - अर्जुन सिंह चौटाला व करण सिंह चौटाला (दोनों राजनीति में)

प्रताप चौटाला के दो बेटे -  रवि चौटाला और जितेंद्र चौटाला (दोनों बिजनेसमैन)

रणजीत सिंह चौटाला के दो बेटे -  गगनदीप सिंह चौटाला और स्व. संदीप सिंह चौटाला (गगनदीप बिजनेसमैन)

जगदीश चौटाला के तीन बेटे - आदित्य देवीलाल चौटाला (भाजपा), अभिषेक चौटाला (वकील) और अनिरुद्ध चौटाला (वकील)


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