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हरियाणा में पहले चरण के पंचायत चुनाव के लिए रविवार को मतदान

हरियाणा में पंचायत चुनाव के प्रथम चरण के मतदान की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। प्रथम चरण का मतदान रविवार 10 जनवरी हो होगा। शनिवार को चुनाव सामग्री देकर मतदान केंद्रों के लिए रवाना कर दिया गया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 09 Jan 2016 05:27 PM (IST)Updated: Sat, 09 Jan 2016 06:07 PM (IST)
हरियाणा में पहले चरण के पंचायत चुनाव के लिए रविवार को मतदान

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में पंचायत चुनाव के पहले चरण की तैयारियांं पूरी हो गईं है। इसके लिए रविवार को मतदान होगा। प्रथम चरण के मतदान के लिए 8981 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इसके लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। शनिवार को चुनाव कर्मियों काे इवीएम व चुनाव सामग्री सुपुर्द कर मतदान केद्रों क लिए रवाना कर दिया गया। मतदान का समय सुबह साढ़े सात बजे से शाम साढ़े चार बजे तक होगा।

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राज्य चुनाव आयुक्त राजीव शर्मा ने कहा कि पहले चरण के पंचायत चुनाव की तैयारियां पूरी हो गई है। निष्पक्ष व शांतिपूर्ण मतदान के लिए पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। इसके लिए 8981 मतदान केंद्र बनाए गए हैैं। 46 लाख 59 हजार 922 मतदाता अपने मतों का प्रयोग कर सकेंगे। प्रथम चरण में पंचों की कुल 26248 सीटें हैं जिसमें से 9951 सीटों के लिए 21887 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।

इवीएम और चुनाव सामग्री लेकर मतदान केंद्रों के लिए रवाना होते कर्मचारी।

सरपंच की कुल 2583 सीटें हैं जिसमें से 2488 सीटों के लिए 10829 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। पंचायत समिति की कुल 1221 सीटों में से 1174 सीटों पर 4683 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जबकि जिला परिषद की 416 सीटों में से 414 सीटों पर 3263 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।

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हरियाणा की ग्राम पंचायतें हो गई मालामाल

हरियाणा की ग्राम पंचायतें बिना चुनाव लड़े मालामाल हो गई। पंचायत चुनाव लडऩे के लिए कर्ज व बिजली के बिलों की अदायगी के फरमान से अभी तक जहां सरकार के खजाने में करीब 200 करोड़ रुपये आ चुके हैैं, वहीं निर्विरोध चुने जाने की एवज में सरकार पहले चरण के विजेताओं को करीब 100 करोड़ रुपये का अनुदान पुरस्कार स्वरूप प्रदान करने वाली है।

पहले चरण के लिए मतदान 10 जनवरी को है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ निर्विरोध पंचायतों का चयन किए जाने से उत्साहित हैैं और इसे पंचायत चुनाव में लागू की गई शर्तों तथा नियमों के प्रति लोगों की मुहर भी मान रहे हैैं। निर्विरोध पंचायतों के चयन से जहां राज्य चुनाव आयोग तथा पुलिस व प्रशासनिक मशीनरी पर चुनाव कराने का बोझ कम होगा, वहीं चुनाव खर्च में भी अप्रत्याशित रूप से कमी आएगी।

पंचायत चुनाव के पहले चरण के लिए 60 प्रतिशत पदों पर पंचों का चयन सर्वसम्मति से हो गया। पूरी पंचायत के निर्विरोध चुने जाने पर 11 लाख रुपये, जिला परिषद सदस्य के चुने जाने पर 5 लाख, पंचायत समिति सदस्य को दो लाख, सरपंच के लिए पांच लाख और पंच के निर्विरोध चुनाव जीतने पर 50 हजार रुपये की अनुदान राशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान किए जाने की व्यवस्था है।

मतदान के लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। महिला पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया गया है।

पिछली सरकार में 2010 में हुए चुनाव के दौरान पंचायतों के निर्विरोध चुने जाने का कोई खास इतिहास नहीं है। 116 ग्राम पंचायतें, 109 मंच और 30 सरपंच को छोड़कर सभी पदों के लिए चुनाव हुए, लेकिन इस बार पहले चरण के चुनाव में 15 हजार 697 पंच निर्विरोध चुने जा चुके हैैं, जिन्हें 78 करोड़ 48 लाख रुपये से अधिक की राशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की जाने वाली है।

इस चुनाव में 95 सरपंच निर्विरोध चुने गए, जिन्हें 4 करोड़ 75 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। 46 निर्विरोध चुने गए पंचायत समिति सदस्यों को 92 लाख रुपये की राशि मिलेगी, जबकि जिला परिषद के लिए दो सदस्य चुने जा चुके हैैं, जिन्हें 10 लाख रुपये की राशि पुरस्कार स्वरूप मिलने वाली है।

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'स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत'

''हमने पंचायत चुनाव में जो प्रयोग किया है, उसके अच्छे रिजल्ट सामने आ रहे हैैं। यह बेहद खुशी की बात है। दूसरे राज्यों के लिए अनुकरणीय है। जब हमने कर्ज व बिजली के बिलों की वसूली तथा शैक्षणिक योग्यता लागू की थी, तब विरोधियों ने खूब हाय-तौबा मचाई थी, लेकिन आज अच्छे नतीजे सबके सामने हैैं। पंचायतें निर्विरोध चुनी जा रही हैैं। चुनाव के बाद जो अनुदान सरकार से मिलना था, उसके अलग पुरस्कार स्वरूप पहले ही काफी दिया जा रहा है। इससे विकास कार्यों में मदद मिलेगी। गांवों को भी स्मार्ट बनाया जा सकेगा। चुनाव का खर्चा कम हो रहा है। भाईचारा बढ़ रहा है। यह स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत है।
- ओमप्रकाश धनखड़, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री, हरियाणा।

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बिजली निगमों के पास आए 46.38 करोड़

पंचायत चुनाव की शर्त ने बैंकों के बाद बिजली निगमों को भी राहत ही सांस दिला दी है। भारी घाटे से गुजर रहे बिजली निगमों को बिजली के बकाए के रुप में अब तक 46.38 करोड़ रुपये की वसूली गांवों से हो चुकी है। उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम को 19.69 करोड़ रुपये और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम को 26.69 करोड़ रुपये की वसूली हुई है।

उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के एमडी नितिन यादव के मुताबिक यमुनानगर सर्कल से 3.74 करोड़ रुपए, करनाल सर्कल से 3.44 करोड़, कैथल सर्कल से 2.81 करोड़, झज्जर सर्कल से 2.18 करोड़ रुपए की वसूली हुई है। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के तहत आने वाले हिसार सर्कल से 6.89 करोड़ रुपए, जींद सर्कल से 4.70 करोड़, भिवानी सर्कल से 3.74 करोड़ तथा नारनौल सर्कल से 2.78 करोड़ रुपए की वसूली हुई है।

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सहकारी बैैंकों की भी चांदी, 153.28 करोड़ आए

पंचायती राज चुनावों ने सहकारी बैंकों की चांदी कर दी है। बैंकों के पास अबतक लोन के बकाया 153.28 करोड़ रुपए पहुंच गए हैं। यह वह पैसा है जो लंबे समय से फंसा हुआ था। सहकारिता राज्य मंत्री बिक्रम सिंह यादव के अनुसार हरियाणा राज्य सहकारी अपैक्स बैंक लिमिटेड के तहत काम कर रहे प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पीएसीज) ने 118.70 करोड़ रुपये की राशि वसूल की है और जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (डीसीसीबी) को अबतक 11.37 करोड़ रुपये की वसूली हुई है।

इसी तरह, हरियाणा राज्य सहकारी कृषि व ग्रामीण विकास बैंक लिमिटेड (पंचकूला) ने अब तक 23.21 करोड़ रुपये की राशि वसूल की है। सितंबर के दौरान चुनाव प्रक्रिया शुरु होने और पंचायत चुनावों पर रोक के बीच के समय के दौरान हरियाणा राज्य सहकारी कृषि व ग्रामीण विकास बैंक लिमिटेड (पंचकूला) ने 30.20 करोड़ रुपये की राशि वसूल की थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दोबारा से चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद 20 दिसंबर से 7 जनवरी के बीच 23.21 करोड़ रुपये की वसूली हुई।



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