सत्ता के गलियारे से: भालू पर हुई वेणुगोपाल व प्रियंका गांधी की कृपा, पढ़ेें हरियाणा राजनीति की रोचक खबरें...
हरियाणा में बरोदा सीट के लिए हुए विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के इंदुराज नरवाल ने भाजपा के पहलवान योगेश्वर दत्त को पटखनी दी। आइए जानते हैं कैसे मिला नरवाल को टिकट। जानते हैं हरियाणा राजनीति की और भी रोचक खबरें...
चंडीगढ़। बरोदा विधानसभा उपचुनाव के दंगल की जीत के पहलवान नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायक इंदुराज नरवाल उर्फ भालू को टिकट मिलने की भी लंबी कहानी है। उन्हेंं टिकट दिलाने में कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा को कितनी मशक्कत करनी पड़ी, यह कोई उनसे ही पूछे तो पता चले। बताते हैं कि दीपेंद्र हुड्डा और उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा भाजपा समेत विभिन्न दलों में रह चुके कपूर नरवाल को बरोदा का टिकट दिलाना चाहते थे, लेकिन कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी ने यह कहते हुए पेंच फंसा दिया कि कांग्रेस का संदेश अच्छा नहीं जाएगा। फिर बात आई दूसरे उम्मीदवार को ढूंढने की। हुड्डा विरोधियों ने अपनी-अपनी पसंद के नाम हाईकमान के सामने रखे, लेकिन वह नाम हुड्डा को पसंद नहीं थे। तब बात प्रियंका गांधी और केसी वेणुगोपाल तक पहुंची। दोनों ने बिना किसी लाग-लपेट के हुड्डा विरोधियों से कहा कि बरोदा में टिकट तो पिता-पुत्र की पसंद के प्रत्याशी को ही मिलेगा। बस फिर क्या था। अचानक प्रकट हुए इंदुराज नरवाल उर्फ भालू। नया चेहरा होने के बावजूद दीपेंद्र जिस शिद्दत से भालू को जिताकर लाए, उससे न केवल हाईकमान बल्कि पब्लिक में भी पिता-पुत्र का कद बढ़ा है।
तेरा गम, मेरा गम, एक जैसा सनम...
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव विनोद तावड़े का 2019 में महाराष्ट्र का शिक्षा मंत्री रहते हुए पार्टी ने विधानसभा का टिकट काट दिया था। अपनी कार्यशैली से पार्टी के कद्दावर नेता रहे तावड़े ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पूर्व ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले भी टिकट काटने की इसी राजनीति का शिकार हुए थे। हरियाणा में भी पार्टी ने 2019 के चुनाव में 8 विधायकों सहित 2 मंत्रियों विपुल गोयल व राव नरबीर सिंह का टिकट काटा था। तावड़े के प्रदेश प्रभारी बनने से पूर्व मंत्रियों विपुल गोयल व नरबीर सिंह का हौसला बढ़ा है। अब विपुल गोयल और नरबीर सिंह 1997 में रिलीज हुई फिल्म गुलाम-ए- मुस्तफा में अभिनेत्री रवीना टंडन और अभिनेता नाना पाटेकर पर कविता कृष्णमूर्ति सहित हरिहरन की आवाज में फिल्माया गीत तेरा गम, मेरा गम, एक जैसा सनम, हम दोनों की एक कहानी। आ लग जा गले दिल जानी, गीत गुनगुना सकते हैं।
तुम किसी और को चाहोगे तो मुश्किल ...
हरियाणा की राजनीति चाहे भाजपा की हो या कांग्रेस की, नेताओं के आपसी गुटों में बंटी हुई है। गुटों में बंटने के बाद नेता अपने समर्थकों के बीच फिल्मी अंदाज में भी खूब डायलाग मारते हैं। पिछले दिनों पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा समर्थक एक कांग्रेस विधायक जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा के गीत गाने लगा तो उसे हुड्डा के एक समर्थक पूर्व मंत्री ने 1963 में रिलीज हुई फिल्म दिल ही तो है का यह गीत गाकर नसीहत दी- 'तुम अगर मुझको न चाहो तो कोई बात नहीं,तुम किसी और को चाहोगे तो मुश्किल होगी।' अब बेचारा विधायक क्या करता, उसने वहां से नसीहत लेकर अपने कुछ मित्रों के पास आकर इस बाबत चर्चा की। इन मित्रों ने जब नसीहत देने वाले पूर्व मंत्री का नाम सुना तो विधायक से साफ कह दिया कि जो पूर्व मंत्री खुद मुश्किल में हो, वह दूसरे किसी को क्या मुश्किल में डालेगा।
धनखड़ की नई टीम को करना होगा इंतजार
हरियाणा भाजपा की नई टीम की घोषणा एक बार फिर कुछ समय के लिए लटक गई है। प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने अपनी नियुक्ति के एक माह के भीतर सभी जिलों के अध्यक्ष तो बना दिए थे, लेकिन बरोदा उपचुनाव की वजह से प्रदेश की टीम की घोषणा को इसलिए रोक लिया गया था, ताकि बरोदा के चुनाव नतीजों के आधार पर इस लिस्ट में किसी का नाम जोड़ा जा सके तो किसी का काटा जा सके। अब हाईकमान ने हरियाणा भाजपा का प्रभारी भी बदल दिया है। नए प्रभारी विनोद तावड़े और सह प्रभारी अन्नपूर्णा देवी को हरियाणा का काम संभालने में करीब एक सप्ताह लगेगा। ऐसे में बिना प्रभारी से सलाह मशविरा किए नई टीम का ऐलान संभव नहीं है, इसलिए धनखड़़ की प्रदेश टीम में शामिल होने को आतुर पार्टी नेताओं का इंतजार कुछ समय और बढ़ गया है। धनखड़ की टीम लगभग तैयार है। इस पर हाईकमान के साथ चर्चा भी हो चुकी, लेकिन अब नए सिरे से कवायद के चलते इस टीम में बदलाव संभव है।
बना रहे दोनों भाइयों का भाईचारा
हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और उनके छोटे भाई इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला की एक ऐसी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई है, जिसमें दोनों भाइयों ने गहरे रंग का पाकिस्तानी सूट पहन रखा है और दोनों अपने सिरसा स्थित मकान की छत पर मौजूद हैं। पहली फोटो पूरे परिवार के साथ है, जिसमें अजय चौटाला और नैना चौटाला भी शामिल हैं। दूसरी फोटो में दुष्यंत और दिग्विजय खड़े हैं। तीसरी फोटो में दुष्यंत और दिग्विजय कुर्सियों पर अगल-बगल बैठे हैं और दुष्यंत अपने छोटे भाई के गाल पर दुलार (प्यार) कर रहे हैं। ऐसी ही फोटो पिछले कुछ साल पहले अजय सिंह चौटाला और अभय सिंह चौटाला की वायरल हुई थी, जिसमें दोनों भाई आपस में गले मिलते हुए जमकर एक-दूसरे की जप्फी डाले हुए हैं। ताऊ देवीलाल और ओमप्रकाश चौटाला के पुराने समर्थक इस बात की दुआ कर रहे हैं कि जिस तरह से अजय और अभय की जोड़ी को नजर लगी, उस तरह से दुष्यंत और दिग्विजय की जोड़ी को नजर न लगे। (प्रस्तुति - अनुराग अग्रवाल, बिजेंद्र बंसल और सुधीर तंवर)