केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह और 16 पूर्व विधायक डिफाल्टर सूची में
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह समेत 17 पूर्व विधायक हरियाणा विधानसभा के कर्जदार हैं। इन पूर्व विधायकों ने घर बनाने और कार खरीदने के लिए विधानसभा से कर्ज लिया था। विधानसभा सचिवालय ने इनका नाम डिफाल्टर की सूची में डाल दिया है।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़ : केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह समेत 17 पूर्व विधायक हरियाणा विधानसभा के कर्जदार हैं। इनमें से तीन पूर्व विधायक दिवंगत हो चुके हैं। इन पूर्व विधायकों ने घर बनाने और कार खरीदने के लिए विधानसभा से कर्ज लिया था, जिसका अभी तक भुगतान नहीं हो पाया है। विधानसभा सचिवालय ने इनका नाम डिफाल्टर की सूची में डाल दिया है।
विधानसभा सचिवालय इन पूर्व विधायकों पर बकाया धनराशि को डूबा हुआ नहीं मानता, लेकिन कर्ज की मासिक किस्त हर माह मिलने वाली पेंशन की राशि से अधिक होने के कारण इनको डिफाल्टरों की सूची में डालना पड़ा है।
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बीरेंद्र सिंह का केस अन्य पूर्व विधायकों से अलग है। वे सांसद बन चुके हैं और उन्हें विधानसभा से पेंशन मिलनी बंद हो गई, इसलिए उन पर बकाया कर्ज की राशि बढ़ गई है। सांसद के रूप में कार्यकाल खत्म होने पर बीरेंद्र सिंह को दोनों जगह से पेंशन मिलनी आरंभ हो जाएगी।
विधायकों को 95 हजार रुपये मासिक वेतन मिलता है। उन्हें मकान बनाने के लिए 40 लाख और कार खरीदने के लिए 10 लाख रुपये तक का लोन विधानसभा से मिल सकता है। ब्याज की दर मात्र चार फीसदी है। असंध की पूर्व कांग्रेस विधायक राजरानी पूनम विधानसभा की सबसे बड़ी कर्जदार हैं। उन्होंने दो किस्तों में पूरे 40 लाख रुपये विधानसभा से लिए लेकिन 29 लाख 5 हजार 309 रुपये की अभी देनदार बनी हुई हैं।
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विधानसभा के बड़े कर्जदारों में दूसरा नंबर छछरौली के पूर्व बसपा विधायक अर्जन सिंह का नाम शामिल है। उन्होंने भी 40 लाख रुपये हाउस लोन के रूप में लिए लेकिन अभी 22 लाख 94 हजार 156 रुपये के बकायादार हैं। रादौर से इनेलो के पूर्व विधायक ईश्वर सिंह पलाका ने 40 लाख रुपये का लोन लिया। फिलहाल वह 22 लाख 77 हजार 568 रुपये के बकायादार हैं।
नारनौल से आजाद चुनाव जीते पूर्व विधायक राधेश्याम शर्मा 22 लाख 72 हजार 389 रुपये के विधानसभा के कर्जदार हैं, जबकि रोहट से कांग्रेस के विधायक रह चुके सुखबीर सिंह पर 16 लाख 26 हजार 227 रुपये और सफीदों के पूर्व विधायक बचन सिंह आर्य पर 16 लाख 70 हजार 160 रुपये का हाउस लोन बकाया है।
केंद्रीय मंत्री एवं उचाना कलां के पूर्व विधायक बीरेंद्र सिंह ने दो किस्तों में 25 लाख रुपये का हाउस लोन लिया था। इसमें 15 लाख 33 हजार 65 रुपये अभी जमा कराने बाकी हैं। उन्होंने कार के लिए 10 लाख रुपये का ऋण लिया। इसमें भी आठ लाख 90 हजार रुपये की राशि बकाया है।
तीन कर्जदार पूर्व विधायक हो चुके दिवंगत
विधानसभा के कर्जदार तीन पूर्व विधायक दिवंगत हो चुके हैं। कलायत से जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते पूर्व विधायक भरत सिंह ने मात्र ढ़ाई लाख रुपये का कर्ज लिया था। उन पर एक लाख 20 हजार 28 रुपये बकाया है, लेकिन यह राशि मूल कर्ज की नहीं बल्कि ब्याज की है।
कैथल से समता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते पूर्व विधायक चरण दास शोरेवाला भी अब नहीं रहे। उन्होंने चार लाख रुपये का हाउन लोन लिया था, लेकिन उन पर 23 हजार 402 रुपये ब्याज राशि के रूप में बकाया हैं। कलायत से इनेलो के टिकट पर चुनाव जीतने वाले पूर्व विधायक दीनराम ने कार के लिए छह लाख रुपये का ऋण लिया था, जिसमें से तीन लाख 64 हजार 797 रुपये बकाया हैं। दीन राम भी दिवंगत हो चुके हैं।
ये पूर्व विधायक भी हैं विधानसभा के कर्जदार
- बरवाला से कांग्रेस के पूर्व विधायक रणधीर सिंह - हाउस लोन 25 लाख - बकाया तीन लाख 86 हजार - कार लोन छह लाख - बकाया 31 हजार 208 रुपये
- बरौदा से इनेलो के पूर्व विधायक रामफल चिड़ाना - हाउस लोन 25 लाख - बकाया 3 लाख 71 हजार रुपये
- तावडू से इनेलो के पूर्व विधायक शाहिदा खान - हाउस लोन 25 लाख - बकाया 13 लाख 24 हजार रुपये
- घिराय से कांग्रेस के पूर्व विधायक छत्रपाल सिंह (अब भाजपा में) - हाउस लोन 25 लाख - बकाया छह लाख चार हजार रुपये
- बरवाला से कांग्रेस के पूर्व विधायक रणधीर सिंह - हाउस लोन 25 लाख - बकाया 3 लाख 86 हजार 114 - कार लोन छह लाख - बकाया 31 हजार 208
आरटीआइ के तहत मांगी थी सूचना
हिसार के सातरोड खास निवासी नरेश कुमार ने सूचना के अधिकार के तहत विधानसभा से पूर्व विधायकों के बकाया के बारे में जानकारी मांगी थी।
विधानसभा का पैसा कहीं नहीं जाता: सचिव
हरियाणा विधानसभा के सचिव आरके नांदल का कहना है कि हमारा पैसा कहीं नहीं डूबता। कई मौजूदा विधायकों ने भी हाउस और कार लोन ले रखा है। उनके वेतन से यह कटता है। पूर्व विधायकों की पेंशन से उनके लोन की राशि काटने का प्रावधान है। कई बार पेंशन की राशि लोन की किस्त से कम होती है। इसलिए कर्ज बाकी रह जाता है और हमें मजबूरी में ऐसे पूर्व विधायकों को डिफाल्टर की सूची में डालना पड़ता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हमारा पैसा नहीं आएगा। हम निरंतर रिमांडर के जरिए पैसा मांगते रहते हैं। ह
प्रापर्टी अटैच करने का भी प्रावधान
पूर्व विधायक यदि पैसा नहीं भी दें तो लैंड रेवेन्यू एक्ट के तहत उसकी वसूली का अधिकार विधानसभा के पास है। इसके तहत पूर्व विधायकों की प्रापर्टी अटैच की जा सकती है। आरके नांदल के अनुसार पूर्व विधायकों से रिकवरी का एक सिस्टम है और विधानसभा उसका अनुसरण करती है।
पेंशन शुरू होने के बाद ही बीरेंद्र सिंह से वसूली
केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह पर बकाया से जुड़े सवाल को लेकर सचिव आरके नांदल का कहना है कि उन्हें डिफाल्टर नहीं कहा जा सकता। वह सांसद और केंद्रीय मंत्री हैं। पूर्व विधायक के नाते उनकी पेंशन बंद है। जब वह पूर्व सांसद हो जाएंगे तो उनकी दोनों पेंशन चालू हो जाएंगी। तब हम बकाया की वसूली कर सकते हैं। हम उन्हें रिमांडर भी देंगे।