परिवहन मंत्री मूलचंद बोले- Roadways रोडवेज का घाटा खत्म कराएं कर्मचारी, हम नहीं कर रहे Privatization
बल्लभगढ़ विधानसभा सीट से दूसरी बार विधायक बने मूलचंद शर्मा की गिनती मुख्यमंत्री मनोहर लाल के करीबियों में होती है। पेश हैंं उनसे बातचीत पर आधारित प्रमुख अंश...
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के परिवहन, खनन, कौशल विकास और सांस्कृतिक कार्यक्रम मंत्री मूलचंद शर्मा अपने विभागों में सुधारों को लेकर खासे फिक्रमंद हैं। चारों विभागों की अलग-अलग समीक्षा बैठकें ले चुके कैबिनेट मंत्री ने अधिकारियों से उनके विभागों का वर्किंग प्लान मांग लिया है। उसका अवलोकन करने के बाद मूलचंद शर्मा अधिकारियों को अपना एक्शन प्लान देंगे। फरीदाबाद जिले की बल्लभगढ़ विधानसभा सीट से दूसरी बार विधायक बने मूलचंद शर्मा की गिनती मुख्यमंत्री मनोहर लाल के करीबियों में होती है। शर्मा 45 हजार से अधिक वोटों से चुनाव जीते हैैं। दैनिक जागरण के स्टेट ब्यूरो प्रमुख अनुराग अग्रवाल ने उनसे विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत बातचीत की। पेश है प्रमुख अंश...
परिवहन विभाग को अक्सर भ्रष्टाचार और नुकसान वाले महकमे के रूप में देखा जाता है। इस चुनौती से कैसे पार पाएंगे?
- ईमानदार व्यक्ति के सामने भ्रष्टाचार टिक नहीं सकता। मुख्यमंत्री का आशीर्वाद मेरे साथ है। उन्होंने हमें सुशासन, ईमानदारी और भ्रष्टाचार रहित व्यवस्था देने का पाठ पढ़ाया है। हमारी पूरी कैबिनेट की प्राथमिकता प्रदेश की जनता की दुख तकलीफें दूर करने की है। इसलिए परिवहन विभाग की खामियां मेरे लिए चुनौती नहीं हैैं। मैैं उन्हें खत्म करके रहूंगा।
हरियाणा की आबादी के लिहाज से करीब 12 हजार बसों की जरूरत है। रोडवेज के बेड़े में फिलहाल मात्र 3300 बसें चल रही हैं?
- यह बात सही है कि रोडवेज के बेड़े में जरूरत से काफी कम बसें हैैं। मैैंने अधिकारियों से फीडबैक लेने के बाद मुख्यमंत्री से बात की है। 31 मार्च 2020 से पहले बेड़े में 350 नई बसें आ जाएंगी। अभी तक यूरो-4 (ज्यादा प्रदूषण वाली) बसें संचालित होती रही हैैं। अब हम यूरो-6 मानक (कम प्रदूषण फैलाने वाली) बसें खरीदेंगे। धीरे-धीरे रोडवेज का बेड़ा बढ़ाया जाता रहेगा।
रोडवेज के कर्मचारियों में अक्सर भय लगा रहता है कि सरकार इस विभाग का निजीकरण करने जा रही है?
- यह उनका खुद का पैदा किया हुआ डर है। सरकार ने ऐसा कभी नहीं कहा कि हम रोडवेज का निजीकरण करेंगे। यह बात सही है कि रोडवेज विभाग घाटे में है और सरकार फिर भी इसे चला रही है। कर्मचारियों को मिलकर महकमे को आगे बढ़ाने के लिए ईमानदारी से काम करने की जरूरत है। हम सबको मिलकर रोडवेज का घाटा खत्म करना होगा। यूनियन नेताओं के यदि कोई सुझाव हैैं तो सरकार उनका स्वागत करेगी। रोडवेज कर्मचारी निजीकरण का भय अपने दिल से निकाल दें।
सरकार के पिछले कार्यकाल में किलोमीटर स्कीम को लेकर काफी बवाल मचा था। कर्मचारी इसे रद कराना चाहते हैैं। इस पर आपका क्या रुख है?
- दरअसल, यह पूरा मामला अभी हाई कोर्ट में लंबित है। हाई कोर्ट ने अभी तक इसमें कोई नई गाइड लाइन नहीं दी है। कर्मचारी नेताओं व यूनियनों से बात की जाएगी। फैसला आने के बाद कर्मचारियों के बढिय़ा सुझावों को अमल में लाया जाएगा।
रोडवेज विभाग एकमात्र ऐसा है, जहां सबसे ज्यादा हड़ताल होती है। कर्मचारी असंतुष्ट रहते हैैं। पब्लिक की दुख तकलीफों का ध्यान नहीं दिया जाता?
- हरियाणा को यदि आंदोलनों का राज्य कहा जाए तो कुछ गलत नहीं होगा। कुछ वाजिब होते हैैं और कुछ राजनीतिक उकसावे पर किए जाते हैैं। बहरहाल, हरियाणा में मध्यप्रदेश, राजस्थान, पंजाब और उत्तर प्रदेश से कम किराया है। कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार तत्पर है। उन्हें आंदोलनों का रास्ता अपनाने के बजाय बातचीत की टेबल पर बैठना चाहिए।
हरियाणा में अवैध खनन की अक्सर शिकायतें आती रही हैैं। पुलिस और खनन विभाग के कर्मचारियों के संरक्षण में अवैध खनन हो रहा?
- मैैंने विभाग की समीक्षा बैठक ली है। खनन एवं भूगर्भ विभाग में कर्मचारियों की काफी कमी है। इसका खनन रोकने पर असर पड़ रहा है। पुलिस भी अपनी जिम्मेदारी के प्रति सजग नहीं है। इस बारे में सीएम को पूरी रिपोर्ट दे दी गई है। खनन विभाग में कर्मचारियों की संख्या को बढ़ाया जाएगा। नंबर दो की माइनिंग मैैं पूरी तरह से बंद कर दूंगा। खनन की एक भी बजरी अवैध ढंग से नहीं उठने दी जाएगी।
पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा हरियाणा में बेरोजगारी बढऩे की बात करते हैैं। युवाओं के कौशल विकास और रोजगार की क्या योजना है?
- हमारी सरकार ने पिछले कार्यकाल में कौशल विकास विश्वविद्यालय दुधौला (पलवल) में बनाया है। अब हम उसके अलग-अलग केंद्र खोल रहे हैैं। इसके लिए सरकारी स्कूलों व प्राइवेट स्थानों पर जगह का चयन कर लिया गया है। रही हुड्डा की बात, वह दस साल प्रदेश के सीएम रहे। उनके कार्यकाल में युवाओं को नौकरियों और रोजगार के नाम पर सिर्फ ठगा गया। उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए हुड्डा सरकार ने कोई योजना नहीं बनाई।
आपके पास कला एवं सांस्कृतिक विभाग भी है। इस महकमे को अक्सर मंत्री गंभीरता से नहीं लेते?
- ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। हमने इस विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों से पूरी रिपोर्ट ली है। इस विभाग में भी कर्मचारियों की संख्या काफी कम है। मैैंने इस बाबत मुख्यमंत्री को रिपोर्ट दे दी है। हरियाणवी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम व योजनाएं तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैैं।
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