ताऊ की वेबसाइट: ये है गुलाटी परिवार, इसकी परियों का ब्यूरोक्रेसी में दबदबा, पढ़ें... हरियाणा की और भी रोचक खबरें
गुलाटी परिवार की तीन बहनें न केवल मुख्य सचिव के शीर्ष पद तक पहुंची बल्कि रिटायरमेंट के बाद भी अहम पदों पर आसीन हुईं। आइए हरियाणा के साप्ताहित कालम ताऊ की वेबसाइट के जरिये कुछ ऐसी ही रोचक खबरों पर नजर डालते हैं...
चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। ब्यूरोक्रेसी में गुलाटी परिवार का खासा दबदबा है। गुलाटी परिवार की तीन बहनें न केवल मुख्य सचिव के शीर्ष पद तक पहुंची, बल्कि रिटायरमेंट के बाद भी अहम पदों पर आसीन हुईं। इसी महीने रिटायर होने जा रहीं मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा की सबसे बड़ी बहन मीनाक्षी आनंद चौधरी मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत्ति के बाद पहले सूचना आयुक्त और फिर मुख्य सूचना आयुक्त बनाई गईं। मंझली बहन उर्वशी गुलाटी भी मुख्य सचिव पद से रिटायर होकर सूचना आयोग में एडजस्ट हुईं। अब तीसरी बहन केशनी आनंद अरोड़ा के एडजेस्टमेंट की बुनियाद रखी जा चुकी है। मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि उनका सेवा का अधिकार आयोग का मुख्य आयुक्त बनना लगभग तय है। करीब डेढ़ वर्ष से यह पद खाली है। पूर्ववर्ती हुड्डा सरकार में गठित इस आयोग के पास हालांकि काम कुछ खास नहीं है, लेकिन फिर भी एडजस्टमेंट के लिए ठीक ही है।
रेयर होंगे, जिनमें चेयर की चाहत नहीं
प्रेशर पॉलिटिक्स पुराना फार्मूला है, पर फार्मूला तो है। इसलिए सत्तारूढ़ भाजपा और सत्ता में भागीदार जजपा से जुड़े लोग प्रेशर पॉलिटिक्स से परहेज करने से बाज नहीं आ रहे। कोई रेयर मैन ही होगा जो चेयरमैन न बनना चाहता हो। जननायक जनता पार्टी के विधायक दादा गौतम जब-तब प्रेशर पॉलिटिक्स का दांव आजमाते रहते हैं। यह बात और है कि अभी तक उनकी दाल गल नहीं पाई। अब टोहाना से विधायक देवेंद्र बबली को सपने पूरे होने का मौसम दिखाई दे रहा है। जोर आजमा रहे हैं, समर्थकों से आवाज लगवा रहे हैं कि मंत्री के तौर पर सत्ता में भागीदारी चाहिए। ऐसे ही एक विधायक ईश्वर सिंह भी हैं। दो-तीन विधायक और हैं। रामकरण काला की गिनती भी उनमें होती है। बबली टोहाना की जनता को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि सत्ता में उनका दबदबा पूर्व विधायक और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रह चुके सुभाष बराला से कम नहीं है।
सीएम को पता है, सावधानी हटी, दुर्घटना घटी
अनुशासित जीवनशैली और जीवटता से कोरोना को हराने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल अब फिर से फील्ड में उतरने को बेताब हैं। शुरुआत होगी दिल्ली दरबार से। पूरी तरह फिट होकर 26 सितंबर को दिल्ली जा रहे सीएम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई अन्य मंत्रियों व अन्य दिग्गज नेताओं से मुलाकात कर केंद्र प्रायोजित योजनाओं को रफ्तार देने पर चर्चा करेंगे। डॉक्टरों ने उन्हेंं शुक्रवार तक क्वारंटाइन रहने की सलाह दे रखी है। सो, वह सीएम हाउस में रहकर ही मुख्यमंत्री प्रदेश के हालात का जायजा ले रहे हैं। इस दौरान शीर्ष अधिकारियों के साथ नियमित बैठकें कर विकास योजनाओं का खाका भी बखूबी खींचा जा रहा है। फिलहाल सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने से परहेज कर रहे सीएम मंत्रियों, विधायकों व अधिकारियों से चर्चा के दौरान कोरोना से बचकर रहने की नसीहत देना नहीं भूलते। उन्हेंं पता है, सावधानी हटी दुर्घटना घटी।
सैनिटाइजर ही पी गए लोग
हरियाणा की सियासत में चौटाला परिवार का अलग ही रसूख है। यह अलग बात है कि इस परिवार के सदस्यों की आस्थाएं बदल रही हैं। खैर, हम बात कोरोना काल की करते हैं। कोरोना काल के शुरुआती दौर में आमजन को सैनिटाइजर की दिक्कत हुई तो इनेलो विधायक अभय चौटाला ने इसका बीड़ा उठाया। चूंकि उस दौरान शराब के ठेके बंद थे तो कुछ लोग नशे की लत को पूरा करने के लिए सैनिटाइजर ही पी जाते थे। एक बोतल गटक ली और फिर दूसरी बोतल लेने के लिए आ धमकते। बात जब अभय तक पहुंची तो उन्होंने समझाया कि यह कितना घातक है। दूरदराज तक सैनिटाइजर पहुंचाने में पुलिस ने रोड़े अटकाए तो चौटाला ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को फोन घुमा दिया। सीएम ने भी निर्देश जारी कर दिए कि उनका ट्रक कहीं रुकना नहीं चाहिए। खैर, अभय चौटाला की मुहिम रंग लाई और सैनिटाइजर हर जगह पहुंचने लगा।