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हरियाणा फिल्म प्रोत्साहन बोर्ड की कमेटी ने किया फिल्मों का मूल्यांकन

हरियाणा फिल्म प्रोत्साहन बोर्ड की ओर से गठित स्क्रिप्ट कमेटी के सदस्य और फिल्म अभिनेता यशपाल शर्मा ने कहा है कि उन्होंने अपनी फिल्म दादा लख्मीचंद दिखाई है जिसकी शूटिग सिरसा जिले के जमाल गौसांइयां तथा बकरियांवाली गांव में की गई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 09:43 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jan 2020 06:11 AM (IST)
हरियाणा फिल्म प्रोत्साहन बोर्ड की कमेटी ने किया फिल्मों का मूल्यांकन
हरियाणा फिल्म प्रोत्साहन बोर्ड की कमेटी ने किया फिल्मों का मूल्यांकन

जागरण संवाददाता, पंचकूला :हरियाणा फिल्म प्रोत्साहन बोर्ड की ओर से गठित स्क्रिप्ट कमेटी के सदस्य और फिल्म अभिनेता यशपाल शर्मा ने कहा है कि उन्होंने अपनी फिल्म 'दादा लख्मीचंद' दिखाई है, जिसकी शूटिग सिरसा जिले के जमाल, गौसांइयां तथा बकरियांवाली गांव में की गई है। पंडित लख्मीचंद के पैतृक गांव में भी इस फिल्म के दृश्यों की शूटिग की गई। यह फिल्म दो भागों में है, जिसकी शूटिग का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। उम्मीद है कि जुलाई माह तक यह फिल्म रिलीज हो जाएगी। उन्होंने बताया कि हरियाणवी संस्कृति से जुड़ी यह फिल्म दर्शकों को काफी पसंद आएगी। हरियाणा की माटी को दर्शाती यह फिल्म आने वाले समय में निश्चत रूप से अपनी एक अलग पहचान बनाएगी। यशपाल शर्मा पंचकूला में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

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शर्मा हरियाणा फिल्म प्रोत्साहन बोर्ड की ओर से गठित स्क्रिप्ट कमेटी की द्वारा पंचकूला के सेक्टर-1 स्थित लोक निर्माण विश्राम गृह के सभागार में हरियाणवी व गैर हरियाणवी 22 फिल्मों का मूल्यांकन करने पहुंचे थे। हरियाणवी फिल्मों के जाने-माने चेहरे यशपाल शर्मा, बॉलीवुड अभिनेत्री मीता वशिष्ठ तथा हरियाणवी फिल्म पगड़ी के निदेशक राजीव भाटिया इस स्क्रिप्ट कमेटी के सदस्य हैं।

गौरतलब है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की हरियाणवी संस्कृति व हरियाणवी फिल्मों को बॉलीवुड में एक नई पहचान दिलवाने के लिए पहल की गई है। मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा फिल्म प्रोत्साहन बोर्ड बनाया गया था। फिल्मों का मूल्यांकन करने के बाद उन्होंने बताया कि वर्तमान हरियाणा सरकार ने हरियाणवी बोली व हरियाणवी फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए राज्य में पहली बार फिल्म नीति बनाई है। इस नीति के तहत हरियाणा की धरती पर बनाई जाने वाली अन्य भाषा की फिल्मों को हरियाणवी फिल्मों के समान आर्थिक प्रोत्साहन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के निदेशक पीसी मीणा ने स्वयं यहां कुछ फिल्मों को उनके साथ बैठकर देखा है, जो इस बात को दर्शाता है कि हरियाणा सरकार अपनी फिल्म नीति के प्रति कितनी गंभीर है। स्क्रिप्ट कमेटी के सदस्यों ने विजेता दहिया की हरियाणवी फिल्म 'दरारें' की भी सराहना की। जिन फिल्मों को स्क्रिप्ट कमेटी ने देखा उनमें हरियाणवी फिल्मों में 'दादा लख्मीचंद' के अलावा, 'हे राम' 'बनो तेरा हस्बैंड', 'बदला', 'बो मैं डरगी', 'कर्मक्षेत्र' ,'छोरियां छोरों से कम नहीं होती', तथा 'दरारें' शामिल हैं। जबकि गैर-हरियाणवी तथा लघु फिल्मों की श्रेणी में  'जब से मिली है वो', '48 कोस', 'जंगम प्राइस्ट आफ लॉर्ड शिवा', 'आधी छुट्टी सारी', 'तुर्रम खां', 'वन्स अपॉन ए टाइम इन अम्बाला', 'तेरी मेरी गल बन गई', 'भिवानी-व‌र्ल्ड आफ वेनसिग वॉल पेटिगस',  'गोल गप्पे' तथा  'ये बेचारा मर्द' शामिल हैं।

इसी प्रकार, पंजाबी फिल्मों में  'जख्मी' तथा  'वियाह दे वाजे' रहे। इस अवसर पर सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के निदेशक पीसी मीणा, हरियाणा फिल्म नीति के प्रावधान के तहत गठित शासी परिषद के सदस्य हरीश कटारिया तथा इन दर्शाई गई फिल्मों के प्रोड्यूसर, निदेशक व कलाकार भी उपस्थित थे।


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