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सेहत के लिए दस हजार करोड़ रुपये का बजट, अस्पतालों में रखा जाएगा एक साल की दवाओं का स्टाक

अगले बजट सत्र में स्वास्थ्य विभाग के बजट को साढ़े चार हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर सीधे दस हजार करोड़ करने की तैयारी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 03 Jan 2020 09:21 AM (IST)Updated: Sat, 04 Jan 2020 08:58 AM (IST)
सेहत के लिए दस हजार करोड़ रुपये का बजट, अस्पतालों में रखा जाएगा एक साल की दवाओं का स्टाक

जेएनएन, चंडीगढ़। पूर्ववर्ती सरकारों में हाशिये पर रही स्वास्थ्य सेवाओं को पहली पारी में पटरी पर लाने में काफी हद तक सफल रही मनोहर सरकार अब सेहत पर दोगुना खर्च करेगी। अगले बजट सत्र में स्वास्थ्य विभाग के बजट को साढ़े चार हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर सीधे दस हजार करोड़ करने की तैयारी है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने विभागीय अधिकारियों के साथ मंथन करने के बाद इस संबंध में प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

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विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने पांच साल का रोड मैप पेश करते हुए सुरक्षा, स्वास्थ्य और शिक्षा का नारा दिया था। इस नारे को अमली रूप देने के लिए अब धरातल पर काम शुरू हो गया है। मनोहर सरकार ने जब पहली बार सत्ता संभालकर हरियाणा का बजट पेश किया था तो उस समय स्वास्थ्य विभाग का कुल बजट करीब 2300 करोड़ रुपये था। पांच वर्ष के दौरान यह बजट बढ़कर 4342.92 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

नए साल में प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए न केवल सरकारी अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सुधार होगा, बल्कि बजट में भी बंपर इजाफा होगा। बजट को दोगुणा करने के अलावा अस्पतालों में दवाइयों की कमी को पूरा किया जा रहा है।

सभी जिलों से मिली रिपोर्ट के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने महानिदेशक की अध्यक्षता वाली समिति को निर्देश दिए हैं कि वह मांग के अनुरूप एक साल की जरूरत को देखते हुए दवाओं की खरीद करें। स्वास्थ्य मंत्री का साफ निर्देश है कि उन्हीं दवाओं की खरीद की जाए जो कम से कम एक साल के लिए एक्सपायर न हों।

स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च दोगुना करने की बात स्वीकारते हुए विज ने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए वचनबद्ध है। आगामी बजट के दौरान स्वास्थ्य विभाग का बजट बढ़ाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। विभाग द्वारा अपनी मांग वित्त मंत्रालय को भेजी जा रही है।

पिछले तीन वर्षों में स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च

वित्त वर्ष       राशि (करोड़ रुपये)

2019-20      4342.92

2018-19      4050.61

2017-18      3168.75

स्वास्थ्य सेवाओं का यह हाल

प्रदेश सरकार द्वारा बीते दिनों हाई कोर्ट में दाखिल शपथ पत्र के मुताबिक प्रदेश में कुल छोटे-बड़े 3294 सरकारी अस्पताल हैं। इनमें से बड़े अस्पताल 59, सीएचसी (कॉमन हेल्थ सेंटर) 119, पीएचसी (प्राइमरी हेल्थ सेंटर) 486 और सब सेंटर 2630 हैं। इन सब में कुल मिलाकर 3682 डॉक्टरों की जरूरत है, लेकिन हैं सिर्फ 3191 डॉक्टर। इस तरह डॉक्टरों के 491 पद खाली हैं।

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