ताऊ की वेबसाइट: दादा के रंग में पोते की टोपी, आखिर हौसले की वजह क्या है, पढ़ें हरियाणा की राजनीति की खबरें
राजनीति में ऐसा बहुत कुछ होता है जो अक्सर सुर्खियों में नहीं आ पाता। ऐसी चुटीली खबरें बहुत कुछ संदेश भी देती हैं। आइए हरियाणा के साप्ताहिक कालम ताऊ की वेबसाइट के जरिये कुछ ऐसी ही रोचक खबरों पर नजर डालते हैं।
चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। लोकसभा चुनाव के दौरान इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने कांग्रेस संसदीय दल के पूर्व उप नेता दीपेंद्र हुड्डा के प्रति अपने खास अनुराग का इजहार किया था। आशीर्वाद का हाथ चौटाला ने दीपेंद्र के सिर पर रखा तो दीपेंद्र ने भी दादा के समान चौटाला साहब के पांवों की तरफ हाथ बढ़ा दिए। इस प्रेम-प्यार के राजनीतिक गलियारों में खूब मतलब निकाले गए। आंदोलनरत किसानों के समर्थन में दीपेंद्र ने इस बार अपना जन्मदिन न मनाने की घोषणा की। जन्मदिन पर हरे रंग की जैकेट, सफेद व हरे रंग की टोपी पहनकर किसानों के बीच पहुंच गए। अब विरोधी उनकी टोपी के रंग को लेकर सवाल कर रहे हैं, क्योंकि टोपी सफेद नहीं है, जैसी कांग्रेसी पहनते हैं। उनकी टोपी हरे रंग की है, जो इनेलो के झंडे का रंग है और ऊपर का हिस्सा सफेद। विरोधियों के अनुसार कहीं दादा ओमप्रकाश चौटाला के प्रति उनका अनुराग तो नहीं है।
आखिर इस हौसले की वजह क्या है
हरियाणा की भाजपा सरकार में साझीदार जननायक जनता पार्टी के कुछ छुटभैये नेताओं ने आजकल दुकानें खोल ली है। कोई भी, कैसा भी और कितना भी बड़ा काम हो, छोटे से छोटा कार्यकर्ता उसे कराने की हामी भरते देर नहीं लगाता। इसमें कोई हर्ज भी नहीं है। यह तो उनकी खासियत का जबरदस्त उदाहरण है। इतने गजब का हौसला तो छह साल की भाजपा सरकार में उनके कार्यकर्ता भी नहीं जुटा पाए, जितना जजपा कार्यकर्ताओं ने एक साल में ही जुटा लिया। इस हौसले और भरोसे के पीछे की वजह क्या है, यह तो कार्यकर्ता ही जानें, लेकिन यह भी सच्चाई है कि एक मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है। मुख्यमंत्री कार्यालय को इस कहावत और जगह-जगह खुली छोटी-मोटी दुकानों की पूरी जानकारी है। तभी तो अफसरों को कह दिया गया है कि किसी भी बड़ी फाइल को पास करने से पहले जरा हमसे जरूर डिसकस कर लें।
अति सर्वत्र वर्जयेत
हरियाणा सरकार में सहकारिता और अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री डा. बनवारी लाल बहुत सीधे हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में पिछली मनोहर सरकार के सिर्फ दो मंत्री चुनाव जीते थे। एक अनिल विज हैं तो दूसरे डा. बनवारी लाल। डाक्टर साहब में सीधापन इतना है कि उनके आसपास कार्यालय में बैठने वाले लोग ही उन्हें हलके में लेने लगते हैं। यही वजह रही कि दो दिन पहले जब मंत्री जी प्रेस कान्फ्रेंस कर रहे थे, तब कुछ आंकड़े भूल गए, लेकिन मंत्रीजी का बड़प्पन देखिये कि इस गलती के कसूरवार अधिकारियों को बख्श दिया और खुद की गलती मान ली। मंत्री जी के निकटस्थ इसके बाद से कहने लगे हैं कि इतना सीधापन भी ठीक नहीं। यह भी दिखाना होगा कि उन्हें उंगली टेढ़ी करना भी आता है, अन्यथा इस तरह की स्थितियों रोज-रोज आती रहेंगी। सो, अति सर्वत्र वर्जयेत के मंत्र का भी ध्यान रखें।
प्रतिज्ञा पूरी करेंगे लाल
पिछली सरकार में सबसे सीनियर मंत्री रहे प्रोफेसर रामबिलास शर्मा, बोले तो पंडित जी जो ठान लेते हैं, उसे पूरा करके मानते हैं। कई बार भविष्यवाणियां भी कर देते हैं, जो सही साबित होती हैं तो बल्ले-बल्ले और नहीं हुईं तो कारण गिना देते हैं। रेवाड़ी में भाजपा को नगर परिषद का चुनाव जितवाने के बाद पंडितजी का जोश हिलोरे मारने लगा। अब पंडितजी चाहते हैं कि महेंद्रगढ़ को नया जिला मुख्यालय घोषित कराया जाए। महेंद्रगढ़ हालांकि जिला तो पहले से है, लेकिन उसका मुख्यालय नारनौल में है। बस फिर क्या था। पंडितजी वकीलों की फौज लेकर पहुंच गए सीएम निवास पर। मुख्यमंत्री के सामने जब उन्होंने एक-एक आदमी का नाम लेकर परिचय कराना शुरू किया तो मनोहर लाल बोले, पंडित जी आप चिंता न कीजिये। मैं महेंद्रगढ़ को जिला मुख्यालय बनाने की पूरी कोशिश करूंगा। अब लाल पंडित जी की प्रतिज्ञा कब पूरी करते हैं, सबको इसकी प्रतीक्षा है।