कुरुक्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी पर फंसा अजीब पेंच, अब राहुल गांधी ने नवीन जिंदल को बुलाया
हरियाणा में कांग्रेस के लिए कुरुक्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर पेंच फंस गया है। नवीन जिंदल के चुनाव लड़ने से इन्कार के कारण कांग्रेस के लिए अजीब स्थिति पैदा हो गई है।
चंडीगढ़, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) में हरियाणा के कुरुक्षेत्र सीट पर कांग्रेस के लिए अजीब स्थिति पैदा हो गई है। कुरुक्षेत्र से दो बार सांसद रह चुके प्रसिद्ध उद्योगपति नवीन जिंदल इस बार चुनाव लड़ने से कतरा रहे हैं। पार्टी उनको चुनावी रण में उतराना चाहती है, लेकिन उनके इन्कार ने पार्टी के लिए अजीब हालत पैदा कर दी है। ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस पेंच को खुद सुलझाएंगे और उन्होंने बातचीत के लिए नवीन जिंदल को बुलाया है।
कुरुक्षेत्र का चुनावी रण छोडऩे की अटकलों के बीच कांग्रेस अध्यक्ष ने जिंदल को आज दिल्ली बुलाया
बता दें कि नवीन जिंदल को चुनावी रण में उतारने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने लगातार प्रयास कर रहा है। जिंदल की चुनाव नहीं लड़ने की अटकलें के कारण चार सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशियों का ऐलान लटका हुआ है। अब जिंदल को आज इस मसले पर बातचीत के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुलाया है।
कांग्रेस के गलियारों में चर्चा है कि नवीन जिंदल किसी दबाव में हैं और उन्होंने कहीं से भी लोकसभा चुनाव लड़ने से इन्कार कर दिया है। उनकी तरफ से इस फैसले से कांग्रेस हाईकमान को अवगत करा दिए जाने की खबर है। बताया जा रहा है कि जिंदल ने चुनाव लड़ने से असमर्थता जताई है और इसके निजी कारण बताए हैं।
वैसे नवीन जिंदल ने हाल ही में दैनिक जागरण से बातचीत में चुनाव न लड़ने की अटकलों को खारिज कर दिया था, लेकिन हाईकमान ने जब कुरुक्षेत्र की सीट होल्ड पर रख दी तो कयास लगने लगे कि जिंदल वास्तव में चुनाव नहीं लडऩा चाहते। उनके इस फैसले से कांग्रेस को कई सीटों पर नुकसान उठाना पड़ सकता है। लिहाजा उन्हें चुनाव लड़ने के लिए तैयार करने के प्रयास हो रहे हैं।
बताया जा रहा है कि राहुल गांधी ने मंगलवार को उन्हें चर्चा के लिए बुलाया है। संभावना इस बात की है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जिंदल को कुरुक्षेत्र से चुनाव लडऩे के लिए तैयार कर लेंगे। राज्य के अधिकतर कांग्रेस दिग्गज मानते है कि कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए जिंदल का चुनावी रण में उतरना जरूरी है।
शुरू से मन नहीं बना पा रहे जिंदल
जानकारों का कहना है कि नवीन जिंदल शुरू से ही चुनाव लड़ने का मन नहीं बना पा रहे हैैं। कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा से पूर्व उन्होंने इस लोकसभा क्षेत्र में कई कार्यक्रम किए, लेकिन वह सिर्फ अपनी और कांग्रेस की बात करते रहे। भाजपा सरकार के खिलाफ कुछ नहीं बोला। इसका कारण पारिवारिक दबाव बताया जा रहा है।
लाडवा में परिवर्तन यात्रा के दौरान पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में विधायक दल की नेता किरण चौधरी ने नवीन जिंदल की उम्मीदवारी की घोषणा कर दी थी। इससे पहले उन्होंने खुद भी प्रचार शुरू कर दिया था। कलायत में कार्यकर्ताओं की मीटिंग लेकर बोला था कि अगर वे इस बार उन्हें जितवाकर भेजें तो ही वह टिकट लेकर मैदान में उतरेंगे।
इस बीच कई नए दावेदारों की चर्चा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कैथल में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में साफ कर दिया कि वह इस बार चुनाव नहीं लड़ने की बात पहले ही कह चुके हैैं। वहीं कलायत के विधायक जयप्रकाश ने कहा कि जिंदल के मना करने के बाद पार्टी अगर उन्हें लोकसभा का चुनाव लड़वाना चाहेगी तो वह निश्चित तौर पर लड़ेंगे। पूर्व सांसद कैलाशो सैनी ने तो खुद को 3 अप्रैल को लाडवा में राहुल गांधी के सामने उम्मीदवार की तरह ही प्रस्तुत किया था।
हरियाणा की राजनीति में जिंदल परिवार का अहम स्थान
जिंदल परिवार प्रदेश में बड़ा राजनीतिक महत्व रखता है। नवीन जिंदल के पिता ओमप्रकाश जिंदल कुरुक्षेत्र से हरियाणा विकास पार्टी से सांसद बने थे। वर्ष 2004 और 2009 में नवीन ङ्क्षजदल दो बार यहीं से सांसद चुने गए। 2004 में उन्होंने इनेलो के अभय चौटाला को एक लाख 30 हजार वोटों से हराया था। मां सावित्री जिंदल हिसार से विधायक चुनकर कांग्रेस सरकार में स्थानीय निकाय मंत्री रही हैं।