हार के बाद भी कम न होगा हरियाणा के हैवीवेट पहलवान का वजन, BJP विधायक की तरह करेगी प्रोजेक्ट
हरियाणा में भाजपा हैवीवेट पहलवान योगेश्वर दत्त का वजन और कद हार के बावजूद कम नहीं होने देगी। हरियाणा भाजपा ने योगेश्वर को बड़ा सम्मान और रुतबा देने का फैसला किया है। पार्टी योगेश्वर को हार के बावजूद विधायक की तरह प्रोजेक्ट करेगी।
चंडीगढ़, जेएनएन। Baroda Assembly seat Byelection 2020: भाजपा बरोदा उपचुनाव में हारने के बावजूद अपने हैवीवेट पहलवान योगेश्वर दत्त का कद और वजन कम नहीं होने देगी। पार्टी बरोदा की जनता के समाने योगेश्वर को विधायक की तरह ही प्रोजेक्ट करेगी। वैसे सोनीपत जिले की बरोदा विधानसभा सीट उपचुनाव के नतीजे सत्तारूढ़ भाजपा और जजपा के लिए किसी सबक से कम नहीं हैं। छह साल सत्ता में रहने के बावजूद भाजपा बरोदा की बंजर राजनीतिक जमीन पर कमल खिलाने में कामयाब नहीं हो सकी।
बरोदा उपचुनाव के नतीजे भाजपा-जजपा गठबंधन के लिए किसी सबक से कम नहीं
इससे भी ज्यादा गंभीर बात यह है कि भाजपा की सहयोगी पार्टी जजपा से कमल का फूल खिलाने के लिए जिस खाद-पानी की उम्मीद थी, वह पूरी नहीं हो सकी। इसके बावजूद भाजपा यहां अपने हैवीवेट पहलवान योगेश्वर दत्त को हार के बावजूद अपनी पार्टी के विधायक के रूप में प्रोजेक्ट करने वाली है।इनेलो हालांकि दस हजार मतों का आंकड़ा पार नहीं कर सका, लेकिन पिछले चुनाव की अपेक्षा उसने अपने वोटबैंक में दो फीसदी की बढ़ोतरी की है। पिक्चर में कहीं भी नहीं होने वाले लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी से चुनाव लड़े भाजपा के बागी पूर्व सांसद राजकुमार सैनी यहां अपनी अच्छी उपस्थिति दर्ज कराने में कामयाब रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके राज्यसभा सदस्य बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए बरोदा में इंदुराज नरवाल उर्फ भालू की जीत पिता-पुत्रों का राजनीतिक आत्मविश्वास बढ़ाने वाली साबित हुई है।
कांग्रेस के 'भालू' पहुंचेंगे विधानसभा, भाजपा योगेश्वर को खड़ा रखेगी सामने
आरंभ में हालांकि हुड्डा चाहते थे कि कपूर नरवाल को टिकट मिले, लेकिन विरोधियों के उसमें पेंच फंसाने के बाद प्रियंका गांधी के हस्तक्षेप से दीपेंद्र से दूसरी पसंद पूछी गई। तब इंदुराज नरवाल का नाम सामने लाया गया। आरंभ में इंदुराज को हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी की पसंद का उम्मीदवार बताकर पेश किया गया। लेकिन, इंदुराज ने राजनीति का नया खिलाड़ी होने के बावजूद ऐसा पैंतरा फेंका कि हुड्डा के विरोधी चारों खाने चित्त हो गए। इंदुराज ने मीडिया के सामने दोटूक कह दिया कि वह हुड्डा और दीपेंद्र के प्रत्याशी हैं। उन्होंने ही उसे टिकट दिलाया है। बाकी कांग्रेस नेता यदि चुनाव प्रचार करना चाहें तो स्वागत हैं अन्यथा उन्हें उनकी जरूरत नहीं है।
राजनीतिक दलों के मंथन में उभरकर सामने आ सकते हैं अलग-अलग मतभेद
इंदुराज के इस बयान के बाद बाकी कांग्रेस नेता बरोदा हलके में आए जरूर, लेकिन उन्होंने कोई खास चमत्कार किया हो अथवा चुनाव में दिल से मेहनत की, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। एक कार्यक्रम में तो कुमारी सैलजा के साथ गलत व्यवहार की कोशिश भी हुई। इस दौरान दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने सारी परिस्थितियों को संभालकर कुछ ऐसा नहीं होने दिया, जिसमें हुड्डा या दीपेंद्र पर कोई सवाल उठ सकें।
बरोदा क्षेत्र में योगश्वर का कद कम नहीं होने देेने के लिए बनाई खास रणनीति
बहरहाल, कांग्रेस अपनी जीत से बेहद उत्साहित है, लेकिन साथ ही भाजपा ऐसी रणनीति बना रही है, जिसके आधार पर अंतरराष्ट्रीय पहलवान योगेश्वर दत्त का हलके में राजनीतिक कद किसी सूरत में कम नहीं होने दिया जाए। शिक्षा एवं संसदीय कार्य मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कुछ ऐसे संकेत दिए भी हैं। सूत्रों के अनुसार भाजपा यहां चुनाव से पूर्व की गई तमाम घोषणाओं और योजनाओं को पूरा करेगी और इनका माध्यम योगेश्वर दत्त को ही बनाएगी।
योगश्वर दत्त को बनाया जा सकता है बोर्ड या निगम का चेयरमैन
भाजपा-जजपा गठबंधन बरोदा हलके में योगेश्वर को चुनाव हारने के बावजूद यहां के विधायक के तौर पर पेश करेगा। यदि संभव हुआ तो सुभाष बराला की तरह योगेश्वर दत्त को सरकार में किसी बोर्ड अथवा निगम की चेयरमैनी के रूप में मजबूत दायित्व सौंपा जा सकता है। रही हार के कारणों की समीक्षा की बात, इस मुद्दे पर भाजपा व जजपा अभी से बातचीत करने को तैयार हैं, लेकिन इस मंथन में यदि दोनों दलों में किसी तरह के मनमुटाव भी उभरकर सामने आ जाएं तो कोई हैरानी की बात नहीं होगी।