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जिन राज्यों के किसान मांग रहे MSP की गारंटी, वहां पहले ही सर्वाधिक फसलें खरीद रहा केंद्र

पंजाब हरियाणा व उत्तर प्रदेश के किसान एमएसपी की गारंटी की मांग कर रहे हैं लेकिन इन्ही राज्यों में एमएसपी पर अभी तक सर्वाधिक खरीद हो रही है। आंदोलन में सर्वाधिक भागीदारी इन्हीं राज्यों के किसान संगठनों की है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 06:28 PM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 12:24 PM (IST)
जिन राज्यों के किसान मांग रहे MSP की गारंटी, वहां पहले ही सर्वाधिक फसलें खरीद रहा केंद्र
आंदोलन वाले राज्यों में ही एमएसपी पर सर्वाधिक खरीद। सांकेतिक फोटो

सुधीर तंवर, चंडीगढ़। केंद्र सरकार द्वारा कृषि सुधार कानूनों को वापस लिए जाने के बावजूद किसान संगठन दिल्ली बार्डर पर जमे हैं। सोनीपत में सिंघु बार्डर और झज्जर में टीकरी बार्डर के साथ ही विभिन्न टोल नाकों पर धरने पर बैठे पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान जहां न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी मांग रहे हैं, वहीं केंद्र सरकार द्वारा रबी और खरीफ फसलों की खरीद के दौरान सर्वाधिक एमएसपी इन्हीं तीनों प्रदेशों के किसानों को मिली है। वह भी सीधे उनके खाते में।

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संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार को बैठक बुलाई है, जिसमें आंदोलन को जारी रखने या खत्म करने की रणनीति बनाई जाएगी। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलाें की खरीद का कानून बनने तक धरने से नहीं उठने के संकेत किसान संगठनों ने दिए है। बहरहाल, संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक पर सभी की निगाहें टिकी हैं। आंदोलन में सर्वाधिक भागीदारी पंजाब के किसानों की है, जबकि खरीफ सीजन में धान की सर्वाधिक सरकारी खरीद इसी प्रदेश में हुई है। सर्वाधिक भुगतान भी पंजाब के किसानों को हुआ है।

पहली दिसंबर तक सरकारी एजेंसियों ने पंजाब में सर्वाधिक 1.87 करोड़ टन, हरियाणा से 55 लाख 30 हजार टन और उत्तर प्रदेश से 12 लाख 42 हजार 593 टन धान खरीदा है। धान खरीद के बदले पंजाब में करीब सवा नौ लाख किसानों को 36 हजार 624 करोड़, हरियाणा में तीन लाख किसानों को 10 हजार 840 करोड़ रुपये और उत्तर प्रदेश में एक लाख 67 हजार किसानों को 2435 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।

हालांकि भूजल बचाने की कवायद में लगे हरियाणा में प्रदेश सरकार के प्रयासों से धान का रकबा करीब एक लाख एकड़ घटा है, जिससे इस बार मंडियों में धान भी कम आया। पिछले साल प्रदेश में 56 लाख 54 हजार 735 टन धान सरकारी एजेंसियों ने खरीदा था। इसके बदले में पांच लाख 49 हजार 466 किसानों को 10 हजार 676 करोड़ रुपये का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया गया। इसी तरह गेहूं की सरकारी खरीद भी सबसे ज्यादा पंजाब और हरियाणा में होती है।

मौजूदा खरीफ सीजन में धान खरीद

प्रदेश         धान खरीद (टन)     लाभान्वित किसान    MSP दिया (करोड़ रुपये में)

पंजाब      1,86,85,532          9,24,299               36,623.64

हरियाणा   55,30,596            2,99,777               10,839.97

उत्तर प्रदेश 12,42,593          1,66,620                 2,435.48

उत्तराखंड   11,55,402            56,034                 2,264.59

हरियाणा में सर्वाधिक 11 फसलों की एमएसपी पर सरकारी खरीद

हरियाणा में कुल 11 फसलों की एमएसपी पर खरीद होती है जो देश में सबसे ज्यादा है। इनमें मक्का, बाजरा, मूंग, धान, मूंगफली, अरहर, उड़द, तिल, गेहूं, सरसों, चना, सूरजमुखी, कपास शामिल है।

एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने के लिए केंद्र सरकार समिति बनाने पर राजी

हरियाणा के सीएम मनोहर लाल का कहना है कि एमएसपी पर फसलों की खरीद की गारंटी का कानून बनाने पर विचार करने के लिए केंद्र सरकार समिति बनाने पर राजी है। केंद्र सरकार तीनों कृषि सुधार कानून वापस ले चुकी है। ऐसे में आंदोलन जारी रखने का कोई औचित्य नहीं बनता। किसान संगठनों को आंदोलन तत्काल खत्म कर देना चाहिए। तमाम मुद्दों को बातचीत के जरिये सुलझाया जा सकता है। हमने किसान नेताओं से बाचतीत का सिलसिला फिर से शुरू किया है। उम्मीद है कि जल्द ही किसान आंदोलन को खत्म करेंगे।


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