मिटने लगे सरकारी स्कूलों के दाग, बच्चों का बौद्धिक स्तर में हुआ सुधार
हरियाणा के सरकारी स्कूलों पर लगा दाग मिटने लगा है। राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर और बच्चों के बौद्धिक स्तर में काफी सुधार हुआ है।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में सरकारी स्कूलों पर लगा दाग मिटने लगा है आैर इनमें शिक्षा के स्तर पर सुधार दिख रहा है। पिछले करीब एक साल से शिक्षा के स्तर और बच्चों के बौद्धिक स्तर में सुधार के प्रयास रंग लाए हैैं। राज्य के तीन ब्लॉक ऐसे हैं, जिनके सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले 80 फीसद से अधिक बच्चे वह सब कुछ जानते हैैं, जिनकी उन्होंने पढ़ाई की है।
सीएम और शिक्षा मंत्री के सरकारी स्कूलों में शिक्षा सुधार के प्रयास रंग लाए
हरियाणा के सरकारी स्कूलों के माथे पर दाग था कि पांचवीं क्लास का बच्चा तीसरी के बारे में और तीसरी क्लास का बच्चा दूसरी की पढ़ाई के बारे में कुछ नहीं जानता है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा के व्यक्तिगत रूचि लेने की वजह से राज्य के सरकारी स्कूलों में बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन देने की मुहिम पिछले साल जुलाई में शुरू की गई थी। इस कार्य की मानीटरिंग के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में सक्षम हरियाणा सेल का गठन किया गया, जिसका संचालन सीएम के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. राकेश गुप्ता ने किया।
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प्रदेश में शिक्षा के लिहाज से 119 ब्लॉक हैैं। इनमें से 22 ब्लॉक के करीब 36 हजार बच्चों की परीक्षा ली गई। हर ब्लॉक से तीसरी, पांचवीं और सातवीं के बच्चों की हिंदी व गणित की परीक्षा ली गई। हर ग्रेड में करीब 500 बच्चों को टेस्ट के लिए चुना गया। इन परीक्षा का मूल्यांकन थर्ड पार्टी ग्रे-मेटर्स इंडिया (जीएमआइ) हैदराबाद से कराया गया। परिणाम में महेंद्रगढ़ जिले का महेंद्रगढ़, झज्जर जिले के मातनहेल और चरखी दादरी जिले के बौंद कलां ब्लॉक 80 फीसद से अधिक बच्चों ने परीक्षा उत्तीर्ण की है।
वहीं सांपला, साहा, अटेली, बेरी, नारनौल और तावडू ब्लॉक ऐसे हैैं, जिनके बच्चे 80 फीसद के आंकड़े के आसपास हैं। सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारियों, जिला उपायुक्तों और अतिरिक्त जिला उपायुक्तों ने इस मूल्यांकन में अहम भूमिका निभाई है। अब अगली मूल्यांकन परीक्षा 22 मई को 13 ब्लॉक में होनी है, जिसमें करीब 20 हजार बच्चे बैठेंगे।
सक्षम हरियाणा सेल और शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने शिक्षा की क्वालिटी में सुधार के लिए पूरी रणनीति के तहत काम किया है। पहली से आठवीं तक के स्कूलों में इस बार पहली दफा समय से किताबें पहुंचाई गई। करीब 37 हजार शिक्षकों में से 15 हजार शिक्षकों को डिजिटल ट्रेनिंग अभियान से जोड़ा गया। ब्लॉक रिसोर्स पर्सन ने स्कूलों में विजिट किया और हर स्कूल में सुबह पहला पीरियड क्वालिटी एजुकेशन के लिए निर्धारित कर दिया। राज्य में यह पहला मौका है, जब मूल्यांकन परीक्षा के लिए पेपर भी हैदराबाद से बनकर आया और थर्ड पार्टी असेसमेंट कराया गया।
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'' अभी तो यह शुरूआत है। पिछले सालों की अपेक्षा इस बार भी रिजल्ट काफी अच्छा आने की उम्मीद है। हमने पिछली तमाम खामियों को दूर करने की दिशा में अहम फैसले लिए हैैं। धीरे धीरे नतीजे सामने आ रहे हैैं। वह दिन दूर नहीं जब राज्य के हर श्रेणी के लोग अपने बच्चों को प्राइवेट की बजाय सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के लिए आगे आएंगे। जल्द ही हरियाणा शिक्षा के क्षेत्र में भी सक्षम राज्य बनेगा।
- प्रो. रामबिलास शर्मा, शिक्षा मंत्री, हरियाणा।