मौत व खौफ के खिलाफ डटे चैंपियन, खेल के मैदान के बाद नए मोर्चे पर दिखा रहे हौसला
खेल के मैदान में देश का गौरव बढ़ाने वाले चैंपियन खिलाडी अब कोरोना के खिलाफ जंग में जुटे हुए हैं। हरियाणा पुलिस की सेवा कर रहे ये खिलाड़ी अपनी परवाह किए बिना जज्बा दिखा रहे हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। खेल के मैदान में झंडे गाड़कर देश और प्रदेश का गौरव बढ़ाने वाले हरियाणा के खिलाड़ी अब नए मोर्चे पर भी जांबाजी और हौसले से अपना योगदान दे रहे हैं। हमारे ये हीरो पुलिस की वर्दी में कोरोना से दो-दो हाथ करने में जुटे हैं। खेल के क्षेत्र में परचम लहराने वाले हरियाणा पुलिस के ये अधिकारी व कर्मी कोराना योद्धा बनकर लाेगों की सेवा में दिन-रात जुटे हैं। आइये ऐसे कुछ हीरोज के बारे में जानें-
खेल के मैदान के चैंपियन बतौर पुलिस कोरोना को हराने में डटे
प्रदेश के चैंपियन खिलाड़ियों ने कुश्ती, मुक्केबाजी, क्रिकेट, कबड्डी, नौकायन, पावर लिफ्टिंग, पर्वतारोहण हर खेल विधा में जलवे दिखाए। उन्हाेंने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। अब वे कोरोना के खिलाफ युद्ध में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। हरियाणा पुलिस की सेवा में जुटे इन विजेता खिलाडि़यों के जज्बे को लोग सलाम कर रहे हैं।
इन खिलाडि़यों ने खेल के मैदान में जो जज्बा, अनुशासन व नेतृत्व के गुर सीखे थे, उनका सदुपयोग ड्यूटी में भी कर रहे हैं। इसका न सिर्फ पुलिस महकमे बल्कि दूसरे लोगों को भी फायदा हो रहा है। अन्य सहयोगी और मातहत भी इनसे सीख लेकर बेहतर ढंग से काम कर रहे हैं।
ट्रैफिक और नाकों की कमान संभाल रहे इंस्पेक्टर विकास चहल पत्नी व बच्चों से भी रहते हैं दूर
पानीपत के मलिक एनक्लेव निवासी बाबरपुर ट्रैफिक थाना प्रभारी इंस्पेक्टर विकास चहल नेशनल स्टाइल कबड्डी में राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर 10 से ज्यादा पदक जीत चुके हैं। वह ट्रैफिक व नाकों की कमान संभाल हुए हैं। वह सुबह सात बजे से ही संजय चौक, लालबत्ती चौक, अनाज मंडी कट और नांगल खेड़ी कट का जायजा निकल लेते हैं।
वहां पर वाहनों की चेकिंग करते हैं और अनावश्यक घूम रहे वाहन चालकों पर शिकंजा कसते हैं। ये सिलसिला देर रात तक चलता रहता है। इस दौरान वह लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करते हैं और लॉकडाउन का पालन करने के लिए प्रेरित करते हैं। इस दौरान वह ट्रैफिक से जुड़े 120 होमगार्ड जवानों और 100 पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखते हैं। वह घर जाने पर अलग कमरे में रहते हैं। पत्नी ज्योति, बेटी कनक और बेटे मंथन चहल से भी दूरी बनाए रखते हैं।
विकास चहल अनिल कुमार
एसआइ अनिल कुमार भी जुटे हैं कोरोना से जंग में
झज्जर के खानपुर खुर्द गांव के सब इंस्पेक्टर अनिल कुमार एशियन गेम्स में नौकायन में रजत, एशियन चैंपियनशिप में चार रजत पदक, नेशनल प्रतियोगिता में दो स्वर्ण और तीन कांस्य पदक जीत चुके हैं। वह पहले सेना में खेल कोटे से भर्ती हुए। इसके बाद सेना की नौकरी छोड़ साल 2008 में हरियाणा पुलिस में बतौर सब इंस्पेक्टर भर्ती हुए। अब वह पानीपत के चांदनी बाग थाना में ड्यूटी दे रहे हैं। वह कोरोना के खिलाफ बिना समय की परवाह किए दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। नाकों पर ड्यूटी कर लॉकडाउन की अवहेलना करने वालों पर नकेल कस रहे हैं। वह करनाल के मधुबन में रह रही पत्नी पूनम, बेटी लक्ष्य और बेटे दक्ष से सप्ताह में एक बार मिलते हैं।
कोरोना संक्रमितों को अस्पताल पहुंचाते हैं सुनील कुमार, अपने परिवार से मिलते तक नहीं
पानीपत के सेक्टर-7 निवासी हवलदार सुनील कुमार पावर लिफ्टिंग में नेशनल में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। वह बॉडी बिल्डिंग में राष्ट्रीय प्रतियोगिता में कांस्य पदक हासिल कर चुके हैं। वह पुलिस लाइन के जिम के इंचार्ज भी हैं और पुलिसकर्मियों का जिम में अभ्यास कराते हैं। अब इनकी ड्यूटी सेक्टर-29 थाने में है। वह सुबह से रात तक सेक्टर-29 फ्लोरा चौक, एनएफएल टाउनशिप, विकास नगर, सिवाह और नांगल खेड़ी में लॉकडाउन का पालन कराने के गश्त करते हैं। कोरोना आशंकित लोगों का पता लगाते हैं और ऐसे लोगों को स्वास्थ्य विभाग की टीम बुलाकर सिविल अस्पताल भिजवाते हैं। घर में वह अलग से कमरे में रह रहे हैं। वह सेवानिवृत इंस्पेक्टर पिता कर्ण सिंह, मां कमलेश, पत्नी रेनू और दो साल की बेटी पावनी से नहीं मिलते हैं।
रविंद्र सांगवान सुनील कुमार
क़ुश्ती के चैंपियन डीएसपी रविंद्र सांगवान अब कोरोना को चित्त करने में जुटे
कैथल में ट्रैफिक पुलिस डीएसपी रविंद्र सांगवान कोराना संकट के बीच 15 से 16 घंटे ड्यूटी कर रहे हैं। इस दौरान वह लोगों को कोरोना महमारी से बचाव को लेकर जागरूक कर रहे हैं, वहीं पुलिस कर्मचारियों का भी हौसला बढ़ा रहे हैं। सांगवान कहते हैं, हमारा दायित्व है कि लॉकडाउन का सख्ती से पालन हो, ताकि जिला का हर नागरिक सुरक्षित रहे। इसके लिए पुलिस टीम के साथ सुबह पांच बजे ही काम शुरू कर देते है। इस दौरान शहर और गांव के क्षेत्र में भी निरीक्षण करते हैं। सामाजिक संस्थाओं के साथ तालमेल बनाते हुए जरूरतमंद लोगों को राशन पहुंचाने का कार्य भी निपटाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
डीएसपी बताते हैं कि सामान्य दिनों में वह आठ से दस दिन में गांव चले जाते थे, लेकिन अब इस परिस्थिति में सेवा करना उनका पहला फर्ज है। इन हालातों में जिले को छोड़कर गांव नहीं जा सकते। परिवार के लोगों से मोबाइल पर ही बातचीत होती है। मां हर समय सावधानी बरतने को कहती है। इस संकट की घड़ी में परिवार का पूरा सहयोग मिल रहा है।
रविंद्र सांगवान कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल हासिल कर चुके है। सांगवान ने वर्ष 2010 में दिल्ली में आयोजित हुई कुश्ती प्रतियोगिता में इंग्लैंड के खिलाड़ी को परास्त कर मेडल जीता था। इसके बाद उन्हें भारत सरकार की ओर से 2011 में अर्जुन अवार्ड और 2014 में भीम अवार्ड से नवाजा गया था। सांगवान की डीएसपी पद पर नियुक्ति उनकी प्रतिभा पर हरियाणा सरकार की ओर से की गई।
पहला टी-20 वर्ल्ड कप जिताने वाले जोगिंदर शर्मा कोरोना के खिलाफ पिच पर की दिखा रहे जलवा
टीम इंडिया को पहला टी-20 वर्ल्ड कप जिताने में अहम भूमिका निभाने वाले क्रिकेटर जोगिंदर शर्मा अभी हिसार में बतौर डीएसपी तैनात हैं। क्रिकेट के बाद अब वह कोराेना के खिलाफ मुकाबले में डटे हैं। वह कोराेना के दौरान दिन-रात ड्यूटी दे रहे हैं। पुलिस वर्दी में लाॅकडाउन के दौरान सेवा के उनके जत्बे की सराहना आइसीसी ने भी की है।
हिसार में डीएसपी (लॉ एंड आर्डर) के पद पर तैनात जोगिंदर शर्मा का कहना है कि अन्य में कोरोना संक्रमण से काफी बुरी हालत हुई है। हमारे देश में हालत बहुत बेहतर है और कोरोना को हरियाणा को हराने व इसे भगाने के लिए पुलिस व मेडिकल टीमों को ही सभी को योगदान देना होगा।
उन्होंने बताया कि वह हर रोज परिवार से बात करते हैं। पत्नी शीखा घर पर रहती है। दो बेटे हैं। माता धनपति देवी भी साथ हैं। परिवार को थोड़ी चिंता होती है लेकिन यह उनकी ड्यूटी है। समाज को बचाने की। देश को इस महामारी से दूर करने की। हरियाणा सरकार ने 2007 में उनको डीएसपी बनाया था। उसके बाद वह लगातार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते रहे थे। वह लगातार अपने देश के लिए खेले और 2017 में खेल को छोड़ कर पुलिस की ड्यूटी पर आ गए।
जोगिंदर शर्मा ममता सौदा
कोरोना संकट के बीच 13 से 14 घंटे काम कर रही पदमश्री डीएसपी ममता सौदा
विश्व की सबसे ऊंची चोटी को फतह कर भारत देश का नाम चमकाने वाली डीएसपी ममता सौदा कोरोना संकट के बीच काम कर रही हैं। सुबह आठ बजे घर से ड्यूटी के लिए निकलती हैं और देर रात को तक ड्यूटी पर रहती हैं। इन दिनों कुरुक्षेत्र जिले का कार्यभार देख रहे हैं। महिला पुलिस थाना और हेड क्वार्टर की जिम्मेदारी उनके कंधों पर है। पदमश्री अवार्ड से सम्मानित ममता सौदा बताती हैं कि इस महामारी से घबराने की नहीं बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है। थोड़ी सी लापरवाही भी बड़ा कारण बन सकती है।
ममता ने बताया कि ड्यूटी के दौरान वह स्वयं भी मास्क पहनती हैं और अपनी टीम को भी मास्क पहनने को कहती हैं। इस दौरान अगर कोई व्यक्ति सड़क पर बिना मास्क के मिलता है तो उसे मास्क लगाने के लिए कहती हैं, मास्क नहीं होता तो उपलब्ध करवाया जाता है।
ममता सौदा को 2008 में नारी सशक्तीकरण अवार्ड से सम्मानित किया। 2014 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री अवार्ड से नवाजा गया। ममता सौदा ने इंडोनेशिया के बेहद दुर्गम और बीहड़ पश्चिमी पापुआ क्षेत्र में 4,884 मीटर की ऊंचाई को फतह किया। इससे पहले उन्होंने 2010 में माउंट एवरेस्ट, 2012 में माउंट एल्ब्रस व 2013 में किलिमंजारो पर फतह कर प्रदेश व देश का नाम रोशन किया। एशिया, अफ्रीका, यूरोप और ओशिनिया की सबसे ऊंची चोटियों को फतह कर चुकी हैं। ममता सौदा अपनी ड्यूटी के दौरान बेटियों को आगे बढ़ने के लिए भी जागरूक करती रहती हैं।