हरियाणा विधानसभा का विशेष सत्र होगा खास, बदला होगा नजारा, सांसद भी होंगे शामिल
विधानसभा का 20 जनवरी को शुरू हो रहा विशेष सत्र कई मायनों में खास होगा। सत्र में लोकसभा सचिवालय के विशेषज्ञों की टीम नवनिर्वाचित विधायकों को विधायी कार्यों का प्रशिक्षण देगी।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा का 20 जनवरी को शुरू हो रहा विशेष सत्र कई मायनों में खास होगा। पहले दिन जहां राज्यपाल का अभिभाषण होगा, वहीं अगले दो दिन सदन का नजारा पूरी तरह बदला हुआ होगा। दोनों दिन लोकसभा सचिवालय के विशेषज्ञों की टीम नवनिर्वाचित विधायकों को विधायी कार्यों का प्रशिक्षण देगी। अंतिम दिन समापन अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला माननीयों को जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से पूरा करने के टिप्स देंगे।
विधानसभा सचिवालय ने सभी 90 विधायकों को दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का न्योता देते हुए शेड्यूल जारी कर दिया है। 21 जनवरी को दोपहर बाद तीन बजे सभी विधायकों के साथ ही लोकसभा के सभी दस और राज्यसभा के पांचों सदस्य असेंबली हॉल में जमा होंगे।
इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड््डा मंच पर आसीन होंगे। विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता के संबोधन के बाद शाम सवा चार बजे शुरू होने वाले एक घंटे के सत्र में लोकसभा सचिवालय के अधिकारी विधायकों को प्रश्नकाल और शून्य काल की अहमियत बताएंगे। इसके बाद डेढ़ घंटे के दूसरे सत्र में विधायी कार्य और राज्यपाल के अभिभाषण के महत्व के बारे में बताया जाएगा।
अगले दिन 22 जनवरी को सुबह 11 बजे वरिष्ठ सांसद अपनी बात रखेंगे। इसके बाद लोकसभा के अधिकारी विधानसभा की कमेटियों के कार्यों के महत्व और बजट व ग्रांट की मांग पर चर्चा की अहमियत बताएंगे। लंच के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला करीब आधा घंटे तक विधायक-सांसदों को संबोधित करेंगे।
गौरतलब है कि 90 विधायकों में से 44 विधायक पहली बार विधानसभा पहुंचे हैं। 30 विधायक दूसरी बार, 13 विधायक तीसरी या चौथी बार और तीन विधायक छठी बार विधानसभा पहुंचे हैं। मनोहर सरकार के पहले कार्यकाल में 40 विधायक पहली बार विधानसभा पहुंचे थे। तब भी नवनिर्वाचित विधायकों के लिए कार्यशाला रखी गई थी।
कारगर होगा प्रशिक्षण कार्यक्रम
विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता का कहना है कि विधानसभा में इस बार कई विधायक पहली बार जीतकर आए हैंं, इसलिए उन्हें विधायी कार्यों, हलकों के मुद्दे उठाने, सवाल पूछने, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, काम रोको प्रस्ताव और शून्य काल में उठाए जाने वाले मुद्दों का प्रशिक्षण जरूरी है। बिलों पर चर्चा भी अहम बिंदुु रहेगा। उम्मीद है कि विधायकों को दो दिन की प्रशिक्षण कार्यशाला में लोकसभा अध्यक्ष और लोकसभा के विशेषज्ञों की टीम से काफी कुछ सीखने को मिलेगा।
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें