हरियाणा में नहरों पर लगेंगे सौर ऊर्जा प्लांट, बिजली की कमी को दूर करने के लिए बनी कार्य योजना
हरियाणा में बिजली की किल्लत से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार का फोकस सौर ऊर्जा पर है। राज्य में नहरों में सोनल पैनल लगाने की तैयारी है। राज्य में पराली आधारित चार पावर प्लांट भी लगाए जाएंगे। यह प्लांट जींद कैथल नरवाना और फतेहाबाद में लगेंगे।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार की योजना राज्य के लोगों को बिजली की किल्लत से पूरी तरह मुक्ति दिलाने की है। प्रदेश के यमुनानगर में जहां नया पावर प्लांट लगाने की योजना है, वहीं सौर ऊर्जा पर विशेष फोकस है। प्रदेश की नहरों पर सोलर पैनल के जरिये पावर प्लांट लगाने की योजना पर भी सरकार तेजी के साथ आगे बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला को इस दिशा में काम करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश के बाद सैद्धांतिक तौर पर सौर ऊर्जा के प्लांटों को प्रोत्साहित करने का निर्णय हो चुका है, वहीं नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा इसके प्रस्ताव बनाए जाने लगे हैं।
हरियाणा सरकार फसलों के अवशेष यानी पराली से बिजली बनाने संबंधी पावर प्लांट भी लगाने की दिशा में प्रयासरत है। पहले चरण में पराली से बिजली उत्पादन के लिए चार जगहों जींद, कैथल, नरवाना व फतेहाबाद में प्लांट लगाए जाएंगे। इन प्लांट से न केवल बिजली का उत्पादन होगा, बल्कि कंप्रेसड बायोगैस भी उत्पादित होगी।
इस बायोगैस का छोटी गाड़ियों (कार) में ईंधन के रूप में इस्तेमाल हो सकेगा। इसी तरह से पहले चरण में बड़ी नहरों के दोनों ओर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। यह पैनल इस तरह लगेंगे कि इससे नहरों के साइड की पगडंडी भी कवर हो जाए और नहरों पर भी इसका हिस्सा आए। इसके लिए बकायदा डिजाइन तैयार किया जा रहा है जो देखने में भी सुंदर लगेगा।
बिजली मंत्री रणजीत चौटाला के अनुसार नहरों के ऊपर सोलर पैनल लगाने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं। दरअसल, जब पानी के ऊपर पैनल लगेंगे तो पानी में मोइस्चर (नमी) बनेगी और इससे बिजली का उत्पादन जल्दी और अधिक होगा। अमेरिका सहित कई देशों में इस तरह के प्लांट पहले से लगे हुए हैं। पंजाब ने भी इस तरह की शुरुआत की है, लेकिन यह पहली स्टेज पर है। इसके लिए बकायदा पूरी कार्ययोजना तैयार हो रही है।
चौटाला ने इन परियोजनाओं को लेकर हरेडा के प्रबंध निदेशक हनीफ कुरैशी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। कुरैशी को निर्देशित किया गया है कि वे जल्दी विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें ताकि उस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से चर्चा कर मंजूरी दिलाई जा सके।
भाखड़ा मुख्य ब्रांच से जुड़ी हरियाणा की नहरों के अलावा उन सभी बड़ी नहरों पर सोलर पैनल लगेंगे, जो राज्य में गुजरती हैं। इस परियोजना को पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पाटर्नरशिप) मोड पर भी सिरे चढ़ाने पर विचार हो रहा है। कई प्राइवेट कंपनियों ने इसको लेकर सरकार के सामने पेशकश भी की है। सरकारी भवनों, स्कूल-कालेजों व यूनिवर्सिटी सहित बड़े भवनों की छतों पर सोलर पैनल लगाने की योजना सरकार पहले ही बना चुकी है।