सत्ता के गलियारे से : बुरा न मानो होली है, क्या सारे मंत्री बदल डालेंगे मुखियाजी, पढि़ये हरियाणा की सियासत की रोचक खबरें
सत्ता के गलियारे से हरियाणा की सियासत में पर्दे के पीछे काफी कुछ हाेता है। इनमें कई रोचक घटनाक्रम होते हैं। पेश है हमारे साप्ताहिक कॉलम सत्ता के गलियारे के तहत हरियाणा की सियायत की बेहद रोचक खबरें।
चंडीगढ़, [बिजेंद्र बंसल]। सत्ता के गलियारे से : मुखियाजी के होली के पावन पर्व पर भी दिल्ली दरबार पहुंचे हुए हैं। मुखियाजी अपने मंत्रिमंडल में बदलाव को लेकर एक प्रस्ताव काफी दिनों से दिल्ली दरबार में गुहार लगा रहे हैं। पिछले दिनों उनके इस प्रस्ताव पर हाईकमान की मुहर भी लग चुकी है मगर इससे कई क्षत्रप नेता नाराज हो जाएंगे। असल में मुखियाजी ने मंत्रिमंडल में फेरबदल का प्रारूप उस बल्ब के विज्ञापन की तर्ज पर बनाया है जिसमें कहा जाता है- सारे घर के बदल डालूंगा। अब बताओ, मुखियाजी अहीरवाल के क्षत्रप के खासमखास से लेकर डाक्टर साहब के जरिये बने मंत्रियों को बदलना चाहते हैं।
वैसे भी डाक्टर साहब और अहीरवाल के क्षत्रप वाले मंत्रियों का कामकाज भी संतोषजनक नहीं है। खैर, मुखियाजी यह बदलाव दो उपचुनाव के नतीजों के बाद करना चाहते हैं मगर उनके उप मुखियाजी इससे संतुष्ट नहीं हैं। उपमुखियाजी को अपने दल से एक विधायक को मंत्री बनवाने की जल्दी है।
गब्बर ने कटुता को दी तिलांजलि
होलिका दहन पर गब्बर ने पिछले डेढ़ साल में बनी आपसी कटुता को तिलांजलि दे दी है। गब्बर बोले तो समझ लो कि बात गृहमंत्री अनिल विज की हो रही है। सवाल यह भी है कि गब्बर की किससे कटुता थी? तो सीधे शब्दों में समझ लिजिए, गब्बर ने उनको भी माफ कर दिया है जो उनसे कटुता रखते हैं। गब्बर के इस निर्णय की सर्वत्र प्रशंसा हो रही है। सबसे ज्यादा खुश मुखियाजी हैं। मुखियाजी ने तो होली के दिन दिल्ली दरबार में पहुंचकर गब्बर के विभाग बदलने संबंधी अपने पुराने निर्णय को भी वापस ले लिया है। हालांकि मुखियाजी की इस दरियादिली से उप मुखियाजी नाखुश हैं। उन्होंने मुखियाजी को चिट्ठी लिखी है कि गब्बर यह सब ढोंग दवा घोटाले से बचने के लिए कर रहे हैं। अन्यथा गब्बर में न पहले कोई सुधार था और न अब है। बावजूद इसके मुखियाजी ने गब्बर को माफी दे दी।
मंत्री-विधायकों से नाराज हुए भाई-भतीजे
फरीदाबाद में पंचायत कांड की तथ्यात्मक जांच रिपोर्ट आने पर सूबे में सत्तारूढ़ गठबंधन दलों के विधायक और मंत्रियों के भाई खासे नाराज हैं। असल में फरीदाबाद की दो पंचायतों में जमा राशि में से कोरोना संक्रमण काल में करोड़ों रुपये की निकासी हो गई। जिला के उपायुक्त यशपाल यादव ने तथ्यात्मक जांच रिपोर्ट आने के बाद ब्लाक पंचायत एवं विकास अधिकारी (बीडीपीओ) के भाई पर एफआइआर दर्ज कराई है।
बीडीपीओ के भाई की फर्म को पंचायत ने बिना कोई विकास कार्य कराए ही भुगतान दे दिया। यह मामला सामने आने पर भाजपा विधायक सीमा त्रिखा के भाई और भाभी ने पत्र लिखकर कहा है कि वे उन्हें ऐसा करने से क्यों रोकती हैं। ऐसा ही एक पत्र परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा के भाई और भतीजे ने लिखा है। इन पत्रों में सवाल किया है कि जो काम अधिकारी के भाई कर सकते हैं वह मंत्री के भाई क्यों नहीं?
डायरी के नाम हाे गए सार्वजनिक
समालखा (पानीपत) से कांग्रेस विधायक धर्म सिंह छौक्कर के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी में जो डायरी मिली है,उसका नामकरण पूरे सूबे में सिकंदर डायरी के रूप में हो गया है। असल में डायरी के लेखकर सिकंदर ही हैं। सिकंदर डायरी में जिन अधिकारियों और नेताओं को रिश्वत की रकम देने का उल्लेख है, उन नेताओं और अधिकारियों की नींद भी उड़ी हुई है।
डायरी में लिखे कुछ नाम सार्वजनिक रूप से बताए जा रहे हैं। हालांकि आयकर विभाग के अधिकारियों ने यह डायरी सार्वजनिक नहीं की है। मगर फिर भी यह तक बताया जा रहा है कि लेखक सिकंदर ने डायरी में अपने पिता को डैड लिखा है। डैड को कब कितने पैसे दिए और किस काम के लिए दिए यह भी डायरी में अंकित है। अब राजनीतिक लोगों को तो वोट बनाने के लिए कई तरह के धर्म-पुण्य के कार्यों पर भी मोटा खर्च करना होता है।
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