हरियाणा में सरकारी नौकरियाें में पर्ची और खर्ची बंद, बस मेरिट की जरूरत
हरियाणा में कभी सरकारी भर्तियों में सिफारिश और रिश्वत का खेल बंद हो गया है। राज्य में ग्रुप डी की भर्ती में बिना इंटरव्यू से नया माहौल बना है।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा की राजनीति सरकारी नौकरियों से बंधकर चलती है। प्रदेश में किसी भी दल की सरकार हो, उसमें सरकारी नौकरियां हमेशा बड़ा मुद्दा रही हैैं। पिछले 20 साल की अगर बात करें तो प्रदेश में सरकारी नौकरियों के लिए खूब मारामारी मची। एक आम धारणा बन चुकी थी कि बिना पर्ची और बिना खर्ची सरकारी नौकरियां नहीं मिल सकती। यही वजह है कि युवाओं की बड़ी फौज राजनेताओं के पीछे-पीछे और उनकी रैलियों में जिंदाबाद-मुर्दाबाद के नारे लगाते देखी जा सकती है। लेकिन ग्रुप डी की भर्ती ने उम्मीद जगाई है कि अब पर्ची (सिफारिश) और खर्ची (रिश्वत) का खेल बंद हो गया है। मौजूदा भाजपा सरकार सत्ता संभालने के बाद से इसकी बातें कर रही थीं।
सरकारी नौकरियों के लिए युवाओं का राजनीतिक इस्तेमाल करते रहे खद्दरधारी
प्रदेश में इस समय करीब तीन लाख सरकारी कर्मचारी काम कर रहे हैैं। हर साल औसतन चार से पांच हजार कर्मचारी रिटायर होते हैैं। काम के बोझ के चलते लगभग ढ़ाई लाख कर्मचारियों की और जरूरत है। पिछले दो दशक के अंतराल में राज्य में एक लाख 12 हजार युवाओं की सरकारी नौकरी लगी, लेकिन रिटायर एक लाख कर्मचारी हो चुके। ऐसे में सरकारी भर्ती में तेजी लाने का दबाव हर सरकार पर बना रहता है।
नौकरियों में इंटरव्यू सिस्टम था भ्रष्टाचार का बड़ा कारण, अब यह छेद हुआ बंद
मौजूदा भाजपा सरकार की अगर बात करें तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से हाल ही में प्रदेश की सबसे बड़ी भर्ती को अंजाम दिया है। इंटरव्यू सिस्टम नौकरियों में भ्रष्टाचार का बड़ा जरिया माना जाता रहा है। मनोहर सरकार ने पहली बार इंटरव्यू सिस्टम खत्म कर चतुर्थ श्रेणी के 18 हजार 218 पदों पर भर्ती कर तमाम राजनीतिक दलों को न केवल पीछे छोड़ दिया, बल्कि उनके सामने नई चुनौतियां भी खड़ी कर दी हैैं।
हम यह सर्टिफिकेट नहीं दे रहे कि इन भर्तियों में कुछ गड़बड़ नहीं हुई होगी, लेकिन भाजपा की तरह कांग्र्रेस, इनेलो, जेजेपी, बसपा और आप कार्यकर्ताओं के बच्चों को भी इन भर्तियों में प्रतिनिधित्व मिलने की खबरें आ रही हैैं। अभी तक किसी युवक ने भर्ती प्रक्रिया पर कोई सवाल नहीं उठाया है। ऐसे में यह सरकार की न केवल बड़ी सफलता है, बल्कि युवाओं के बीच यह भरोसा कायम हुआ है कि अब पर्ची या खर्ची नहीं बल्कि पढ़ने लिखने से ही बात बनने वाली है।
पिछली सरकारों के भर्ती सिस्टम भी किसी से छिपे नहीं हैैं। आम धारणा थी कि सरकारी नौकरियों के रेट तय हैैं। हालांकि ऐसे ही आरोप विपक्षी दलों के नेता मौजूदा सरकार पर भी लगाते हैैं, मगर अभी तक कोई खास प्रमाण सामने नहीं आ पाया है।
भाजपा सरकार ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग में पैसे लेकर भर्तियां करने वाले रैकेट के कई सदस्यों को गिरफ्तार कर खुद ही पारदर्शी और भ्रष्टाचार रहित भर्ती का संकेत दिया है, जिसका युवाओं में अच्छा संदेश गया। जाहिर है कि जिस तरह से पिछली सरकारों ने सरकारी भर्तियों का राजनीतिक लाभ लिया है, उसी तरह से भाजपा सरकार भी इस मौके से क्यों चूकना चाहेगी।
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मनोहर, हुड्डा और चौटाला सरकार में हुई भर्तियों का रिपोर्ट कार्ड
1. इनेलो (चौटाला) - 1999 से मार्च 2005 - 5591
2. कांग्रेस (हुड्डा) -मार्च 2005 से अक्टूबर 2009 - 18,020
3. कांग्रेस (हुड्डा) -अक्टूबर 2009 से अक्टूबर 2014 - 44,302
4. भाजपा (मनोहर) - अक्टूबर 2014 से अब तक - 54,197
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हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा भाजपा सरकार में भर्ती
कुल पद विज्ञापित किए -71,481
नियुक्ति प्रक्रिया पूरी -54,197 पदों पर
अभी चल रही भर्ती प्रक्रिया -17,284 पदों पर
पुलिस महकमे में भर्ती प्रक्रिया - 7110 पदों पर
कौशल विकास विभाग में चल रही भर्ती -2643 पद
हाई कोर्ट में अटकी भर्ती - 8958
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इंटरव्यू सिस्टम बंद हुआ तो थम गया भ्रष्टाचार
हरियाणा में पहली बार बगैर किसी साक्षात्कार के इतने बड़े स्तर पर भर्तियां हुईं हैं। इंटरव्यू सिस्टम से भ्रष्टाचार के तमाम रास्ते बंद हो गए जिसके चलते पात्र उम्मीदवारों को ही नौकरी मिलने का दावा किया जा रहा है। ग्र्रुप डी की 18 हजार से अधिक पदों पर हुई भर्ती में इस बार सभी जिलों को पूरा प्रतिनिधित्व मिला है।
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किस जिले में कितनी भर्ती
जिला युवाओं को नौकरी
भिवानी- 2299
हिसार- 2034
जींद- 1659
महेंद्रगढ़- 1428
कैथल- 1037
सोनीपत- 1009
रेवाड़ी- 956
रोहतक- 953
झज्जर- 891
फतेहाबाद 714
करनाल- 702
सिरसा- 673
पानीपत- 667
पलवल- 540
कुरुक्षेत्र- 523
यमुनानगर- 413
अंबाला- 402
गुरुग्राम- 375
फरीदाबाद- 245
मेवात- 154
पंचकूला- 111
अन्य 433
कुल 18,218
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'पारदर्शिता और मेरिट का पूरा ख्याल रखा'
'' हमने तीन महीने के रिकॉर्ड समय में ग्रुप डी की सभी भर्तियों का रिजल्ट घोषित कर दिया। स्टेशन भी अलाट हो गए हैैं। जिलों में उपायुक्तों को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। 17 हजार 284 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया चल रही है। पारदर्शिता और मेरिट का पूरा ख्याल रखा गया।
- भारत भूषण भारती, चेयरमैन, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग।
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'अब मकान और जमीन गिरवी रखने की जरूरत नहीं'
'' पिछली सरकारों का ध्यान नौकरियां बेचने पर लगा रहता था। लोग अपने मकान व जमीनें गिरवी रखकर नौकरियों के लिए पैसा जुटाते थे। फिर भ्रष्टाचार पनपता था। हमारी सरकार में हर वर्ग को और प्रत्येक दल के कार्यकर्ता को नौकरी मिली है। जो पढ़ा और मेरिट में आया, उसने नौकरी पाई।
- जवाहर यादव, पूर्व ओएसडी, सीएम हरियाणा।
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'सीएम ने बंद किए भ्रष्टाचार के सभी रास्ते'
'' इनेलो ने अपनी सरकार में 5500 नौकरी दी। हुड्डा ने 10 साल में 52 हजार नौकरियां दी। दलालों ने कई लोगों के पैसे हजम कर लिए। कई युवाओं को आत्महत्या तक करनी पड़ी। हमारी सरकार ने साढ़े चार साल में 54 हजार से अधिक भर्तियां की और 17 हजार पदों पर प्रक्रिया चल रही है। भ्रष्टाचार के सभी रास्ते मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बंद कर दिए।
- राजीव जैन, मीडिया सलाहकार, सीएम हरियाणा।
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'पिछली सरकारों के रैकेट को हमने ही तोड़ा'
हमारी सरकार ने पहले दिन से ही फैसला कर लिया था कि नौकरियों में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पिछली सरकारों के समय से चले आ रहे रैकेट को हमने ही तोड़ा। नौकरियों में इंटरव्यू सिस्टम खत्म किया। अब पर्ची और खर्ची नहीं चलती। जो युवक योग्य होंगे, भले ही वे किसी भी दल की विचारधारा को स्वीकार करते हों, उन्हें ही योग्यता व मेरिट के आधार पर नौकरी मिलेगी। हमारी सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार 31 फीसदी तक कम हो चुका है। अब तक हम 54 हजार 197 पदों की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर चुके। 17 हजार 284 पदों की भर्ती प्रक्रिया जारी है।
- मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा।
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'भाजपा सरकार में नौकरियों के रेट तय'
'' इनके पास भ्रष्टाचार मापने की कौन सी मशीन है, जरा उसे सामने लाकर दिखाएं। इनके मंत्री और विधायक भ्रष्टाचार में लिप्त हैैं। सोनीपत के बड़ौली में पशु चिकित्सक राकेश की हत्या नौकरियों में भ्रष्टाचार का ताजा उदाहरण है। इसकी सीबीआइ जांच हो। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग में पहले ही रैकेट काम करता है। वहां नौकरियों के रेट की लिस्ट तय है। किसी को अधिक कुछ बताने की जरूरत नहीं है। पब्लिक सब समझती है।
- भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री, हरियाणा।