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हरियाणा के सीएम मनोहर लाल पर हुए हमले में डीजीपी की दूसरी जांच रिपोर्ट पहली से भी कमजोर

बजट सत्र के दौरान पंजाब के अकाली विधायकों द्वारा विधानसभा परिसर में सीएम मनोहर लाल पर हमला करने के मामले में हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव द्वारा सौंपी गई दूसरी जांच रिपोर्ट से भी विधानसभा अध्यक्ष संतुष्ट नहीं हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 17 Jul 2021 10:52 AM (IST)Updated: Sat, 17 Jul 2021 10:52 AM (IST)
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल पर हुए हमले में डीजीपी की दूसरी जांच रिपोर्ट पहली से भी कमजोर
सीएम मनोहर लाल पर हुए हमले की फाइल फोटो।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के बाद अब विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता भी पुलिस महानिदेशक मनोज यादव के पीछे बुरी तरह से पड़ गए हैं। मामला बजट सत्र के दौरान विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सुरक्षा में चूक से जुड़ा है। इसलिए स्पीकर का इस मामले को गंभीरता से लेना वाजिब भी है।

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मुख्यमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में पुलिस महानिदेशक ने स्पीकर को जो दूसरी जांच रिपोर्ट भेजी है, वह पहली रिपोर्ट से भी कमजोर है। स्पीकर इस जांच रिपोर्ट से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हैं। नाराज स्पीकर विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री के साथ हुई अभद्रता का यह मामला अब विधानसभा की विशेषाधिकार कमेटी को भेजेंगे। विधानसभा की यह कमेटी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।

पुलिस महानिदेशक द्वारा सौंपी गई दूसरी जांच रिपोर्ट में उन अधिकारियों को बचा लिया गया है, जिनके खिलाफ पहली रिपोर्ट में कार्रवाई करने की बात कही गई थी। पहली रिपोर्ट में आइपीएस अधिकारी पंकज नैन समेत घटना के लिए जिम्मेदार नौ अफसरों व कर्मचारियों के खिलाफ शीघ्र अनुशासनात्मक कार्रवाई की बात पुलिस महानिदेशक ने कही थी। इनमें से आठ को कारण बताओ नोटिस भी जारी कर दिया गया था। विधानसभा अध्यक्ष पहली रिपोर्ट और उस पर की गई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर सात बिंदुओं पर जवाब तलब किया था। उन्होंने डीजीपी से विस्तृत एक्शन टेकन रिपोर्ट भी मांगी थी।

पुलिस महानिदेशक ने दूसरी रिपोर्ट में आइपीएस अधिकारी पंकज नैन को क्लीन चिट देते हुए लिखा है कि उन्होंने अपनी ड्यूटी संतोषजनक ढंग से निभाई है। पंकज जैन हाल फिलहाल खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग के महानिदेशक हैं। रिपोर्ट में यहां तक कहा गया कि मुख्यमंत्री का सुरक्षा घेरा नहीं टूटने दिया गया था। पुलिस विभाग के तीन कर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच की जा रही है। इन कर्मचारियों में एसआइ गंगाजल, एएसआइ सूबे सिंह और हेड कांस्टेबल प्रवीण कुमार शामिल हैं। पुलिस महानिदेशक ने विभागीय जिम्मेदारी और जवाबदेही दोनों से पल्ला झाड़ते हुए चंडीगढ़ पुलिस के सिर ठीकरा फोडऩे का प्रयास किया है। रिपोर्ट में सिफारिश की गई है चंडीगढ़ पुलिस के डीजीपी को उनके अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

पंजाब के अकाली विधायकों ने किया था सीएम हरियाणा पर हमले का प्रयास

हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान 10 मार्च को पंजाब के अकाली विधायकों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर हमले का प्रयास किया था। इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने राज्य के पुलिस महानिदेशक मनोज यादव से रिपोर्ट मांगी थी। पुलिस महानिदेशक की ओर से भेजी गई पहली रिपोर्ट में बताया गया था कि मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच के लिए विभाग ने सात अप्रैल और 10 जून को बैठकें की।

पुलिस विभाग ने हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के लिए जारी विस्तृत सुरक्षा कार्यक्रम के साथ-साथ पार्किंग और आसपास के क्षेत्र में तैनात कर्मियों का विवरण भी तैयार किया। विभाग ने चूक के लिए नौ कर्मचारियों और अधिकारियों को जिम्मेदार माना था। इनमें से आठ कर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने की बात कही गई।

रिपोर्ट में आश्वासन दिया गया था कि दोषी अधिकारियों की ओर से लिखित जवाब मिलने और विश्लेषण के बाद उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। दूसरी रिपोर्ट में ऐसी किसी कार्रवाई का उल्लेख नहीं है। पहली रिपोर्ट में आइपीएस पंकज नैन का नाम प्रमुखता से लिया गया था। घटना के वक्त नैन विधानसभा के पार्किंग क्षेत्र में व्यवस्था संभालने के प्रभारी थे।


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