हरियाणा में आंदोलनकारियों पर कसा शिकंजा, राज्य में लागू हुआ नुकसान की भरपाई का कानून
हरियाणा में आंदोलनकारियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। हरियाणा सरकार ने आंदोलनों के दौरान उपद्रव व ताेड़फोड़ से होने वाले नुकसान की भरपाई का कानून लागू कर दिया है। अब आंदोलन के दाैरान संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर आंदोलनकारियों से वसूली होगी।
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। हरियाणा व दिल्ली की सीमा पर पिछले सात माह से जमे आंदोलनकारियों के प्रति सख्त रुख अपनाने के साथ ही प्रदेश सरकार ने संपत्ति क्षति वसूली कानून लागू कर दिया है। राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने हरियाणा लोक व्यवस्था में विघ्न के दौरान संपत्ति क्षति वसूली विधेयक 2021 को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी। राज्यपाल की मंजूरी के बाद हरियाणा सरकार ने इस 28 जून को इस कानून की अधिसूचना जारी की, लेकिन अहम बात है कि सरकार ने इसे एक अप्रैल से लागू माना है।
हरियाणा सरकार ने 28 जून को जारी की अधिसूचना, एक अप्रैल से मान्य रहेगी
इस कानून के तहत किसी भी आंदोलन के दौरान होने वाले नुकसान की भरपाई आंदोलनकारियों से कराने का प्रविधान है। हरियाणा सरकार ने विधानसभा में जब इस कानून का मसौदा रखा, तब विपक्ष खासकर कांग्रेस विधायकों ने इसका कड़ा विरोध किया था। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने तो इस कानून का राजनीतिक दुर्भावना से दुरुपयोग होने की आशंका जाहिर की थी। गृह मंत्री अनिल विज का कहना था कि यह कानून आंदोलनकारियों की हिंसात्मक गतिविधियों व तोड़फोड़ पर रोक लगाएगा। इससे लोगों की जान, माल और संपत्ति की सुरक्षा मिलेगी।
राज्य में चल रहा किसान जत्थेबंदियों का आंदोलन, सरकार कर चुकी कड़ा रुख
बता दें कि हरियाणा में अब तक कई ऐसे आंदोलन हो चुके हैं, जिनमें सैकड़ों लोगों की जानें गई और कई हजार करोड़ रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। हाईकोर्ट के अधिवक्ता हेमंत कुमार के अनुसार यह कानून किसी भी आंदोलन की आड़ में लोगों की दुकानों, रेहडि़यों, घरों, सरकारी कार्यालयों, गाडि़यों, बसों तथा अन्य सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले असामाजिक तत्वों पर नकेल डालेगा।
उन्होंने बताया कि नुकसान की विधिवत वसूली कर भरपाई करने का प्रविधान इस कानून में है। इसके लिए एक ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा, जो कि इस प्रकार की शिकायतों की जांच करेगा तथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय लेगा।